☰
Search
Mic
En
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

1000 Names of Lord Ganesha | Sahasranamavali of Lord Ganesha

DeepakDeepak

1000 Ganesha Names

Sahasranamavali of Lord Ganesha

X
गणेश्वर
1
ॐ गणेश्वराय नमः।
Om Ganeshwaraya Namah।
सृष्टि के स्वामी
गणक्रीड
2
ॐ गणक्रीडाय नमः।
Om Ganakridaya Namah।
गणों के साथ क्रीडा करने वाले
गणनाथ
3
ॐ गणनाथाय नमः।
Om Gananathaya Namah।
गणों के नाथ अथवा स्वामी
गणाधिप
4
ॐ गणाधिपाय नमः।
Om Ganadhipaya Namah।
शिवगणों के अधिपति
एकदंष्ट्र
5
ॐ एकदंष्ट्राय नमः।
Om Ekadanshtraya Namah।
एक दाँत वाले
वक्रतुण्ड
6
ॐ वक्रतुण्डाय नमः।
Om vakratundaya Namah।
मुड़ी हुयी सूँड वाले
गजवक्त्र
7
ॐ गजवक्त्राय नमः।
Om Gajavaktraya Namah।
हाथी के मुख वाले
महोदर
8
ॐ महोदराय नमः।
Om Mahodaraya Namah।
विशाल उदर वाले
लम्बोदर
9
ॐ लम्बोदराय नमः।
Om Lambodaraya Namah।
लम्बे उदर वाले
धूम्रवर्ण
10
ॐ धूम्रवर्णाय नमः।
Om Dhumravarnaya Namah।
जिनकी देह धुएँ के रँग की है।
विकट
11
ॐ विकटाय नमः।
Om Vikataya Namah।
विशाल देह वाले
विघ्ननाशक
12
ॐ विघ्ननाशकाय नमः।
Om Vighnashayakaya Namah।
विघ्नों का नाश करने वाले
सुमुख
13
ॐ सुमुखाय नमः।
Om Sumukhaya Namah।
सदैव प्रसन्नचित्त रहने वाले
दुर्मुख
14
ॐ दुर्मुखाय नमः।
Om Durmukhaya Namah।
चञ्चल मुख वाले
बुद्ध
15
ॐ बुद्धाय नमः।
Om Buddhaya Namah।
ज्ञानवान एवं चतुर
विघ्नराज
16
ॐ विघ्नराजाय नमः।
Om Vighnarajaya Namah।
समस्त विघ्नों के स्वामी
गजानन
17
ॐ गजाननाय नमः।
Om Gajananaya Namah।
जिनका शीश हाथी का है।
भीम
18
ॐ भीमाय नमः।
Om Bhimaya Namah।
विशाल एवं कठोर
प्रमोद
19
ॐ प्रमोदाय नमः।
Om Pramodaya Namah।
आनन्ददायक साधन प्रदान करने वाले
आमोद
20
ॐ आमोदाय नमः।
Om Amodaya Namah।
सदैव उत्साहित रहने वाले
सुरानन्द
21
ॐ सुरानन्दाय नमः।
Om Suranandaya Namah।
शिवगणों को प्रसन्नता प्रदान करने वाले
मदोत्कट
22
ॐ मदोत्कटाय नमः।
Om Madotkataya Namah।
निष्कपट एवं मेधावी
हेरम्ब
23
ॐ हेरम्बाय नमः।
Om Herambaya Namah।
दुर्बलों की रक्षा करने वाले
शम्बर
24
ॐ शम्बराय नमः।
Om Shambaraya Namah।
जल के रूप में निवास करने वाले
शम्भु
25
ॐ शम्भवे नमः।
Om Shambhave Namah।
आनन्द प्रदान करने वाले
लम्बकर्ण
26
ॐ लम्बकर्णाय नमः।
Om Lambakarnaya Namah।
बड़े कानों वाले
महाबल
27
ॐ महाबलाय नमः।
Om Mahabalaya Namah।
अत्यधिक सुदृढ़ एवं साहसी
नन्दन
28
ॐ नन्दनाय नमः।
Om Nandanaya Namah।
जो युवा हैं।
अलम्पट
29
ॐ अलम्पटाय नमः।
Om Alampataya Namah।
सुन्दर वस्त्र धारण करने वाले
अभीरु
30
ॐ अभीरवे नमः।
Om Abhirave Namah।
निर्भीक
मेघनाद
31
ॐ मेघनादाय नमः।
Om Meghanadaya Namah।
मेघों के समान गर्जना करने वाले
गणञ्जय
32
ॐ गणञ्जयाय नमः।
Om Gananjayaya Namah।
दुष्टों पर विजय पाने वाले
विनायक
33
ॐ विनायकाय नमः।
Om Vinayakaya Namah।
सर्वोच्च एवं सर्वश्रेष्ठ
विरूपाक्ष
34
ॐ विरूपाक्षाय नमः।
Om Virupakshaya Namah।
सूर्य, चन्द्र तथा अग्नि को नेत्रों के रूप में धारण करने वाले
धीरशूर
35
ॐ धीरशूराय नमः।
Om Dhirashuraya Namah।
अत्यन्त शूरवीर
वरप्रद
36
ॐ वरप्रदाय नमः।
Om Varapradaya Namah।
वर प्रदान करने वाले
महागणपति
37
ॐ महागणपतये नमः।
Om Mahaganapataye Namah।
सर्वशक्तिमान
बुद्धिप्रिय
38
ॐ बुद्धिप्रियाय नमः।
Om Buddhipriyaya Namah।
ज्ञान के प्रशंसक
क्षिप्रप्रसादन
39
ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः।
Om Kshipraprasadanaya Namah।
शीघ्र वर प्रदान करने वाले
रुद्रप्रिय
40
ॐ रुद्रप्रियाय नमः।
Om Rudrapriyaya Namah।
रुद्र मन्त्र के प्रशंसक
गणाध्यक्ष
41
ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
Om Ganadhyakshaya Namah।
36 सिद्धान्तों की रक्षा करने वाले
उमापुत्र
42
ॐ उमापुत्राय नमः।
Om Umaputraya Namah।
देवी उमा के पुत्र
अघनाशन
43
ॐ अघनाशनाय नमः।
Om Aghanashanaya Namah।
पापों का नाश करने वाले
कुमारगुरु
44
ॐ कुमारगुरवे नमः।
Om Kumaragurave Namah।
भगवान कार्तिकेय के गुरु
ईशानपुत्र
45
ॐ ईशानपुत्राय नमः।
Om Ishanaputraya Namah।
भगवान शिव के पुत्र
मूषकवाहन
46
ॐ मूषकवाहनाय नमः।
Om Mushakavahanaya Namah।
मूषक को अपना वाहन रखने वाले
सिद्धिप्रिय
47
ॐ सिद्धिप्रियाय नमः।
Om Siddhipriyaya Namah।
सिद्धि प्रदान करने वाले
सिद्धिपति
48
ॐ सिद्धिपतये नमः।
Om Siddhipataye Namah।
समस्त सिद्धियों के स्वामी
सिद्ध
49
ॐ सिद्धये नमः।
Om Siddhaye Namah।
जो स्वयं सिद्धि स्वरूप हैं।
सिद्धिविनायक
50
ॐ सिद्धिविनायकाय नमः।
Om Siddhivinayakaya Namah।
सफलता प्रदान करने वाले
अविघ्न
51
ॐ अविघ्नाय नमः।
Om Avighnaya Namah।
अज्ञान को नष्ट करने वाले
तुम्बरु
52
ॐ तुम्बुरवे नमः।
Om Tumburave Namah।
तुम्बुरु नामक वाद्ययन्त्र से प्रसन्न होने वाले
सिंहवाहन
53
ॐ सिंहवाहनाय नमः।
Om Sinhavahanaya Namah।
सिंह के वाहन पर आरूढ़ रहने वाले
मोहिनीप्रिय
54
ॐ मोहिनीप्रियाय नमः।
Om Mohinipriyaya Namah।
मोहिनी के प्रिय
कटङ्कट
55
ॐ कटङ्कटाय नमः।
Om Katankataya Namah।
अज्ञान का नाश करने वाले
राजपुत्र
56
ॐ राजपुत्राय नमः।
Om Rajaputraya Namah।
राजा वरेण्य के पुत्र
शालक
57
ॐ शालकाय नमः।
Om Shalakaya Namah।
शान्त एवं संयमित
सम्मित
58
ॐ सम्मिताय नमः।
Om Sammitaya Namah।
आकार प्रकार में समान एवं अनुरूप
अमित
59
ॐ अमिताय नमः।
Om Amitaya Namah।
असीमित
कूष्माण्ड सामसम्भूति
60
ॐ कूष्माण्ड सामसम्भूतये नमः।
Om Kushmanda Samasambhutaye Namah।
वेदों को अपनी सम्पत्ति मानने वाले
दुर्जय
61
ॐ दुर्जयाय नमः।
Om Durjayaya Namah।
अपराजेय
धूर्जय
62
ॐ धूर्जयाय नमः।
Om Dhurjayaya Namah।
दुर्जनों को जीतने वाले
जय
63
ॐ जयाय नमः।
Om Jayaya Namah।
विजयी
भूपति
64
ॐ भूपतये नमः।
Om Bhupataye Namah।
देवों के देव
भुवनपति
65
ॐ भुवनपतये नमः।
Om Bhuvanapataye Namah।
संसार के स्वामी
भूतानां पति
66
ॐ भूतानां पतये नमः।
Om Bhutanam Pataye Namah।
पञ्च तत्वों के अधिपति
अव्यय
67
ॐ अव्ययाय नमः।
Om Avyayaya Namah।
अमर
विश्वकर्ता
68
ॐ विश्वकर्त्रे नमः।
Om Vishvakartre Namah।
सृष्टि के निर्माता
विश्वमुख
69
ॐ विश्वमुखाय नमः।
Om Vishvamukhaya Namah।
जो मुख के रूप में सृष्टि धारण करे हैं।
विश्वरूप
70
ॐ विश्वरूपाय नमः।
Om Vishvarupaya Namah।
सम्पूर्ण सृष्टि के रूप में जो हैं।
निधि
71
ॐ निधये नमः।
Om Nidhaye Namah।
नौ निधियाँ प्रदान करने वाले
घृणि
72
ॐ घृणये नमः।
Om Ghrinaye Namah।
जो सूर्य के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
कवि
73
ॐ कवये नमः।
Om Kavaye Namah।
कवि
कवीनामृषभ
74
ॐ कवीनामृषभाय नमः।
Om Kavinamrishabhaya Namah।
कवियों में सर्वश्रेष्ठ
ब्रह्मण्य
75
ॐ ब्रह्मण्याय नमः।
Om Brahmanyaya Namah।
ब्रह्मा के रक्षक
ब्रह्मणस्पति
76
ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः।
Om Brahmanaspataye Namah।
वाणी के स्वामी
ज्येष्ठराजा
77
ॐ ज्येष्ठराजाय नमः।
Om Jyeshtharajaya Namah।
सामवेद के अनुसार सबसे बड़े
निधिपति
78
ॐ निधिपतये नमः।
Om Nidhipataye Namah।
निधियों के अभिरक्षक
निधिप्रिय पतिप्रिय
79
ॐ निधिप्रियपतिप्रियाय नमः।
Om Nidhipriyapatipriyaya Namah।
कुबेर भी जिनकी पूजा करते हैं।
हिरण्मयपुरान्तः स्थ
80
ॐ हिरण्मयपुरान्तः-स्थाय नमः।
Om Hiranmayapurantah-Sthaya Namah।
गहरे विचारों में मग्न रहने वाले
सूर्यमण्डलमध्यग
81
ॐ सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः।
Om Suryamandalamadhyagaya Namah।
सूर्यमण्डल में निवास करने वाले
कराहतिविध्वस्त सिन्धुसलिल
82
ॐ कराहतिविध्वस्त-सिन्धुसलिलाय नमः।
Om Karahatividhvasta-sindhusalilaya Namah।
अपनी सूँड से समुद्र सूखा देने वाले
पूषदंतभि
83
ॐ पूषदंतभिदे नमः।
Om Pushadantabhide Namah।
पूषा का दाँत खण्डित करने वाले
उमाङ्क केलिकुतुक
84
ॐ उमाङ्ककेलिकुतुकिने नमः।
Om Umankakelikutukine Namah।
माता उमा की गोद में हर्षित होने वाले
मुक्तिद
85
ॐ मुक्तिदाय नमः।
Om Muktidaya Namah।
मुक्ति प्रदान करने वाले
कुलपालन
86
ॐ कुलपालनाय नमः।
Om Kulapalanaya Namah।
कुल का पालन/रक्षा करने वाले
किरीटी
87
ॐ किरीटिने नमः।
Om Kiritine Namah।
सुन्दर मुकुट धारण करने वाले
कुण्डली
88
ॐ कुण्डलिने नमः।
Om Kundaline Namah।
कुण्डल धारण करने वाले
हारी
89
ॐ हारिणे नमः।
Om Harine Namah।
जो मोतियों का हार धारण करे हुये हैं।
वनमाली
90
ॐ वनमालिने नमः।
Om Vanamaline Namah।
जो सुन्दर पुष्पों के हार से सुशोभित हैं।
मनोमय
91
ॐ मनोमयाय नमः।
Om Manomayaya Namah।
अपने मन की करने वाले / स्वमत
वैमुख्यहत दैत्यश्री
92
ॐ वैमुख्यहत-दैत्यश्रिये नमः।
Om Vaimukhyahata-Daityashriye Namah।
अश्रद्धावान का वैभव हरने वाले
पादाहतिजितक्षिति
93
ॐ पादाहतिजितक्षितये नमः।
Om Padahatijitakshitaye Namah।
अपने चरणों से पृथ्वी का अहँकार नष्ट करने वाले
सद्योजात स्वर्णमुञ्जमेखली
94
ॐ सद्योजात-स्वर्णमुञ्ज-मेखलिने नमः।
Om Sadyojata-Swarnamunja-Mekhaline Namah।
कमर में कुशा घास की मेखला धारण करने वाले
दुर्निमित्तहृत
95
ॐ दुर्निमित्तहृते नमः।
Om Durnimittahrite Namah।
अशुभ शकुनों का नाश करने वाले
दुःस्वप्नहृत
96
ॐ दुःस्वप्नहृते नमः।
Om Duhswapnahrite Namah।
दुःस्वप्न का नाश करने वाले
प्रसहन
97
ॐ प्रसहनाय नमः।
Om Prasahanaya Namah।
दोषों को सहन करने वाले
गुणी
98
ॐ गुणिने नमः।
Om Gunine Namah।
समस्त गुणों के स्वामी
नादप्रतिष्ठित
99
ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः।
Om Nadapratishthitaya Namah।
सङ्गीत में विद्यमान रहने वाले
सुरूप
100
ॐ सुरूपाय नमः।
Om Surupaya Namah।
सुन्दर रूप वाले
सर्वनेत्राधिवास
101
ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः।
Om Sarvanetradhivasaya Namah।
सभी के नेत्रों में विद्यमान रहने वाले
वीरासनाश्रय
102
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः।
Om Virasanashrayaya Namah।
सुदृढ़ता से डटे रहने वाले
पीताम्बर
103
ॐ पीताम्बराय नमः।
Om Pitambaraya Namah।
पीत वस्त्र धारण करने वाले
खण्डरद
104
ॐ खण्डरदाय नमः।
Om Khandaradaya Namah।
जिनका एक दाँत खण्डित है।
खण्डेन्दुकृतशेखर
105
ॐ खण्डेन्दुकृतशेखराय नमः।
Om Khandendukritashekharaya Namah।
जिनके घुँघराले वालों में अर्धचन्द्र सुशोभित है।
चित्राङ्क श्यामदशन
106
ॐ चित्राङ्क-श्यामदशनाय नमः।
Om Chitrnka-Shyamadashanaya Namah।
विचित्र रंग-बिरंगे दाँत वाले
भालचन्द्र
107
ॐ भालचन्द्राय नमः।
Om Bhalachandraya Namah।
जिनके मस्तक पर चन्द्रमा सुशोभित है।
चतुर्भुज
108
ॐ चतुर्भुजाय नमः।
Om Chaturbhujaya Namah।
चार भुजाधारी / जिनके चार हाथ हैं।
योगाधिप
109
ॐ योगाधिपाय नमः।
Om Yogadhipaya Namah।
योग के अधिष्ठाता
तारकस्थ
110
ॐ तारकस्थाय नमः।
Om Tarakasthaya Namah।
तारकमन्त्र में निवास करने वाले / सर्वोच्च पञ्च देवों में से एक
पुरुष
111
ॐ पुरुषाय नमः।
Om Purushaya Namah।
पुरुष
गजकर्णक
112
ॐ गजकर्णकाय नमः।
Om Gajakarnakaya Namah।
हाथी के कान वाले
गणाधिराज
113
ॐ गणाधिराजाय नमः।
Om Ganadhirajaya Namah।
गणों के राजा
विजयस्थिर
114
ॐ विजयस्थिराय नमः।
Om Vijayasthiraya Namah।
सदैव विजय हेतु आतुर
गजपतिर्ध्वजी
115
ॐ गजपतिर्ध्वजिने नमः।
Om Gajapatirdhwajine Namah।
जो हाथी के प्रतीक वाला ध्वज लिये हैं।
देवदेव
116
ॐ देवदेवाय नमः।
Om Devadevaya Namah।
देवताओं के भी देवता
स्मरप्राणदीपक
117
ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः।
Om Smarapranadipakaya Namah।
मन्मथ को पुनर्जीवित करने वाले
वायुकीलक
118
ॐ वायुकीलकाय नमः।
Om Vayukilakaya Namah।
जीवन शक्ति के रक्षक
विपश्चिद् वरद
119
ॐ विपश्चिद् वरदाय नमः।
Om Vipashchid Varadaya Namah।
राजा विपश्चिद को वरदान देने वाले
नादोन्नाद भिन्न बलाहक
120
ॐ नादोन्नाद-भिन्न-बलाहकाय नमः।
Om Nadonnadabhinnabalahakaya Namah।
सूँड से मेघों की दिशा बदल देने वाले
वराहरदन
121
ॐ वराहरदनाय नमः।
Om Varaharadanaya Namah।
वाराह के दाँत से अधिक सुन्दर दाँत वाले
मृत्युंजय
122
ॐ मृत्युंजयाय नमः।
Om Mrityunjayaya Namah।
मृत्यु पर विजय पाने वाले
व्याघ्राजिनाम्बर
123
ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः।
Om Vyaghrajinambaraya Namah।
बाघम्बर धारण करने वाले
इच्छाशक्तिधर
124
ॐ इच्छाशक्तिधराय नमः।
Om Ichchhashaktidharaya Namah।
आत्म नियन्त्रण में रहने वाले
देवत्राता
125
ॐ देवत्रात्रे नमः।
Om Devatratre Namah।
देवों की रक्षा करने वाले
दैत्यविमर्दन
126
ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः।
Om Daityavimardanaya Namah।
दैत्यों का सँहार करने वाले
शम्भुवक्त्रोद्भव
127
ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः।
Om Shambhuvaktrodbhavaya Namah।
शिव के मुख से व्यक्त होने वाले
शम्भुकोपघ्नी
128
ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः।
Om Shambhukopaghne Namah।
शिव जी का क्रोध शान्त करने वाले
शम्भुहास्यभु
129
ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः।
Om Shambhuhasyabhuve Namah।
शिव जी की महिमा का गुणगान करने वाले
शम्भुतेजस
130
ॐ शम्भुतेजसे नमः।
Om Shambhutejase Namah।
शिव के समान तेज वाले
शिवाशोकहारी
131
ॐ शिवाशोकहारिणे नमः।
Om Shivashokaharine Namah।
माता पार्वती (शिवा) के शोक को हरने वाले
गौरीसुखावह
132
ॐ गौरीसुखावहाय नमः।
Om Gaurisukhavahaya Namah।
माता गौरी को प्रसन्न रखने वाले
उमाङ्गमलज
133
ॐ उमाङ्गमलजाय नमः।
Om Umangamalajaya Namah।
देवी उमा की गोद में खेलने वाले
गौरीतेजोभु
134
ॐ गौरीतेजोभुवे नमः।
Om Gauritejobhuve Namah।
माता पार्वती के तेज से उत्पन्न
स्वर्धुनीभव
135
ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः।
Om Swardhunibhavaya Namah।
गङ्गा के उद्भव का कारण
यज्ञकाय
136
ॐ यज्ञकायाय नमः।
Om Yagyakayaya Namah।
जो स्वयं यज्ञ स्वरूप हैं।
महानाद
137
ॐ महानादाय नमः।
Om Mahanadaya Namah।
अत्यन्त तेज ध्वनि उत्पन्न करने वाले
गिरिवर्ष्मा
138
ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः।
Om Girivarshmane Namah।
पर्वतों के समान देह वाले
शुभानन
139
ॐ शुभाननाय नमः।
Om Shubhananaya Namah।
मंगलमयी मुखाकृति वाले
सर्वात्मा
140
ॐ सर्वात्मने नमः।
Om Sarvatmane Namah।
समस्त सृष्टि में विद्यमान रहने वाले
सर्वदेवात्मा
141
ॐ सर्वदेवात्मने नमः।
Om Sarvadevatmane Namah।
समस्त देवों में उपस्थित रहने वाले
ब्रह्ममूर्धा
142
ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः।
Om Brahmamurdhane Namah।
ब्रह्मा के मुख वाले
ककुप् श्रुति
143
ॐ ककुप् श्रुतये नमः।
Om Kakup Shrutaye Namah।
दिशाओं को कान के रूप में धारण करने वाले
ब्रह्माण्डकुम्भ
144
ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः।
Om Brahmandakumbhaya Namah।
सृष्टि को अपने मस्तिष्क के भाग में रखने वाले
चिद् व्योमभाल
145
ॐ चिद् व्योमभालाय नमः।
Om Chid Vyomabhalaya Namah।
अन्तरिक्ष के समान मस्तक वाले
सत्यशिरोरुह
146
ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः।
Om Satyashiroruhaya Namah।
सत्य को केश के रूप में धारण करने वाले
जगज्जन्मल योन्मेष निमेष
147
ॐ जगज्जन्मलयोन्मेष-निमेषाय नमः।
Om Jagajjanmalayonmesha-nimeshaya Namah।
क्षणभर में सृष्टि का सृजन एवं संहार करने वाले
अग्न्यर्कसोमदृश
148
ॐ अग्न्यर्कसोमदृशे नमः।
Om Agnyarkasomadrishe Namah।
सूर्य, चन्द्र एवं अग्नि को नेत्रों के रूप में धारण करने वाले
गिरीन्द्रैकरद
149
ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः।
Om Girindraikaradaya Namah।
जो मेरु पर्वत को अपने दाँत के रूप में धारण किये हुये हैं।
धर्मो धर्मिष्ठ
150
ॐ धर्माधर्मोष्ठाय नमः।
Om Dharmadharmoshthaya Namah।
धर्म और अधर्म जिनके दोनों ओष्ठ हैं।
सामबृंहित
151
ॐ सामबृंहिताय नमः।
Om Samabrimhitaya Namah।
सामवेद जिनकी वाणी है।
ग्रहर्क्षदशन
152
ॐ ग्रहर्क्षदशनाय नमः।
Om Graharkshadashanaya Namah।
सूर्य आदि ग्रहों को अपने दाँतों के रूप में धारण करने वाले
वाणीजिह्व
153
ॐ वाणीजिह्वाय नमः।
Om Vanijihvaya Namah।
वाणी को जीव्हा के रूप में धारण करने वाले
वासव नासिक
154
ॐ वासव-नासिकाय नमः।
Om Vasava-nasikaya Namah।
इन्द्र को नासिका के रूप में धारण करने वाले
कुलाचलांस
155
ॐ कुलाचलांसाय नमः।
Om Kulachalansaya Namah।
कुल पर्वत जिनके कन्धो के रूप में स्थित हैं।
सोमार्कघण्ट
156
ॐ सोमार्कघण्टाय नमः।
Om Somarkaghantaya Namah।
चन्द्र रूपी गर्दन वाले
रुद्रशिरोधर
157
ॐ रुद्रशिरोधराय नमः।
Om Rudrashirodharaya Namah।
जो सिर पर रुद्र को धारण किये हैं।
नदीनदभुज
158
ॐ नदीनदभुजाय नमः।
Om Nadinadabhujaya Namah।
नदियाँ जिनकी भुजायें हैं।
सर्पाङ्गुलीक
159
ॐ सर्पाङ्गुलीकाय नमः।
Om Sarpangulikaya Namah।
सर्प जिनकी अँगुलियाँ हैं।
तारकानख
160
ॐ तारकानखाय नमः।
Om Tarakanakhaya Namah।
तारों को नख के रूप में धारण करने वाले
भ्रूमध्यसंस्थितकर
161
ॐ भ्रूमध्यसंस्थितकराय नमः।
Om Bhrumadhyasansthitakaraya Namah।
सिद्धान्त जिनकी भौंहों के मध्य शुण्ड रूप में हैं।
ब्रह्मविद्यामदोत्कट
162
ॐ ब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः।
Om Brahmavidyamadotkataya Namah।
प्रचुर बुद्धि वाले
व्योमनाभ
163
ॐ व्योमनाभये नमः।
Om Vyomanabhaye Namah।
आकाश रूपी नाभि वाले
श्रीहृदय
164
ॐ श्रीहृदयाय नमः।
Om Shrihridayaya Namah।
श्री/ सौभाग्य रूपी हृदय वाले (ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद – इन तीनों को 'श्री' कहते हैं।)
मेरुपृष्ठ
165
ॐ मेरुपृष्ठाय नमः।
Om Meruprishthaya Namah।
मेरु पर्वत जिनके नितम्ब हैं।
अर्णवोदर
166
ॐ अर्णवोदराय नमः।
Om Arnavodaraya Namah।
समुद्र जिनके उदर का जल है।
कुक्षिस्थ यक्ष गन्धर्व रक्षः किन्नर मानुष
167
ॐ कुक्षिस्थ-यक्षगन्धर्व रक्षःकिन्नरमानुषाय नमः।
Om Kukshistha-Yakshagandharva RakshahKinnaramanushaya Namah।
यक्ष, गन्धर्व, राक्षस, किन्नर और मनुष्य जिनकी नाड़ियाँ हैं।
पृथ्विकटि
168
ॐ पृथ्विकटये नमः।
Om Prithvikataye Namah।
पृथ्वी जिनके कटिभाग (कमर) के रूप में है।
सृष्टिलिङ्ग
169
ॐ सृष्टिलिङ्गाय नमः।
Om Srishtilingaya Namah।
सृष्टि जिनकी जननेन्द्रिय है।
शैलोरुर
170
ॐ शैलोरवे नमः।
Om Shailorave Namah।
पर्वत जिनकी जङ्घा हैं।
दस्रजानुक
171
ॐ दस्रजानुकाय नमः।
Om Dasrajanukaya Namah।
दोनों अश्विनीकुमार जिनके दो घुटने हैं।
पातालजङ्घ
172
ॐ पातालजङ्घाय नमः।
Om Patalajanghaya Namah।
पाताल जिनकी दोनों एड़ियाँ हैं।
मुनिपद
173
ॐ मुनिपदे नमः।
Om Munipade Namah।
मुनि जिनके चरण हैं।
कालाङ्गुष्ठ
174
ॐ कालाङ्गुष्ठाय नमः।
Om Kalangushthaya Namah।
यम जिनका बड़ा अँगूठा है।
त्रयीतनु
175
ॐ त्रयीतनवे नमः।
Om Trayitanave Namah।
तीन वेद उनकी शेष देह के रूप में हैं।
ज्योतिर्मण्डललाङ्गूल
176
ॐ ज्योतिर्मण्डललाङ्गूलाय नमः।
Om Jyotirmandalalangulaya Namah।
सूर्य जिनकी पूँछ है।
हृदयालाननिश्चल
177
ॐ हृदयालान-निश्चलाय नमः।
Om Hridayalana-Nishchalaya Namah।
भक्तों के हृदय में निवास करने वाले
हृत्पद्मकर्णिकाशालि वियत्केलिसरोवर
178
ॐ हृत्पद्मकर्णिकाशालि-वियत्केलिसरोवराय नमः।
Om Hritpadmakarnikashali-Viyatkelisarovaraya Namah।
भक्तों के हृदयस्थल में क्रीडा का आनन्द लेने वाले
सद्भक्तध्याननिगड
179
ॐ सद्भक्तध्याननिगडाय नमः।
Om Sadbhaktadhyananigadaya Namah।
भक्तों की भक्तिरूपी बन्धन में बन्ध जाने वाले
पूजावारिनिवारित
180
ॐ पूजावारिनिवारिताय नमः।
Om Pujavarinivaritaya Namah।
भक्तों की प्रार्थना से बँधे रहने वाले
प्रतापी
181
ॐ प्रतापिने नमः।
Om Pratapine Namah।
पराक्रमी
कश्यपसुत
182
ॐ कश्यपसुताय नमः।
Om Kashyapasutaya Namah।
ऋषि कश्यप के पुत्र
गणप
183
ॐ गणपाय नमः।
Om ganapaya Namah।
साधुओं के रक्षक
विष्टपी
184
ॐ विष्टपिने नमः।
Om Vishtapine Namah।
संसार के आधार
बली
185
ॐ बलिने नमः।
Om Baline Namah।
शक्तिशाली एवं बलिष्ठ
यशस्वी
186
ॐ यशस्विने नमः।
Om Yashasvine Namah।
महान एवं कीर्तिवान
धार्मिक
187
ॐ धार्मिकाय नमः।
Om Dharmikaya Namah।
धर्म-कर्म को प्रोत्साहित करने वाले
स्वोज
188
ॐ स्वोजसे नमः।
Om Svojase Namah।
ओजपूर्ण व्यक्तित्व वाले
प्रथम
189
ॐ प्रथमाय नमः।
Om Prathamaya Namah।
सर्वप्रथम पूजे जाने वाले
प्रथमेश्वर
190
ॐ प्रथमेश्वराय नमः।
Om Prathameshwaraya Namah।
त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के स्वामी
चिन्तामणिद्वीप पति
191
ॐ चिन्तामणिद्वीप पतये नमः।
Om Chintamanidwipa Pataye Namah।
चिन्तामणि नामक द्वीप के अधिपति
कल्पद्रुमवनालय
192
ॐ कल्पद्रुमवनालयाय नमः।
Om Kalpadrumavanalayaya Namah।
कल्पवृक्ष के वन में निवास करने वाले
रत्नमण्डपमध्यस्थ
193
ॐ रत्नमण्डपमध्यस्थाय नमः।
Om Ratnamandapamadhyasthaya Namah।
रत्न से सुसज्जित मण्डप में विराजमान
रत्नसिंहासनाश्रय
194
ॐ रत्नसिंहासनाश्रयाय नमः।
Om Ratnasinhasanashrayaya Namah।
रत्नसिंहासन पर आरूढ़ रहने वाले
तीव्राशिरोद्धृतपद
195
ॐ तीव्राशिरोद्-धृतपदाय नमः।
Om Tivrashiroddhritapadaya Namah।
तीव्रा नामक पीठ-शक्ति पर चरण रखने वाले
ज्वालिनीमौलिलालित
196
ॐ ज्वालिनीमौलि-लालिताय नमः।
Om Jwalinimauli-lalitaya Namah।
ज्वालिनी जिनकी पूजा करती है।
नन्दानन्दितपीठश्री
197
ॐ नन्दानन्दित-पीठश्रिये नमः।
Om Nandanandita-pithashriye Namah।
नन्दनादिता पर अनुग्रह करने वाले
भोगदा भूषितासन
198
ॐ भोगदा-भूषितासनाय नमः।
Om Bhogada-bhushitasanaya Namah।
जो भोगदा नामक सिंहासन पर विराजमान हैं।
सकामदायिनीपीठ
199
ॐ सकामदायिनी-पीठाय नमः।
Om Sakamadayini-pithaya Namah।
जो कामदायिनी पीठ पर विराजमान हैं।
स्फुरदुग्रासनाश्रय
200
ॐ स्फुरदुग्रासनाश्रयाय नमः।
Om Sphuradugrasanashrayaya Namah।
उग्र आसन पर विराजने वाले
तेजोवतीशिरोरत्न
201
ॐ तेजोवतीशिरोरत्नाय नमः।
Om Tejowatishiroratnaya Namah।
जो तेजोवती को रत्न के रूप धारण किये हुये हैं।
सत्यानित्यावतंसित
202
ॐ सत्यानित्यावतंसिताय नमः।
Om Satyanityawatansitaya Namah।
सत्य जिनके चरणों में उपस्थित है। / सत्या नाम की शक्ति नित्य जिनके सेवा में उपस्थित है।
सविघ्ननाशिनीपीठ
203
ॐ सविघ्ननाशिनीपीठाय नमः।
Om Savighnanashinipithaya Namah।
जो विघ्ननाशिनी नामक शक्ति पर विराजित हैं।
सर्वशक्त्यम्बुजाश्रय
204
ॐ सर्वशक्त्यम्बुजाश्रयाय नमः।
Om Sarvashaktyambujashrayaya Namah।
जो अष्ट कमल दल पर विराजमान हैं।
लिपिपद्मासनाधार
205
ॐ लिपिपद्मासनाधाराय नमः।
Om Lipipadmasanadharaya Namah।
50 अक्षरों से सुसज्जित कमल पर सुशोभित होने वाले
वह्निधाम त्रयाश्रय
206
ॐ वह्निधाम-त्रयाश्रयाय नमः।
Om Vahnidhama-trayashrayaya Namah।
कमल के मध्य विराजमान होने वाले
उन्नतप्रपदा
207
ॐ उन्नतप्रपदाय नमः।
Om Unnatprapadaya Namah।
जिनके चरण कूर्म (कछुआ) की पीठ के समान हैं।
गूढगुल्फ
208
ॐ गूढगुल्फाय नमः।
Om Gudhagulphaya Namah।
जिनके टखने छुपे हुये हैं।
संवृतपार्ष्णिक
209
ॐ संवृतपार्ष्णिकाय नमः।
Om Samvritaparshinakaya Namah।
जिनके पैरों के तलवे अर्धवृत्ताकार हैं।
पीनजङ्ग
210
ॐ पीनजङ्गाय नमः।
Om Pinajanghaya Namah।
जिनके टखने के नीचे का भाग माँसल है।
श्लिष्टजानु
211
ॐ श्लिष्टजानवे नमः।
Om Shlishtajanave Namah।
सुन्दर घुटनों वाले
स्थूलोरु
212
ॐ स्थूलोरवे नमः।
Om Sthulorave Namah।
मोटी जङ्घा वाले
प्रोन्नमत्कटि
213
ॐ प्रोन्नमत्कटये नमः।
Om Pronnamatkataye Namah।
जिनकी कमर समृद्धि को सूचित करती है।
निम्ननाभि
214
ॐ निम्ननाभये नमः।
Om Nimnanabhaye Namah।
अत्यन्त गहरी नाभि वाले
स्थूलकुक्षि
215
ॐ स्थूलकुक्षये नमः।
Om Sthulakukshaye Namah।
विशाल उदर वाले
पीनवक्षा
216
ॐ पीनवक्षसे नमः।
Om Pinavakshase Namah।
सुदृड़ वक्षस्थल वाले
बृहद्भुज
217
ॐ बृहद्भुजाय नमः।
Om Brihadbhujaya Namah।
बलवान हाथों वाले
पीनस्कन्ध
218
ॐ पीनस्कन्धाय नमः।
Om Pinaskandhaya Namah।
बलिष्ठ भुजाओं वाले
कम्बुकण्ठ
219
ॐ कम्बुकण्ठाय नमः।
Om kambukanthaya Namah।
दक्षिणावर्ती शंख के समान गर्दन वाले
लम्बोष्ठ
220
ॐ लम्बोष्ठाय नमः।
Om Lamboshthaya Namah।
लटकते हुये ओठों वाले
लम्बनासिक
221
ॐ लम्बनासिकाय नमः।
Om Lambanasikaya Namah।
लम्बी नासिका (सूँड) वाले
भग्नवामरद
222
ॐ भग्नवामरदाय नमः।
Om Bhagnavamaradaya Namah।
जिनका बायाँ दाँत खण्डित है।
तुङ्गसव्यदन्त
223
ॐ तुङ्गसव्यदन्ताय नमः।
Om Tungasavyadantaya Namah।
जिनका दायाँ दाँत विशाल है।
महाहनु
224
ॐ महाहनवे नमः।
Om Mahahanave Namah।
जिनकी ठोड़ी अत्यधिक विशाल है।
ह्रस्वनेत्रत्रय
225
ॐ ह्रस्वनेत्रत्रयाय नमः।
Om Hrasvanetratrayaya Namah।
जिनका एक छोटा त्रिनेत्र है।
शूर्पकर्ण
226
ॐ शूर्पकर्णाय नमः।
Om Shurpakarnaya Namah।
सूप (शूर्प) के समान कानों वाले
निबिडमस्तक
227
ॐ निबिडमस्तकाय नमः।
Om Nibidamastakaya Namah।
कठोर मस्तक वाले
स्तबकाकारकुम्भाग्र
228
ॐ स्तबकाकारकुम्भाग्राय नमः।
Om Stabakakarakumbhagraya Namah।
जिनके मस्तक का अग्रभाग पुष्पों के गुच्छे के समान है।
रत्नमौलि
229
ॐ रत्नमौलये नमः।
Om Ratnamaulaye Namah।
रत्न जड़ित मुकुट धारण करने वाले
निरङ्कुश
230
ॐ निरङ्कुशाय नमः।
Om Nirankushaya Namah।
जो परम स्वतन्त्र हैं।
सर्पहारकटिसूत्र
231
ॐ सर्पहारकटिसूत्राय नमः।
Om Sarpaharakatisutraya Namah।
सर्पाकार कटिसूत्र (मेखला ) धारण करने वाले
सर्पयज्ञोपवीतवान
232
ॐ सर्पयज्ञोपवीतवते नमः।
Om Sarpayagyopavitavate Namah।
सर्पाकार यज्ञोपवीत धारण करने वाले
सर्पकोटीरकटक
233
ॐ सर्पकोटीरकटकाय नमः।
Om Sarpakotirakatakaya Namah।
सर्प को मुकुट व कँगन के रूप में धारण करने वाले
सर्पग्रैवेयकाङ्गद
234
ॐ सर्पग्रैवेयकाङ्गदाय नमः।
Om Sarpagraiveyakangadaya Namah।
सर्प को हार एवं बाजूबन्द के रूप में धारण करने वाले
सर्पकक्ष्योदराबन्ध
235
ॐ सर्पकक्ष्योदराबन्धाय नमः।
Om Sarpakakshyodarabandhaya Namah।
सर्प को कमरबन्ध के रूप में धारण करने वाले
सर्पराजोत्तरीयक
236
ॐ सर्पराजोत्तरीयकाय नमः।
Om Sarparajottriyakaya Namah।
वासुकि नाग को उत्तरीय वस्त्र के रूप में धारण करने वाले
रक्त
237
ॐ रक्ताय नमः।
Om Raktaya Namah।
रक्तवर्ण वाले
रक्ताम्बरधर
238
ॐ रक्ताम्बरधराय नमः।
Om Raktambaradharaya Namah।
लाल रँग के वस्त्र धारण करने वाले
रक्तमाल्यविभूषण
239
ॐ रक्तमाल्यविभूषणाय नमः।
Om Raktamalyavibhushanaya Namah।
लाल रँग की पुष्पों की माला एवं आभूषण धारण करने वाले
रक्तेक्षण
240
ॐ रक्तेक्षणाय नमः।
Om Raktekshanaya Namah।
लाल नेत्रों वाले
रक्तकर
241
ॐ रक्तकराय नमः।
Om Raktakaraya Namah।
लाल हाथों वाले
रक्तताल्वोष्ठपल्लव
242
ॐ रक्तताल्वोष्ठपल्लवाय नमः।
Om Raktalvoshthapallavaya Namah।
लाल गालों एवं ओठों वाले
श्वेत
243
ॐ श्वेताय नमः।
Om Shwetaya Namah।
श्वेतवर्ण वाले
श्वेताम्बरधर
244
ॐ श्वेताम्बरधराय नमः।
Om Shwetambaradharaya Namah।
श्वेत वस्त्र धारण करने वाले
श्वेतमाल्यविभूषण
245
ॐ श्वेतमाल्यविभूषणाय नमः।
Om Shwetamalyavibhushanaya Namah।
श्वेत माला एवं श्वेत आभूषणों से सुशोभित
श्वेतातपत्ररुचिर
246
ॐ श्वेतातपत्ररुचिराय नमः।
Om Shwetatapatraruchiraya Namah।
श्वेत छत्र के नीचे विराजमान
श्वेतचामरवीजित
247
ॐ श्वेतचामरवीजिताय नमः।
Om Shwetachamaravijitaya Namah।
जिनकी श्वेत चँवर से हवा की जाती है।
सर्वावयवसम्पूर्ण सर्वलक्षणलक्षित
248
ॐ सर्वावयवसम्पूर्ण-सर्वलक्षणलक्षिताय नमः।
Om Sarvavayavasampurna-sarvalakshanalakshitaya Namah।
जो सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शुभ लक्षणों से पूर्ण हैं।
सर्वाभरणशोभाढ्य
249
ॐ सर्वाभरणशोभाढ्याय नमः।
Om Sarvabharanashobhadhyaya Namah।
जो सुन्दर व सुसज्जित हैं।
सर्वशोभासमन्वित
250
ॐ सर्वशोभासमन्विताय नमः।
Om Sarvashobhasamanvitaya Namah।
जिनके सभी अंग प्र्कृतिक रूप से सुन्दर हैं।
सर्वमङ्गलमाङ्गल्य
251
ॐ सर्वमङ्गलमाङ्गल्याय नमः।
Om Sarvamangalamangalyaya Namah।
जो शुभ सूचकों में परम शुभ हैं।
सर्वकारणकारण
252
ॐ सर्वकारणकारणाय नमः।
Om Sarvakaranakaranaya Namah।
जो समस्त कारणों के कारण हैं।
सर्वदैककर
253
ॐ सर्वदैककराय नमः।
Om Sarvadaikakaraya Namah।
उदार हस्त वाले
शार्ङ्गी
254
ॐ शार्ङ्गिणे नमः।
Om Sharngine Namah।
शार्ङ्गी धनुष धारण करने वाले
बीजापूरी
255
ॐ बीजापूरिणे नमः।
Om Bijapurine Namah।
हाथ मैं अनार धारण करने वाले
गदाधर
256
ॐ गदाधराय नमः।
Om Gadadharaya Namah।
गदाधारी
इक्षुचापधर
257
ॐ इक्षुचापधराय नमः।
Om Ikshuchapadharaya Namah।
गन्ने का धनुष धारण करने वाले
शूली
258
ॐ शूलिने नमः।
Om Shuline Namah।
त्रिशूल धारण करने वाले
चक्रपाणि
259
ॐ चक्रपाणये नमः।
Om Chakrapanaye Namah।
हाथ में चक्र धारण करने वाले
सरोजभृत
260
ॐ सरोजभृते नमः।
Om Sarojabhrite Namah।
हाथ में कमल पुष्प धारण करने वाले
पाशी
261
ॐ पाशिने नमः।
Om Pashine Namah।
हाथ में पाश धारण करने वाले
धृतोत्पल
262
ॐ धृतोत्पलाय नमः।
Om Dhritotpalaya Namah।
हाथ में उत्पल (नील कमल) पुष्प धारण करने वाले
शालीमञ्जरीभृत
263
ॐ शालीमञ्जरीभृते नमः।
Om Shalimanjaribhrite Namah।
हाथ में धान की बाली धारण करने वाले
स्वदन्तभृत
264
ॐ स्वदन्तभृते नमः।
Om Swadantabhrite Namah।
हाथ में स्वयं का खण्डित दाँत धारण करने वाले
कल्पवल्लीधर
265
ॐ कल्पवल्लीधराय नमः।
Om kalpavallidharaya Namah।
हाथ में कल्पलता रखने वाले
विश्वाभयदैककर
266
ॐ विश्वाभयदैककराय नमः।
Om Vishvabhayadaikakaraya Namah।
सम्पूर्ण विश्व में भक्तों का भय नष्ट करने वाले
वशी
267
ॐ वशिने नमः।
Om Vashine Namah।
वश मैं करने वाले
अक्षमालाधर
268
ॐ अक्षमालाधराय नमः।
Om Akshamaladharaya Namah।
अक्षमाला धारण करने वाले
ज्ञानमुद्रावान
269
ॐ ज्ञानमुद्रावते नमः।
Om Gyanamudravate Namah।
ज्ञान के सूचक
मुद्गरायुध
270
ॐ मुद्गरायुधाय नमः।
Om Mudgarayudhaya Namah।
मुद्गर को शस्त्र के रूप में धारण करने वाले
पूर्णपात्री
271
ॐ पूर्णपात्रिणे नमः।
Om Purnapatrine Namah।
मधुर चावलों से भरा कलश धारण करने वाले
कम्बुधर
272
ॐ कम्बुधराय नमः।
Om kambudharaya Namah।
शंख धारण करने वाले
विधृतालिसमुहक
273
ॐ विधृतालिसमुद्गकाय नमः।
Om Vidhritalisamudgakaya Namah।
जिनके गालों पर बहता शहद भ्रमरों को आकर्षित कर रहा है।
मातुलिङ्गधर
274
ॐ मातुलिङ्गधराय नमः।
Om Matulingadharaya Namah।
जिनके हाथ में मातुलिङ्ग फल (बिजौरा नींबू) है।
चूतकलिकाभृत
275
ॐ चूतकलिकाभृते नमः।
Om Chutakalikabhrite Namah।
आम की छोटे पत्ते धारण करने वाले
कुठारवान
276
ॐ कुठारवते नमः।
Om Kutharavate Namah।
कुठार धारण करने वाले
पुष्करस्थः स्वर्णघटीपूर्णरत्नाभिवर्षक
277
ॐ पुष्करस्थ-स्वर्णघटी-पूर्णरत्नाभिवर्षकाय नमः।
Om Pushkarastha-swarnaghati-purnaratnabhivarshakaya Namah।
जिनके हाथ में रत्नों के स्वर्ण पात्र हैं।
भारतीसुन्दरीनाथ
278
ॐ भारतीसुन्दरीनाथाय नमः।
Om Bharatisundarinathaya Namah।
देवी सरस्वती एवं पार्वती के साथ विराजमान
विनायकरतिप्रिय
279
ॐ विनायकरतिप्रियाय नमः।
Om Vinayakaratipriyaya Namah।
मन्मथ के प्रिय
महालक्ष्मी प्रियतमाय
280
ॐ महालक्ष्मी प्रियतमाय नमः।
Om Mahalakshmi Priyatamaya Namah।
महालक्ष्मी के प्रिय
सिद्धलक्ष्मीमनोरम
281
ॐ सिद्धलक्ष्मीमनोरमाय नमः।
Om Siddhalakshmimanoramaya Namah।
सिद्धलक्ष्मी को मोहित करने वाले
रमारमेशपूर्वाङ्ग
282
ॐ रमारमेशपूर्वाङ्गाय नमः।
Om Ramarameshapurvangaya Namah।
आवरण देवताओं में जिनके पूर्व भाग में श्री उमा-महेश्वर जी विराजमान होते हैं।
दक्षिणोमामहेश्वर
283
ॐ दक्षिणोमा-महेश्वराय नमः।
Om Dakshinoma-maheshwaraya Namah।
आवरण देवताओं में जिनके दक्षिण भाग में श्री लक्ष्मी-विष्णु जी विराजमान होते हैं।
महीवराहवामाङ्ग
284
ॐ महीवराह-वामाङ्गाय नमः।
Om Mahivaraha-vamangaya Namah।
आवरण देवताओं में जिनके उत्तर भाग में श्री भूमिदेवी एवं वराह देव विराजमान होते हैं।
रतिकन्दर्पपश्चिमाय
285
ॐ रतिकन्दर्प-पश्चिमाय नमः।
Om Ratikandarpa-pashchimaya Namah।
आवरण देवताओं में जिनके पश्चिम भाग में रति एवं मन्मथ (कामदेव) विराजमान होते हैं।
आमोदप्रमोदजनन
286
ॐ आमोदप्रमोदजननाय नमः।
Om Amodapramodajananaya Namah।
आमोद (हर्ष) को भी हर्ष देने वाले
सप्रमोद प्रमोदन
287
ॐ सप्रमोद-प्रमोदनाय नमः।
Om Sapramoda-pramodanaya Namah।
प्रमोद (सुख) को भी सुख देने वाले
समेधित समृद्धिश्री
288
ॐ समेधित-समृद्धिश्रिये नमः।
Om Samedhita-samriddhishriye Namah।
समृद्धि देवी को समृद्धि प्रदान करने वाले
ऋद्धिसिद्धिप्रवर्तक
289
ॐ ऋद्धिसिद्धिप्रवर्तकाय नमः।
Om Riddhisiddhipravartakaya Namah।
ऋद्धि-सिद्धि के प्रवर्तक/ ऋद्धि-सिद्धि को आशीष प्रदान करने वाले
दत्तसौमुख्यसुमुख
290
ॐ दत्तसौमुख्यसुमुखाय नमः।
Om Dattasaumukhyasumukhaya Namah।
भक्तों को वर आशीष प्रदान करने वाले
कान्तिकन्दलिताश्रय
291
ॐ कान्ति-कन्दलिताश्रयाय नमः।
Om Kantikanda-litashrayaya Namah।
सुमुख गणपति के रूप में कान्ति को प्रसन्न करने वाले
मदनावत्याश्रिताङ्घ्रि
292
ॐ मदनावत्याश्रिताङ्घ्रये नमः।
Om Madanavatyashritanghraye Namah।
मदनवाती द्वारा पूजे जाने वाले
कृत्तदौर्मुख्यदुर्मुख
293
ॐ कृत्तदौर्मुख्यदुर्मुखाय नमः।
Om Krittadaurmukhyadurmukhaya Namah।
दुर्मुख गणपती का क्रोध शान्त करने वाले
विघ्नसम्पल्लवोपघ्न
294
ॐ विघ्न-सम्पल्लवोपघ्नाय नमः।
Om Vighna-sampallavopaghnaya Namah।
विघ्नगणपति के गुणों के स्रोत
सेवोन्निद्रमदद्रव
295
ॐ सेवोन्निद्र-मदद्रवाय नमः।
Om Sevonnidramadadravaya Namah।
जो मदद्रवा देवी द्वारा पूजनीय हैं।
विघ्नकृन्निघ्नचरण
296
ॐ विघ्नकृन्निघ्नचरणाय नमः।
Om Vighnakrinnighnacharanaya Namah।
विघ्नकृत की भक्ति के कारण अपनी चरणों की सेवा प्रदान करने वाले
द्राविणीशक्ति सत्कृत
297
ॐ द्राविणीशक्ति सत्कृताय नमः।
Om Dravinishakti Satkritaya Namah।
देवी द्राविणी की भक्ति से प्रसन्न होने वाले
तीव्राप्रसन्ननयन
298
ॐ तीव्राप्रसन्ननयनाय नमः।
Om Tivraprasannanayanaya Namah।
तीव्रा से प्रसन्न होने वाले
ज्वालिनीपालितैकदृक
299
ॐ ज्वालिनी-पालितैकदृशे नमः।
Om Jwalini-palitaikadrishe Namah।
ज्वालिनी के प्रति अति सतर्क रहने वाले
मोहिनीमोहन
300
ॐ मोहिनीमोहनाय नमः।
Om Mohinimohanaya Namah।
अपनी सुन्दरता से मोहिनी को भी आकर्षित करने वाले
भोगदायिनीकान्तिमण्डित
301
ॐ भोगदायिनी-कान्तिमण्डिताय नमः।
Om Bhogadayini-kantimanditaya Namah।
भोगदायिनी शक्ति के तेज से प्रभावित
कामिनीकान्तवक्त्रश्री
302
ॐ कामिनीकान्तवक्त्रश्रिये नमः।
Om Kaminikantavaktrashriye Namah।
कामिनी शक्ति के मुख पर तेज के रूप में रहने वाले
अधिष्ठित वसुन्धर
303
ॐ अधिष्ठित वसुन्धराय नमः।
Om Adhishthita Vasundharaya Namah।
वसुन्धरा देवी के आधार
वसुन्धरा मदोन्नद्ध महाशङ्खनिधि प्रभु
304
ॐ वसुन्धरा-मदोन्नद्ध-महाशङ्खनिधि-प्रभवे नमः।
Om Vasundhara-madonnaddha-mahashankhanidhi-prabhave Namah।
जो शंखनिधि (जो वसुन्धरा का ही भाग है) द्वारा प्रशंसनीय हैं।
नमद्वसुमतीमौलि महापद्मनिधि प्रभु
305
ॐ नमद्वसुमती-मौलिमहापद्म-निधिप्रभवे नमः।
Om Namadvasumati-maulimahapadma-nidhiprabhave Namah।
जो वसुमती एवं महापद्म द्वारा पूजनीय हैं।
सर्वसद्गुरु संसेव्य
306
ॐ सर्वसद्गुरु-संसेव्याय नमः।
Om Sarvasadguru-samsevyaya Namah।
समस्त गुरुओं द्वारा पूजे जाने वाले
शोचिष्केश हृदाश्रय
307
ॐ शोचिष्केश-हृदाश्रयाय नमः।
Om Shochishkesha-hridashrayaya Namah।
जिनके हृदय में शिवगणों को स्थान प्राप्त है।
ईशानमूर्द्धा
308
ॐ ईशानमूर्ध्ने नमः।
Om Ishanamurdhane Namah।
ईशान द्वारा पूजे जाने वाले
देवेन्द्रशिख
309
ॐ देवेन्द्रशिखायै नमः।
Om Devendrashikhayai Namah।
जिनको देवराज इन्द्र प्रणाम करते हैं।
पवननन्दन
310
ॐ पवननन्दनाय नमः।
Om Pavananandanaya Namah।
वायुदेव के पुत्र
अग्रप्रत्यग्र नयन
311
ॐ अग्रप्रत्यग्र-नयनाय नमः।
Om Agrapratyagra-nayanaya Namah।
खगोलीय पिण्ड जिनके नेत्र हैं।
दिव्यास्त्राणां प्रयोगवित
312
ॐ दिव्यास्त्राणां प्रयोगविदे नमः।
Om Divyastranam Prayogavide Namah।
जो धनुर्विद्या मैं पारङ्गत हैं।
ऐरावतादि सर्वाशा वारणावरणप्रिय
313
ॐ ऐरावतादि-सर्वाशा-वारणावरणप्रियाय नमः।
Om Eravatadi-sarvasha-varanavaranapriyaya Namah।
जो हथियों (विशेषतः ऐरावत) को प्रिय हैं।
वज्राद्यस्त्र परिवार
314
ॐ वज्राद्यस्त्र-परिवाराय नमः।
Om Vajradyastra-parivaraya Namah।
इन्द्र एवं अन्य की भाँति वज्र धारण करने वाले
गणचण्ड समाश्रय
315
ॐ गणचण्ड-समाश्रयाय नमः।
Om Ganachanda-samashrayaya Namah।
गणचण्ड को साहस प्रदान करने वाले
जयाजया परिवार
316
ॐ जयाजया-परिवाराय नमः।
Om Jayajaya-parivaraya Namah।
जिनके साथ जय और विजय रहते हैं।
विजयाविजयावह
317
ॐ विजयाविजयावहाय नमः।
Om Vijayavijayavahaya Namah।
विजय को विजय प्रदान करने वाले
अजितार्चित पादाब्ज
318
ॐ अजितार्चित-पादाब्जाय नमः।
Om Ajitarchita-padabjaya Namah।
जिनके चरण कमल अजीत द्वारा पूजे जाते हैं।
नित्यानित्या वतंसित
319
ॐ नित्यानित्या-वतंसिताय नमः।
Om Nityanitya-vatamsitaya Namah।
नित्या नाम की शक्ति नित्य जिनके चरणकमलों में उपस्थित है।
विलासिनीकृतोल्लास
320
ॐ विलासिनीकृतोल्लासाय नमः।
Om Vilasinikritollasaya Namah।
विलासिनी की श्रद्धा से प्रसन्न होने वाले
शौण्डीसौन्दर्य मण्डित
321
ॐ शौण्डीसौन्दर्य-मण्डिताय नमः।
Om Shaundisaundarya-manditaya Namah।
शौण्डी शक्ति के सौन्दर्य में वृद्धि करने वाले
अनन्तानन्तसुखद
322
ॐ अनन्तानन्तसुखदाय नमः।
Om Anantanantasukhadaya Namah।
सुख प्रदान करने वाले
सुमङ्गलसुमङ्गल
323
ॐ सुमङ्गल सुमङ्गलाय नमः।
Om Sumangala-sumangalaya Namah।
आनन्द-मङ्गल प्रदान करने वाले
इच्छाशक्ति ज्ञानशक्ति क्रियाशक्ति निषेवित
324
ॐ इच्छाशक्ति-ज्ञानशक्ति-क्रियाशक्ति-निषेविताय नमः।
Om Ichchhashakti-gyanashakti-kriyashakti-niveshitaya Namah।
इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, एवं क्रियाशक्ति जिनके अधीन है।
सुभगा संश्रितपद
325
ॐ सुभगा-संश्रितपदाय नमः।
Om Subhaga-samshritapadaya Namah।
सुभगा नामक चरण वाले
ललिताललिताश्रय
326
ॐ ललिताललिताश्रयाय नमः।
Om Lalitalalitashrayaya Namah।
ललिता द्वारा पूजे जाने वाले
कामिनीकामन
327
ॐ कामिनीकामनाय नमः।
Om Kaminikamanaya Namah।
कामिनी से प्रसन्न होने वाले
काममालिनी केलिलालित
328
ॐ काममालिनी-केलिलालिताय नमः।
Om Kamamalini-kelilalitaya Namah।
काममालिनी के प्रभाव में आनन्दित रहने वाले
सरस्वत्याश्रय
329
ॐ सरस्वत्याश्रयाय नमः।
Om Saraswatyashrayaya Namah।
देवी सरस्वती द्वारा पूजे जाने वाले
गौरीनन्दन
330
ॐ गौरीनन्दनाय नमः।
Om Gaurinandanaya Namah।
माता गौरी के पुत्र
श्रीनिकेतन
331
ॐ श्रीनिकेतनाय नमः।
Om Shriniketanaya Namah।
जिनमें देवी लक्ष्मी का निवास है।
गुरुगुप्तपद
332
ॐ गुरुगुप्तपदाय नमः।
Om Guruguptapadaya Namah।
जिनका चरण गुरुओं द्वारा आलिंगन किये जाने से ढका हुआ है।
वाचासिद्ध
333
ॐ वाचासिद्धाय नमः।
Om Vachasiddhaya Namah।
जिनकी वाणी सिद्ध है अतः जो बोलें वही हो घटित हो
वागीश्वरीपति
334
ॐ वागीश्वरीपतये नमः।
Om Vagishwaripataye Namah।
देवी वागीश्वरी के स्वामी
नलिनीकामुक
335
ॐ नलिनीकामुकाय नमः।
Om Nalinikamukaya Namah।
नलिनी शक्ति के प्रियतम
वामाराम
336
ॐ वामारामाय नमः।
Om Vamaramaya Namah।
वामा नामक शक्ति जिनको प्रिय है।
ज्येष्ठामनोरम
337
ॐ ज्येष्ठामनोरमाय नमः।
Om Jyeshthamanoramaya Namah।
ज्येष्ठा नामक शक्ति के मन को मोहने वाले
रौद्रिमुद्रित पादाब्ज
338
ॐ रौद्रिमुद्रित-पादाब्जाय नमः।
Om Raudrimudrita-padabjaya Namah।
रौद्री शक्ति द्वारा जिनके चरण-कमल पूजे जाते हैं।
हुंबीज
339
ॐ हुंबीजाय नमः।
Om Humbijaya Namah।
हुम् जिनका बीज मन्त्र है।
तुङ्गशक्तिक
340
ॐ तुङ्गशक्तिकाय नमः।
Om Tungashaktikaya Namah।
अनन्त शक्ति वाले
विश्वादिजननत्राण
341
ॐ विश्वादिजननत्राणाय नमः।
Om Vishvadijananatranaya Namah।
आत्मा एवं परमात्मा के रक्षक
स्वाहाशक्ति
342
ॐ स्वाहाशक्तये नमः।
Om Swahashaktaye Namah।
जो साक्षात स्वाहा शक्ति हैं।
सकीलक
343
ॐ सकीलकाय नमः।
Om Sakilakaya Namah।
जो मृत्युञ्जय मन्त्र एवं गायत्री मन्त्र के सार हैं।
अमृताब्धिकृतावास
344
ॐ अमृताब्धिकृतावासाय नमः।
Om Amritabdhikritavasaya Namah।
अमृत के सागर में निवास करने वाले
मदघूर्णितलोचन
345
ॐ मदघूर्णितलोचनाय नमः।
Om Madaghurnitalochanaya Namah।
सजल नेत्रों वाले
उच्छिष्टगण
346
ॐ उच्छिष्टगणाय नमः।
Om Uchchhishtaganaya Namah।
जिनके गण अति शिष्ट एवं विद्वान हैं।
उच्छिष्टगणेश
347
ॐ उच्छिष्टगणेशाय नमः।
Om Uchchhishtaganeshaya Namah।
शिष्ट एवं उत्कृष्ट गणों पर शासन करने वाले
गणनायक
348
ॐ गणनायकाय नमः।
Om Gananayakaya Namah।
समस्त गणों के नायक
सर्वकालिकसंसिद्धि
349
ॐ सर्वकालिकसंसिद्धये नमः।
Om Sarvakalikasansiddhaye Namah।
अनन्त सिद्धियों के दाता
नित्यशैव
350
ॐ नित्यशैवाय नमः।
Om NityaShaivaya Namah।
निरन्तर शिव का ध्यान करने वाले
दिगम्बर
351
ॐ दिगम्बराय नमः।
Om Digambaraya Namah।
समस्त दिशाओं को वस्त्र के रूप में धारण करने वाले
अनप/अनघ
352
ॐ अनपाय/अनघाय नमः।
Om Anapaya/Anaghaya Namah।
जो अनन्त-अविनाशी हैं।
अनन्तदृष्टि
353
ॐ अनन्तदृष्टये नमः।
Om Anantadrishtaye Namah।
अनन्त ज्ञान दृष्टि वाले / दूरदर्शी
अप्रमेय
354
ॐ अप्रमेयाय नमः।
Om Aprameyaya Namah।
जो प्रमाण का विषय नहीं हैं / अकारण कोई कार्य न करने वाले
अजरामर
355
ॐ अजरामराय नमः।
Om Ajaramaraya Namah।
जो आयु एवं मृत्यु के बन्धनों से मुक्त हैं।
अनाविल
356
ॐ अनाविलाय नमः।
Om Anavilaya Namah।
जो सर्वथा शुद्ध हैं।
अप्रतिरथ
357
ॐ अप्रतिरथाय नमः।
Om Apratirathaya Namah।
जो अतुलनीय हैं।
अच्युत
358
ॐ अच्युताय नमः।
Om Achyutaya Namah।
जो शाश्वत हैं।
अमृत
359
ॐ अमृताय नमः।
Om Amritaya Namah।
जो अमृत के समान हैं।
अक्षर
360
ॐ अक्षराय नमः।
Om Aksharaya Namah।
जो सर्वव्यापी हैं।
अप्रतर्क्य
361
ॐ अप्रतर्क्याय नमः।
Om Apratarkyaya Namah।
जिन्हें परिभाषित न किया जा सके / जिनके विषय में कोई तर्क-वितर्क नहीं
अक्षय
362
ॐ अक्षयाय नमः।
Om Akshayaya Namah।
जो अजर-अमर हैं।
अजय्य
363
ॐ अजय्याय नमः।
Om Ajayyaya Namah।
जो अजय हैं।
अनाधार
364
ॐ अनाधाराय नमः।
Om Anadharaya Namah।
जिन्हें किसी आधार की अवश्यकता नहीं
अनामय
365
ॐ अनामयाय नमः।
Om Anamayaya Namah।
जो समस्त रोगों से मुक्त हैं।
अमल
366
ॐ अमलाय नमः।
Om Amalaya Namah।
जो दोषरहित तथा पापरहित हैं।
अमोघसिद्धि
367
ॐ अमोघसिद्धये नमः।
Om Amoghasiddhaye Namah।
जिनकी सिद्धि अमोघ है / जिनके समस्त कार्य सिद्ध होते हैं।
अद्वैत
368
ॐ अद्वैताय नमः।
Om Advaitaya Namah।
जो स्वयं अद्वैत हैं।
अघोर
369
ॐ अघोराय नमः।
Om Aghoraya Namah।
जो अभय हैं।
अप्रमितानन
370
ॐ अप्रमिताननाय नमः।
Om Apramitananaya Namah।
अनन्त मुख वाले
अनाकार
371
ॐ अनाकाराय नमः।
Om Anakaraya Namah।
जो आकार रहित हैं, निराकार
अब्धिभूम्यग्निबलघ्न
372
ॐ अब्धिभूम्यग्निबलघ्नाय नमः।
Om Abdhibhumyagnibalaghnaya Namah।
पृथ्वी, समुद्र एवं अग्नि के अहङ्कार को नष्ट करने वाले
अव्यक्तलक्षण
373
ॐ अव्यक्तलक्षणाय नमः।
Om Avyaktalakshanaya Namah।
जो स्वयं सृष्टि एवं संहार का स्वरूप हैं।
आधारपीठ
374
ॐ आधारपीठाय नमः।
Om Adharapithaya Namah।
सिद्धान्तों के आसन पर विराजने वाले
आधार
375
ॐ आधाराय नमः।
Om Adharaya Namah।
वसुदेव एवं ब्रह्मदेव के आधार
आधाराधेयवर्जित
376
ॐ आधाराधेयवर्जिताय नमः।
Om Adharadheyavarjitaya Namah।
जिनका कोई आधार नहीं, आधारशून्य
आखुकेतन
377
ॐ आखुकेतनाय नमः।
Om Akhuketanaya Namah।
जिनके ध्वज पर मूषक का चिन्ह अँकित है।
आशापूरक
378
ॐ आशापूरकाय नमः।
Om Ashapurakaya Namah।
समस्त आशाओं की पूर्ति करने वाले
आखुमहारथ
379
ॐ आखुमहारथाय नमः।
Om Akhumaharadhaya Namah।
मूषक जिनका रथ खींचता है।
इक्षुसागरमध्यस्थ
380
ॐ इक्षुसागर-मध्यस्थाय नमः।
Om Ikshusagaramadhyasthaya Namah।
जो गन्ने के रस के सागर के मध्य विरजमान हैं।
इक्षुभक्षणलालस
381
ॐ इक्षुभक्षणलालसाय नमः।
Om Ikshubhakshanalalasaya Namah।
जिन्हें गन्ना का सेवन करना अत्यन्त प्रिय है।
इक्षुचापातिरेकश्री
382
ॐ इक्षुचापातिरेकश्रिये नमः।
Om Ikshuchapatirekashriye Namah।
जो मन्मथ (कामदेव) से भी अधिक सुन्दर हैं।
इक्षुचापनिषेवित
383
ॐ इक्षुचापनिषेविताय नमः।
Om Ikshuchapanishevitaya Namah।
कामदेव जिनकी पुजा करते हैं।
इन्द्रगोपसमानश्री
384
ॐ इन्द्रगोपसमानश्रिये नमः।
Om Indragopasamanashriye Namah।
इन्द्रगोप नामक कीट के समान वर्ण वाले
इन्द्रनीलसमद्युति
385
ॐ इन्द्रनीलसमद्युतये नमः।
Om Indranilasamadyutaye Namah।
नीलमणि के समान सुन्दरता वाले
इन्दीवरदलश्याम
386
ॐ इन्दीवरदलश्यामाय नमः।
Om Indivaradalashyamaya Namah।
नीलकण्ठ पुष्प की भाँति श्यामवर्ण वाले
इन्दुमण्डलनिर्मल
387
ॐ इन्दुमण्डलनिर्मलाय नमः।
Om Indumandalanirmalaya Namah।
चन्द्रमा के समान कान्ति वाले
इध्मप्रिय
388
ॐ इध्मप्रियाय नमः।
Om Idhmapriyaya Namah।
जिनको हवन की समिधा प्रिय है।
इडाभाग
389
ॐ इडाभागाय नमः।
Om Idabhagaya Namah।
जो स्वयं पृथ्वी स्वरूप हैं।
इराधाम
390
ॐ इराधाम्ने नमः।
Om Iradhamne Namah।
जिनके धाम में पृथ्वी निवास करती है।
इन्दिराप्रिय
391
ॐ इन्दिराप्रियाय नमः।
Om Indirapriyaya Namah।
जो देवी लक्ष्मी को प्रिय हैं।
इक्ष्वाकुविघ्नवि ध्वंसी
392
ॐ इक्ष्वाकुविघ्नवि-ध्वंसिने नमः।
Om Ikshvakuvighnavi-dhvansine Namah।
इक्ष्वाकु वंश के विघ्न नष्ट करने वाले
इतिकर्तव्यतेप्सित
393
ॐ इतिकर्तव्य-तेप्सिताय नमः।
Om Itikartavya-tepsitaya Namah।
कर्तव्यों के पालन करने वाले को पुरस्कार देने वाले
ईशानमौलि
394
ॐ ईशानमौलये नमः।
Om Ishanamaulaye Namah।
देवों के देव / सम्राटों के पूजनीय
ईशान
395
ॐ ईशानाय नमः।
Om Ishanaya Namah।
देवों में सर्वश्रेष्ठ
ईशानसुत
396
ॐ ईशानसुताय नमः।
Om Ishanasutaya Namah।
भगवान शङ्कर के पुत्र
ईतिहा
397
ॐ ईतिघ्ने नमः।
Om Itighne Namah।
फसल की समस्त प्रकार के रोगों एवं विपदाओं से रक्षा करने वाले
ईषणात्रयकल्पान्त
398
ॐ ईषणात्रयकल्पान्ताय नमः।
Om Ishanatrayakalpantaya Namah।
भौतिक कामनाओं के प्रति वैराग्य उत्पन्न करने वाले
ईहामात्रविवर्जित
399
ॐ ईहामात्रविवर्जिताय नमः।
Om Ihamatravivarjitaya Namah।
जो समस्त इच्छाओं से रहित हैं।
उपेन्द्र
400
ॐ उपेन्द्राय नमः।
Om Upendraya Namah।
कश्यप-अदिति के यहाँ बालक के रूप में अवतरित होने वाले
उडुभृन्मौलि
401
ॐ उडुभृन्मौलये नमः।
Om Udubhrinmaulaye Namah।
अपने मस्तक पर चन्द्रमा धारण करने वाले
उण्डेरकबलिप्रिय
402
ॐ उण्डेरकबलिप्रियाय नमः।
Om Underakabalipriyaya Namah।
जिन्हें उण्डेरकबलि नामक मिष्ठान प्रिय है।
उन्नतानन
403
ॐ उन्नताननाय नमः।
Om Unnatananaya Namah।
विशाल मुख वाले
उत्तुङ्ग
404
ॐ उत्तुङ्गाय नमः।
Om Uttungaya Namah।
अत्यन्त विशाल देह वाले
उदारत्रिदशाग्रणी
405
ॐ उदारत्रिदशाग्रण्ये नमः।
Om Udaratridashagranye Namah।
जो सर्वश्रेष्ठ हैं।
उर्जस्वान
406
ॐ उर्जस्वते नमः।
Om Urjaswate Namah।
असीमित ऊर्जा वाले
उष्मलमद
407
ॐ उष्मलमदाय नमः।
Om Ushmalamadaya Namah।
जिनकी देह में गरम (ऊष्म) मद प्रवाहित होता है।
ऊहापोह दुरासद
408
ॐ ऊहापोह-दुरासदाय नमः।
Om Uhapoha-durasadaya Namah।
जो समस्त तर्क-वितर्क से परे हैं।
ऋग्यजुस्साम सम्भूति
409
ॐ ऋग्यजुस्साम-सम्भूतये नमः।
Om Rigyajussamasambhutaye Namah।
वेदों (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद) को प्रकट करने वाले
ऋद्धिसिद्धि प्रवर्तक
410
ॐ ऋद्धिसिद्धि-प्रवर्तकाय नमः।
Om Riddhisiddhi-pravartakaya Namah।
ऋद्धि-सिद्धि प्रदान करने वाले
ऋजुचित्तैकसुलभ
411
ॐ ऋजुचित्तैकसुलभाय नमः।
Om Rijuchittaikasulabhaya Namah।
सद्गुणी भक्तों को सरलता से प्राप्त हो जाने वाले
ऋणत्रय विमोचक
412
ॐ ऋणत्रय-विमोचकाय नमः।
Om Rinatraya-vimochakaya Namah।
देव ऋण, ऋषि ऋण तथा पितृ ऋण से मुक्त करने वाले
स्वभक्तानां लुप्तविघ्न
413
ॐ स्वभक्तानां लुप्तविघ्नाय नमः।
Om Swabhaktanam Luptavighnaya Namah।
अपने भक्तों के समस्त विघ्न-बाधाओं का नाश करने वाले
सुरद्विषां लुप्तशक्ति
414
ॐ सुरद्विषां-लुप्तशक्तये नमः।
Om Suradwisham-luptashaktaye Namah।
दैत्यों की शक्ति नष्ट करने वाले
विमुखार्चानां लुप्तश्री
415
ॐ विमुखार्चानां लुप्तश्रिये नमः।
Om Vimukharchanam Luptashriye Namah।
अधर्मियों की समृद्धि नष्ट करने वाले
लूताविस्फोटनाशन
416
ॐ लूताविस्फोटनाशनाय नमः।
Om Lutavisphotanashanaya Namah।
लूता विस्फोट नामक रोग को नष्ट करने वाले
एकारपीठमध्यस्थ
417
ॐ एकारपीठमध्यस्थाय नमः।
Om Ekarapithamadhyasthaya Namah।
जो त्रिकोणचक्र के मध्य में विराजमान हैं।
एकपादकृतासन
418
ॐ एकपादकृतासनाय नमः।
Om Ekapadakritasanaya Namah।
अपना एक चरण दुरासत दैत्य के सिर पर रखने वाले
एजिताखिलदैत्यश्री
419
ॐ एजिताखिलदैत्यश्रिये नमः।
Om Ejitakhiladaityashriye Namah।
दैत्यों की समृद्धि नष्ट करने वाले
एधिताखिलसंश्रय
420
ॐ एधिताखिलसंश्रयाय नमः।
Om Edhitakhilasamshrayaya Namah।
भक्तों के वैभव में वृद्धि करने वाले
ऐश्वर्यनिधि
421
ॐ ऐश्वर्यनिधये नमः।
Om Eshwaryanidhaye Namah।
समस्त ऐश्वर्य के स्वामी
ऐश्वर्य
422
ॐ ऐश्वर्याय नमः।
Om Eshwaryaya Namah।
जो स्वयं ऐश्वर्य स्वरूप हैं।
ऐहिकामुष्मिकप्रद
423
ॐ ऐहिकामुष्मिकप्रदाय नमः।
Om Ehikamushmikapradaya Namah।
परम शान्ति प्रदान करने वाले
ऐरम्मदसमोन्मेष
424
ॐ ऐरम्मदसमोन्मेषाय नमः।
Om Erammadasamonmeshaya Namah।
विद्युत के समान तेज वाले
ऐरावतनिभानन
425
ॐ ऐरावतनिभाननाय नमः।
Om Eravatanibhananaya Namah।
जिनका मुख ऐरावत हाथी के समान है।
ओङ्कारवाच्य
426
ॐ ओङ्कारवाच्याय नमः।
Om Omkaravachyaya Namah।
जो 'ॐ' मन्त्र का सार हैं।
ओङ्काराय
427
ॐ ओङ्काराय नमः।
Om Omkaraya Namah।
जो स्वयं ॐ स्वरूप हैं।
ओजस्वति
428
ॐ ओजस्वते नमः।
Om Ojaswate Namah।
अतुलनीय तेज वाले
ओषधीपति
429
ॐ ओषधीपतये नमः।
Om Oshadhipataye Namah।
औषधि के अधिपति
औदार्यनिधि
430
ॐ औदार्यनिधये नमः।
Om Audaryanidhaye Namah।
भक्तों पर कृपा करने वाले
औद्धत्यधुर्य
431
ॐ औद्धत्यधुर्याय नमः।
Om Auddhatyadhuryaya Namah।
महानता प्रदर्शित करने वाले / अहँकार नष्ट करने वाले
औन्नत्य निस्वन
432
ॐ औन्नत्य-निस्वनाय नमः।
Om Aunnatya-niswanaya Namah।
तुरही (वाद्य यन्त्र) के समान ध्वनि करने वाले
सुरनागानाम् अङ्कुश
433
ॐ सुरनागानाम्-अङ्कुशाय नमः।
Om Suranaganam-ankushaya Namah।
तीनों लोकों को नियन्त्रित करने वाले
सुरविद्विषाम् अङ्कुश
434
ॐ सुरविद्विषाम्-अङ्कुशाय नमः।
Om Suravidwisham-ankushaya Namah।
देवों की विद्या से द्वेष करने वाले (दैत्यों) को नियन्त्रण मैं रखने वाले
अःसमस्त विसर्गान्तपदेषु परिकीर्तित
435
ॐ अःसमस्त-विसर्गान्तपदेषु परिकीर्तिताय नमः।
Om Ahsamasta-visargantapadeshu Parikirtiyaya Namah।
सम्पूर्ण वर्णमाला जिनकी स्तुति करती है।
कमण्डलुधर
436
ॐ कमण्डलुधराय नमः।
Om Kamandaludharaya Namah।
कमण्डलु धारण करने वाले
कल्प
437
ॐ कल्पाय नमः।
Om Kalpaya Namah।
जो स्वयं प्रलयस्वरूप हैं।
कपर्दी
438
ॐ कपर्दिने नमः।
Om Kapardine Namah।
जटाजूट धारण करने वाले
कलभानन
439
ॐ कलभाननाय नमः।
Om kalabhananaya Namah।
गजमुख अथवा हाथी के मुख वाले
कर्मसाक्षी
440
ॐ कर्मसाक्षिणे नमः।
Om Karmasakshine Namah।
सभी के कर्मों पर दृष्टि रखने वाले
कर्मकर्ता
441
ॐ कर्मकर्त्रे नमः।
Om KarmakartreNamah।
कर्म करने की प्रेरणा देने वाले
कर्माकर्मफलप्रद
442
ॐ कर्माकर्मफलप्रदाय नमः।
Om Karmakarmaphalapradaya Namah।
कर्मानुसार फल प्रदान करने वाले
कदम्बगोल काकार
443
ॐ कदम्बगोल-काकाराय नमः।
Om Kadambagola-kakaraya Namah।
भक्तों के हृदय में निवास करने वाले
कूष्माण्डगणनायक
444
ॐ कूष्माण्डगणनायकाय नमः।
Om Kushmandagananayakaya Namah।
दुष्ट ग्रहों पर कठोर शासन करने वाले
कारुण्यदेह
445
ॐ कारुण्यदेहाय नमः।
Om Karunyadehaya Namah।
करुणा करने वाले
कपिल
446
ॐ कपिलाय नमः।
Om Kapilaya Namah।
कपिल मुनि स्वरूप / जो कपिल मुनि के रूप में हैं।
कथक
447
ॐ कथकाय नमः।
Om Kathakaya Namah।
जो दार्शनिक तथा उत्तम वक्ता हैं।
कटिसूत्रभृत
448
ॐ कटिसूत्रभृते नमः।
Om Katisutrabhrite Namah।
स्वर्ण का कटिसूत्र (कमरबन्ध) धारण करने वाले
खर्व
449
ॐ खर्वाय नमः।
Om Kharvaya Namah।
जो वामन स्वरूप हैं / जो बालस्वरूप हैं।
खड्गप्रिय
450
ॐ खड्गप्रियाय नमः।
Om Khagapriyaya Namah।
खड्ग धारण करने वाले / जिन्हें खड्ग अत्यन्त प्रिय है।
खड्गखान्तान्तः स्थ
451
ॐ खड्गखान्तान्तः स्थाय नमः।
Om Khadgakhantantah Sthaya Namah।
खड्ग मैं वास करने वाले
खनिर्मल
452
ॐ खनिर्मलाय नमः।
Om Khanirmalaya Namah।
जो निष्पाप हैं।
खल्वाटश्रङ्गनिलय
453
ॐ खल्वाटश्रङ्गनिलयाय नमः।
Om Khalvatashringanilayaya Namah।
वृक्ष रहित पहाड़ी पर निवास करने वाले
खट्वाङ्गी
454
ॐ खट्वाङ्गिने नमः।
Om Khatvangine Namah।
खट्वाङ्ग नामक अस्त्र धारण करने वाले
खदुरासढ़
455
ॐ खदुरासढ़ाय नमः।
Om Khadurasadaya Namah।
बिना भक्ति के जिसे प्राप्त नहीं किया जा सकता / अमूर्त
गुणाढ्य
456
ॐ गुणाढ्याय नमः।
Om Gunadhyaya Namah।
जो सर्वगुण सम्पन्न हैं।
गहन
457
ॐ गहनाय नमः।
Om Gahanaya Namah।
जो अत्यन्त गूढ़ हैं / जिन्हें सरलता से नहीं समझा जा सकता
गस्थ/गस्ध
458
ॐ गस्थाय/गस्धाय नमः।
Om Gasthaya/Gasdhaya Namah।
जो 'ग' बीजाक्षर में विराजमान हैं।
गद्यपद्य सुधार्णव
459
ॐ गद्यपद्य-सुधार्णवाय नमः।
Om Gadyapadya-sudharnavaya Namah।
जो स्वयं वाणी (वाक् शक्ति), गद्य एवं कविता का स्वरूप हैं।
गद्यगानप्रिय
460
ॐ गद्यगानप्रियाय नमः।
Om Gadyaganapriyaya Namah।
जिन्हें सामवेद का पाठ प्रिय है।
गर्ज
461
ॐ गर्जाय नमः।
Om Garjaya Namah।
गर्जना (भीषण ध्वनि) करने वाले
गीतगीर्वाण पूर्वज
462
ॐ गीतगीर्वाण-पूर्वजाय नमः।
Om Gitagirvana-purvajaya Namah।
ललित कलाओं के पूर्वज / नाद स्वरूप / सङ्गीत आदि अस्तित्व में आने से पूर्व जन्म लेने वाले
गुह्याचाररत
463
ॐ गुह्याचाररताय नमः।
Om Guhyachararataya Namah।
जिन्हें परोपकार प्रिय है / अन्तर्मुखी रहने वाले
गुह्य
464
ॐ गुह्याय नमः।
Om Guhyaya Namah।
जो अत्यन्त गोपनीय हैं।
गुह्यागमनिरूपित
465
ॐ गुह्यागमनिरूपिताय नमः।
Om Guhyagamanirupitaya Namah।
जिनकी महिमा वेदों में वर्णित है।
गुहाशय
466
ॐ गुहाशयाय नमः।
Om Guhashayaya Namah।
गुफा में शयन करने वाले
गुहाब्धिस्थ
467
ॐ गुहाब्धिस्थाय नमः।
Om Guhabdhisthaya Namah।
हृदय रूपी गुफा (कन्दरा) में स्थित रहने वाले
गुरुगम्य
468
ॐ गुरुगम्याय नमः।
Om Gurugamyaya Namah।
जिन्हें मात्र गुरु के द्वारा ही जाना जा सकता हो
गुरोर्गुरु
469
ॐ गुरोर्गुरवे नमः।
Om Gurorgurave Namah।
जो गुरुओं के भी गुरु हैं।
घण्टाघर्घरिकामाली
470
ॐ घण्टाघर्घरिकामालिने नमः।
Om Ghantaghargharikamaline Namah।
गले में विशाल घण्टी की माला धारण करने वाले
घटकुम्भ
471
ॐ घटकुम्भाय नमः।
Om Ghatakumbhaya Namah।
विशाल मस्तक वाले
घटोदर
472
ॐ घटोदराय नमः।
Om Ghatodaraya Namah।
घट (घड़े ) के समान उदर (पेट) वाले
चण्ड
473
ॐ चण्डाय नमः।
Om Chandaya Namah।
जो निर्भय एवं भयङ्कर हैं।
चण्डेश्वरसुहृद
474
ॐ चण्डेश्वरसुहृदे नमः।
Om Chandeshwarasuhride Namah।
जिन्हें चण्डिकेश्वर (शिव) प्रिय हैं।
चण्डेश
475
ॐ चण्डीशाय नमः।
Om Chandishaya Namah।
चण्डिका के स्वामी / शिव-पार्वती के प्रिय
चण्डविक्रम
476
ॐ चण्डविक्रमाय नमः।
Om Chandavikramaya Namah।
पराक्रम द्वारा समस्त गणों को जीतने वाले / अत्यन्त पराक्रमी
चराचरपति
477
ॐ चराचरपतये नमः।
Om Characharapataye Namah।
इस सम्पूर्ण जगत के स्वामी
चिन्तामणिचर्वण लालस
478
ॐ चिन्तामणिचर्वण-लालसाय नमः।
Om Chintamanicharvana-lalasaya Namah।
चिन्तामणि का मान-मर्दन (अभिमान नष्ट) करने वाले
छन्द
479
ॐ छन्दसे नमः।
Om Chhandase Namah।
जो स्वयं वेद श्रुतियों के रूप में हैं।
छन्दोवपु
480
ॐ छन्दोवपुषे नमः।
Om Chhandovapushe Namah।
वेदों को अपनी देह के रूप में धारण करने वाले
छन्दोदुर्लक्ष्य
481
ॐ छन्दोदुर्लक्ष्याय नमः।
Om Chhandodurlakshyaya Namah।
वेद भी जिनको पूर्ण रूप से जानने में असमर्थ हैं।
छन्दविग्रह
482
ॐ छन्दविग्रहाय नमः।
Om Chhandavigrahaya Namah।
जो स्वयं वेदस्वरूप हैं।
जगद्योनि
483
ॐ जगद्योनये नमः।
Om Jagadyonaye Namah।
जो इस सृष्टि के कारण हैं।
जगत्साक्षी
484
ॐ जगत्साक्षिणे नमः।
Om Jagatsakshine Namah।
जो इस सम्पूर्ण सृष्टि के साक्षी हैं।
जगदीश
485
ॐ जगदीशाय नमः।
Om Jagadishaya Namah।
"जो सपूर्ण सृष्टि में सर्वश्रेष्ठ हैं "
जगन्मय
486
ॐ जगन्मयाय नमः।
Om Jaganmayaya Namah।
जो स्वयं ही जगत के रूप में विद्यमान हैं।
जप
487
ॐ जपाय नमः।
Om Japaya Namah।
जो मन्त्र के रूप में विद्यमान हैं।
जपपर
488
ॐ जपपराय नमः।
Om Japaparaya Namah।
सदैव ध्यान/जप में लीन रहने वाले
जप्य
489
ॐ जप्याय नमः।
Om Japyaya Namah।
जिनका जप करना चाहिये / जप द्वारा पूजे जाने वाले
जिह्वासिंहासनप्रभु
490
ॐ जिह्वासिंहासन-प्रभवे नमः।
Om Jihvasimhasana-prabhave Namah।
वाणी अथवा वाक् शक्ति के स्वामी
झलज्झ ल्लोल्ल सद्दान झङ्कारि भ्रमराकुल
491
ॐ झलज्झ-ल्लोल्ल-सद्दान झङ्कारि भ्रमराकुलाय नमः।
Om Jhalajjha-llolla-saddan Jhankari-bhramarakulaya Namah।
भ्रमर द्वारा आकर्षित होने वाले
टङ्कारस्फारसंराव
492
ॐ टङ्कारस्फारसंरावाय नमः।
Om Tankaraspharasamravaya Namah।
धातुओं की टँकार जैसे ध्वनि करने वाले
टङ्कारिमणिनूपुर
493
ॐ टङ्कारिमणिनूपुराय नमः।
Om Tankarimaninupuraya Namah।
छोटे-छोटे नूपरों से सुसज्जित पायल धारण करने वाले
ठद्वयी पल्लवान्तःस्थ सर्वमन्त्रैकसिद्धिद
494
ॐ ठद्वयीपल्लवान्तःस्थ सर्वमन्त्रैकसिद्धिदाय नमः।
Om ThadwayipallavantahStha Sarvamantraikasiddhidaya Namah।
जो विधिवत पढे गये मन्त्रों का उत्तर हैं।
डिण्डिमुण्ड
495
ॐ डिण्डिमुण्डाय नमः।
Om Dindimundaya Namah।
ढ़ोल के समान विशाल मस्तक वाले
डाकिनीश
496
ॐ डाकिनीशाय नमः।
Om Dakinishaya Namah।
डाकिनी के स्वामी
डामर
497
ॐ डामराय नमः।
Om Damaraya Namah।
ध्वनि उत्पन्न करने वाले
डिण्डिमप्रिय
498
ॐ डिण्डिमप्रियाय नमः।
Om Dindimapriyaya Namah।
जिन्हें नगाड़े की ध्वनि प्रिय है।
ढ़क्कानिनादमुदित
499
ॐ ढ़क्कानिनादमुदिताय नमः।
Om Dhakkaninadamuditaya Namah।
जिन्हें इडक्का वाद्य यन्त्र की ध्वनि प्रिय है।
ढ़ौङ्को
500
ॐ ढ़ौकाय नमः।
Om Dhaukaya Namah।
भक्तों के समर्पण से प्रसन्न होने वाले
ढुण्ढिविनायक
501
ॐ ढुण्ढिविनायकाय नमः।
Om Dhundhivinayakaya Namah।
विघ्न-बाधाओं को दूर करने वाले
तत्त्वानां परमं तत्त्वं
502
ॐ तत्त्वानां परमाय तत्त्वाय नमः।
Om Tattvanam Paramaya Tattvaya Namah।
जो समस्त सिद्धान्तों में सर्वोच्च सिद्धान्त हैं।
तत्त्वम्पदनिरूपित
503
ॐ तत्त्वम्पदनिरूपिताय नमः।
Om Tattvampadanirupitaya Namah।
भक्तों को सैद्धान्तिक मार्ग पर चलाने वाले
तारकान्तर संस्थान
504
ॐ तारकान्तर-संस्थानाय नमः।
Om Tarakantara-samsthanaya Namah।
नेत्रों की पुतलियों में वास करने वाले
तारक
505
ॐ तारकाय नमः।
Om Tarakaya Namah।
भवसागर से तारने वाले / सबकी रक्षा करने वाले
तारकान्तक
506
ॐ तारकान्तकाय नमः।
Om Tarakantakaya Namah।
तारकासुर का सँहार करने वाले
स्थाणु
507
ॐ स्थाणवे नमः।
Om Sthanave Namah।
जो स्थिर हैं।
स्थाणुप्रिय
508
ॐ स्थाणुप्रियाय नमः।
Om Sthanupriyaya Namah।
जिन्हें स्थिरता प्रिय है / शिव के पुत्र / जो शिव को प्रिय हैं (स्थाणु - शिव का एक नाम )
स्थाता
509
ॐ स्थात्रे नमः।
Om Sthatre Namah।
जो अचल हैं।
स्थावर जङ्गमं जगत
510
ॐ स्थावराय जङ्गमाय जगते नमः।
Om Sthavaraya Jangamaya Jagate Namah।
जो स्वयं चराचर जगत स्वरूप हैं।
दक्षयज्ञप्रमथन
511
ॐ दक्षयज्ञप्रमथनाय नमः।
Om Dakshayagyapramathanaya Namah।
दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाले
दाता
512
ॐ दात्रे नमः।
Om Datre Namah।
जो सर्वदाता हैं।
दानवमोहन
513
ॐ दानवमोहनाय नमः।
Om Danavamohanaya Namah।
राक्षसों को अचेतन स्थिति में रखने वाले
दयावान
514
ॐ दयावते नमः।
Om Dayavate Namah।
जो अत्यन्त दयावान हैं।
दिव्यविभव
515
ॐ दिव्यविभवाय नमः।
Om Divyavibhavaya Namah।
अनन्त दैवीय शक्तियों वाले
दण्डभृद
516
ॐ दण्डभृते नमः।
Om Dandabhrite Namah।
हाथ में दण्ड धारण करने वाले
दण्डनायक
517
ॐ दण्डनायकाय नमः।
Om Dandanayakaya Namah।
जो दण्डनीति में परांगत हैं।
दन्तप्रभिन्न/दण्डप्रभिन्न अभ्रमाल
518
ॐ दन्तप्रभिन्न-अभ्रमालाय नमः।
Om Dantaprabhinna-abhramalaya Namah।
अपने दाँत के आघात से मेघों को छिन्न-बिन्न कर देने वाले
दैत्यवारणदारण
519
ॐ दैत्यवारणदारणाय नमः।
Om Daityavaranadaranaya Namah।
छुपे हुये दानवों का अन्त करने वाले
दंष्ट्रालग्नद्विपघट
520
ॐ दंष्ट्रालग्नद्विपघटाय नमः।
Om Damshtralagnadwipaghataya Namah।
जिनके एक दाँत में शत्रु का मस्तक स्थित है।
देवार्थनृगजाकृति
521
ॐ देवार्थनृगजाकृतये नमः।
Om Devarthanrigajakritaye Namah।
देवताओं के कल्याण हेतु गजमुख धारण करने वाले
धनधान्यपति
522
ॐ धनधान्यपतये नमः।
Om Dhanadhanyapataye Namah।
जो धन-धान्य के अधिपति हैं।
धन्य
523
ॐ धन्याय नमः।
Om Dhanyaya Namah।
जिन्हें सभी धन्यवाद देते हैं / जो धन सम्पन्न हैं।
धनद
524
ॐ धनदाय नमः।
Om Dhanadaya Namah।
धन-सम्पत्ति प्रदान करने वाले
धरणीधर
525
ॐ धरणीधराय नमः।
Om Dharanidharaya Namah।
पृथ्वी को धारण करने वाले
ध्यानैकप्रकट
526
ॐ ध्यानैकप्रकटाय नमः।
Om Dhyanaikaprakataya Namah।
ध्यान के द्वारा प्रकट होने वाले / ध्यान द्वारा मस्तिष्क को शान्त करने वाले
ध्येय
527
ॐ ध्येयाय नमः।
Om Dhyeyaya Namah।
जिनका ध्यान करना चाहिये / ध्यान से प्राप्त होने वाले
ध्यानं
528
ॐ ध्यानाय नमः।
Om Dhyanaya Namah।
जो स्वयं ध्यानस्वरूप हैं।
ध्यानपरायण
529
ॐ ध्यानपरायणाय नमः।
Om Dhyanaparayanaya Namah।
जिन्हें ध्यान प्रिय है।
नन्द्य
530
ॐ नन्द्याय नमः।
Om Nandyaya Namah।
सदैव उत्साहित एवं आनन्दित वाले
नन्दिप्रिय
531
ॐ नन्दिप्रियाय नमः।
Om Nandipriyaya Namah।
जो नन्दि को प्रिय हैं।
नाद
532
ॐ नादाय नमः।
Om Nadaya Namah।
जो स्वयं नाद स्वरूप हैं।
नादमध्यप्रतिष्ठित
533
ॐ नादमध्यप्रतिष्ठिताय नमः।
Om Nadamadhyapratishthitaya Namah।
सङ्गीत एवं वाद्ययन्त्रों के मध्य प्रसन्न रहने वाले
निष्कल
534
ॐ निष्कलाय नमः।
Om Nishkalaya Namah।
स्वर्णाभूषण धारण करने वाले
निर्मल
535
ॐ निर्मलाय नमः।
Om Nirmalaya Namah।
जो पूर्णतः पवित्र हैं।
नित्य
536
ॐ नित्याय नमः।
Om Nityaya Namah।
जो सदैव रहने वाले हैं / जो शाश्वत-सनातन हैं / जो अनश्वर हैं।
नित्यानित्य
537
ॐ नित्यानित्याय नमः।
Om Nityanityaya Namah।
जो नश्वर-अनश्वर दौनों ही रूपों में हैं।
निरामय
538
ॐ निरामयाय नमः।
Om Niramayaya Namah।
जो समस्त रोगों से मुक्त हैं / जो रोगमुक्त हैं।
परं व्योम
539
ॐ परस्मै व्योम्ने नमः।
Om Parasmai Vyomne Namah।
जो आकाशमण्डल के समान सर्वोच्च हैं।
परं धाम
540
ॐ परस्मै धाम्ने नमः।
Om Parasmai Dhamne Namah।
जो सर्वोच्च स्थान पर विराजमान हैं।
परमात्मा
541
ॐ परमात्मने नमः।
Om Paramatmane Namah।
जो स्वयं परब्रह्म हैं।
परं पदम
542
ॐ परस्मै पदाय नमः।
Om Parasmai Padaya Namah।
जो सर्वोच्च पद पर प्रतिष्ठित हैं।
परात्पर
543
ॐ परात्पराय नमः।
Om Paratparaya Namah।
श्रेष्ठों मैं भी सर्वश्रेष्ट
पशुपति
544
ॐ पशुपतये नमः।
Om Pashupataye Namah।
समस्त प्राणियों के स्वामी
पशुपाशविमोचक
545
ॐ पशुपाशविमोचकाय नमः।
Om Pashupashavimochakaya Namah।
प्राणियों को विभिन्न प्रकार के पाश (बन्धनों) से मुक्त करने वाले
पूर्णानन्द
546
ॐ पूर्णानन्दाय नमः।
Om Purnanandaya Namah।
आनन्द की वर्षा करने वाले
परानन्द
547
ॐ परानन्दाय नमः।
Om Paranandaya Namah।
सदैव परम आनन्द प्रदान करने वाले
पुराणपुरुषोत्तम
548
ॐ पुराणपुरुषोत्तमाय नमः।
Om Puranapurushottamaya Namah।
जो समस्त देवगणों में सर्वोच्च हैं।
पद्मप्रसन्ननयन
549
ॐ पद्मप्रसन्ननयनाय नमः।
Om Padmaprasannanayanaya Namah।
खिले हुये कमलपुष्पों के समान प्रसन्न नेत्रों वाले
प्रणताज्ञानमोचन
550
ॐ प्रणताज्ञानमोचनाय नमः।
Om Pranatagyanamochanaya Namah।
भक्त के समस्त अज्ञान का नाश करने वाले
प्रमाणप्रत्ययातीत
551
ॐ प्रमाणप्रत्ययातीताय नमः।
Om Pramanapratyayatitaya Namah।
जहाँ सत्य हो वहीं उपस्थित रहने वाले / सत्य के स्थान पर विराजमान रहने वाले
प्रणतार्तिनिवारण
552
ॐ प्रणतार्तिनिवारणाय नमः।
Om Pranatartinivaranaya Namah।
भक्तों के कष्ट का निवारण करने वाले
फलहस्त
553
ॐ फलहस्ताय नमः।
Om Phalahastaya Namah।
हाथ में फल लिये रहने वाले / भक्तों को तत्काल फल प्रदान करने वाले
फणिपति
554
ॐ फणिपतये नमः।
Om Phanipataye Namah।
सर्पों के स्वामी / नागों के अधिपति
फेत्कार
555
ॐ फेत्काराय नमः।
Om Phetkaraya Namah।
जो स्वयं तन्त्र स्वरूप हैं / तन्त्र में जिनकी स्तुति की गयी है।
फाणितप्रिय
556
ॐ फाणितप्रियाय नमः।
Om Phanitapriyaya Namah।
जिन्हें गन्ने का रस प्रिय है।
बाणार्चिताङ्घ्रियुगुल
557
ॐ बाणार्चिताङ्घ्रियुगुलाय नमः।
Om Banarchitanghriyugulaya Namah।
बाणासुर ने जिनके चरण कमलों की पूजा की थी
बालकेलिकुतूहली
558
ॐ बालकेलि-कुतूहलिने नमः।
Om Balakelikutuhaline Namah।
बाल क्रीडा का आनन्द लेने वाले
ब्रह्म
559
ॐ ब्रह्मणे नमः।
Om Brahmane Namah।
जो स्वयं ब्रह्म स्वरूप हैं।
ब्रह्मार्चितपद
560
ॐ ब्रह्मार्चितपदाय नमः।
Om Brahmarchitapadaya Namah।
ब्रह्मा जिनके चरण कमलों का पूजन करते हैं।
ब्रह्मचारी
561
ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।
Om Brahmacharine Namah।
जो ब्रह्मचारी (वेदों का अध्ययन करने वाले) हैं।
बृहस्पति
562
ॐ बृहस्पतये नमः।
Om Brihaspataye Namah।
जो देवताओं के गुरु हैं / जो स्वयं देवगुरु बृहस्पति स्वरूप हैं।
बृहत्तम
563
ॐ बृहत्तमाय नमः।
Om Brihattamaya Namah।
जो अत्यधिक विशालकाय हैं।
ब्रह्मपर
564
ॐ ब्रह्मपराय नमः।
Om Brahmaparaya Namah।
जो स्वयं ब्रह्मा का स्वरूप हैं।
ब्रह्मण्य
565
ॐ ब्रह्मण्याय नमः।
Om Brahmanyaya Namah।
ब्राह्मणों पर श्रद्धा रखने वाले
ब्रह्मवित्प्रिय
566
ॐ ब्रह्मवित्प्रियाय नमः।
Om Brahmavitpriyaya Namah।
जो विद्यार्थियों को प्रिय हैं।
बृहन्नादाग्र्य चीत्कार
567
ॐ बृहन्नादाग्र्य-चीत्काराय नमः।
Om Brihannadagryachitkaraya Namah।
अत्यन्त तीव्र ध्वनि (चित्कार) उत्पन्न करने वाले
ब्रह्माण्डावलि मेखल
568
ॐ ब्रह्माण्डावलि-मेखलाय नमः।
Om Brahmandavali-mekhalaya Namah।
ब्रह्माण्ड को अपनी कटिसूत्र के रूप में धारण करने वाले
भ्रूक्षेपदत्तलक्ष्मीक
569
ॐ भ्रूक्षेपदत्त-लक्ष्मीकाय नमः।
Om Bhrukshepadatta-lakshmikaya Namah।
पलक झपकते ही भक्तों पर धनवर्षा करने वाले
भर्गा
570
ॐ भर्गाय नमः।
Om Bhargaya Namah।
सूर्य के समान तेज वाले
भद्रा
571
ॐ भद्राय नमः।
Om Bhadraya Namah।
जो सर्वोत्तम एवं सभ्य हैं।
भयापह
572
ॐ भयापहाय नमः।
Om Bhayapahaya Namah।
भक्तों के ज्ञात-अज्ञात भय नष्ट करने वाले
भगवान
573
ॐ भगवते नमः।
Om Bhagawate Namah।
जो सर्वशक्तिमान परमात्मा हैं।
भक्तिसुलभ
574
ॐ भक्तिसुलभाय नमः।
Om Bhaktisulabhaya Namah।
जिन्हें भक्ति द्वारा सुगमता से प्राप्त किया जा सकता है।
भूतिद
575
ॐ भूतिदाय नमः।
Om Bhutidaya Namah।
सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाले
भूतिभूषण
576
ॐ भूतिभूषणाय नमः।
Om Bhutibhushanaya Namah।
भष्म धारण करने वाले
भव्य/भय
577
ॐ भव्याय/भयाय नमः।
Om Bhavyaya/Bhayaya Namah।
जो अनन्त एवं अति विशाल हैं / जो स्वयं भयस्वरूप हैं।
भूतालय
578
ॐ भूतालयाय नमः।
Om Bhutalayaya Namah।
जिनमें सारे तत्व विद्यमान हैं / जिनमें पञ्चभूत विद्यमान हैं।
भोगदाता
579
ॐ भोगदात्रे नमः।
Om Bhogadatre Namah।
भक्तों को धन-ऐश्वर्य प्रदान करने वाले / जीवों को कर्मानुसार फल प्रदान करने वाले
भ्रूमध्यगोचर
580
ॐ भ्रूमध्यगोचराय नमः।
Om Bhrumadhyagocharaya Namah।
योगीजनों के ध्यान में दोनों भौंह के मध्य अनुभव होने वाले / भौंह के मध्य ज्ञानपीठ के रूप में स्थित रहने वाले
मन्त्र
581
ॐ मन्त्राय नमः।
Om Mantraya Namah।
जो स्वयं मन्त्र स्वरूप हैं।
मन्त्रपति
582
ॐ मन्त्रपतये नमः।
Om Mantrapataye Namah।
जो समस्त मन्त्रों के अधिपति हैं।
मन्त्री
583
ॐ मन्त्रिणे नमः।
Om Mantrine Namah।
समस्त मन्त्रों के ज्ञाता एवं स्वामी / विचार-विमर्श करने वाले
मदमत्त मनोरम
584
ॐ मदमत्त-मनोरमाय नमः।
Om Madamatta-manoramaya Namah।
जो आनन्द-उत्साह में लीन हैं / जो आनन्द में डूबे अति सुन्दर दिखायी देते हैं।
मेखलावान
585
ॐ मेखलावते नमः।
Om Mekhalawate Namah।
कमर में मेखला (कमरबन्ध) धारण करने वाले
मन्दगति
586
ॐ मन्दगतये नमः।
Om Mandagataye Namah।
धीरे-धीरे चलने वाले / जो किसी कार्य में अनावश्यक शीघ्रता नही करते
मतिमान कमलेक्षण
587
ॐ मतिमत्कमलेक्षणाय नमः।
Om Matimatkamalekshanaya Namah।
ज्ञानवान एवं कमल के समान नयन वाले / ज्ञानवान एवं कमलनयन
महाबल
588
ॐ महाबलाय नमः।
Om Mahabalaya Namah।
जो अत्यधिक बलशाली एवं शक्तिशाली हैं।
महावीर्य
589
ॐ महावीर्याय नमः।
Om Mahaviryaya Namah।
जो अत्यन्त वीर एवं साहसी हैं।
महाप्राण
590
ॐ महाप्राणाय नमः।
Om Mahapranaya Namah।
जो समस्त जीवात्माओं के प्राण हैं।
महामना
591
ॐ महामनसे नमः।
Om Mahamanase Namah।
महान विचारधारा वाले / श्रेष्ठ विचारों वाले
यज्ञ
592
ॐ यज्ञाय नमः।
Om Yagyaya Namah।
जो स्वयं यग्यस्वरूप हैं।
यज्ञपति
593
ॐ यज्ञपतये नमः।
Om Yagyapataye Namah।
जो यज्ञों के स्वामी हैं।
यज्ञगोप्ता
594
ॐ यज्ञगोप्त्रे नमः।
Om Yagyagoptre Namah।
यज्ञ से आनन्दित होने वाले / जो यज्ञों के रक्षक हैं।
यज्ञफलप्रद
595
ॐ यज्ञफलप्रदाय नमः।
Om Yagyaphalapradaya Namah।
यज्ञों का फल प्रदान करने वाले
यशस्कर
596
ॐ यशस्कराय नमः।
Om Yashaskaraya Namah।
यश एवं प्रसिद्धि प्रदान करने वाले
योगगम्य
597
ॐ योगगम्याय नमः।
Om Yogagamyaya Namah।
योग द्वारा प्राप्त होने वाले
याज्ञिक
598
ॐ याज्ञिकाय नमः।
Om Yagyikaya Namah।
यज्ञ के अधिपति
याजकप्रिय
599
ॐ याजकप्रियाय नमः।
Om Yajakapriyaya Namah।
जिन्हें यज्ञ प्रिय है।
रस
600
ॐ रसाय नमः।
Om Rasaya Namah।
जो प्रत्येक रस में विद्यमान हैं / जो स्वयं आनन्दस्वरूप हैं।
रसप्रिय
601
ॐ रसप्रियाय नमः।
Om Rasapriyaya Namah।
जिन्हें रस प्रिय हैं।
रस्य
602
ॐ रस्याय नमः।
Om Rasyaya Namah।
जिनके स्मरण से आनन्द की अनुभूति होती है / जिनके स्मरण में रस आता है।
रञ्जक
603
ॐ रञ्जकाय नमः।
Om Ranjakaya Namah।
हर्ष एवं आनन्द प्रदान करने वाले
रावणार्चित
604
ॐ रावणार्चिताय नमः।
Om Ravanarchitaya Namah।
रावण द्वारा पूजे जाने वाले
रक्षोरक्षाकर
605
ॐ रक्षोरक्षाकराय नमः।
Om Rakshorakshakaraya Namah।
राक्षसों की रक्षा करने वाले
रत्नगर्भ
606
ॐ रत्नगर्भाय नमः।
Om Ratnagarbhaya Namah।
जिनके उदर में रत्न स्थित हैं।
राज्यसुखप्रद
607
ॐ राज्यसुखप्रदाय नमः।
Om Rajyasukhapradaya Namah।
राज्यसुख प्रदान करने वाले
लक्ष्या
608
ॐ लक्षयं नमः।
Om Lakshyam Namah।
जो समस्त प्राणियों का उद्देश्य हैं।
लक्ष्यप्रद/लक्ष्यप्रिय
609
ॐ लक्ष्यप्रदाय/लक्ष्यप्रियाय नमः।
Om Lakshyapradaya/Lakshyapriyaya Namah।
सफलतापूर्वक लक्ष्य प्रदान करने वाले / सफलतापूर्वक लक्ष्य तक पहुँचाने वाले
लक्ष्य
610
ॐ लक्ष्याय नमः।
Om Lakshyaya Namah।
जो स्वयं परम लक्ष्य हैं।
लयस्थ
611
ॐ लयस्थाय नमः।
Om Layasthaya Namah।
जो प्रत्येक लय में विद्यमान हैं।
लड्डुकप्रिय
612
ॐ लड्डुकप्रियाय नमः।
Om Laddukapriyaya Namah।
जिन्हें लड्डू (मोदक) अत्यन्त प्रिय हैं।
लानप्रिय
613
ॐ लानप्रियाय नमः।
Om Lanapriyaya Namah।
जिन्हें निरन्तर गति प्रिय है।
लास्यपर
614
ॐ लास्यपराय नमः।
Om Lasyaparaya Namah।
जिन्हें नृत्य प्रिय है।
लाभकृल्लोकविश्रुत
615
ॐ लाभकृल्लोक-विश्रुताय नमः।
Om Labhakrilloka-vishrutaya Namah।
शुभफल प्राप्ति हेतु पूजे जाने वाले
वरेण्य
616
ॐ वरेण्याय नमः।
Om Varenyaya Namah।
जो समस्त प्राणियों को प्रिय हैं।
वह्निवदन
617
ॐ वह्निवदनाय नमः।
Om Vahnivadanaya Namah।
जिनकी देह में अग्नि के समान तेज है।
वन्द्य
618
ॐ वन्द्याय नमः।
Om Vandyaya Namah।
जो साष्टाङ्ग प्रणाम करने योग्य हैं।
वेदान्तगोचर
619
ॐ वेदान्तगोचराय नमः।
Om Vedantagocharaya Namah।
उपनिषदों को जानने वाले
विकर्ता
620
ॐ विकर्त्रे नमः।
Om Vikartre Namah।
भक्तों की सहायता करने वाले
विश्वतश्चक्षुषी
621
ॐ विश्वतश्चक्षुषे नमः।
Om Vishvatashchakshushe Namah।
संसार को अपने नेत्रों के रूप में धारण करने वाले
विधाता
622
ॐ विधात्रे नमः।
Om Vidhatre Namah।
सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले
विश्वतोमुख
623
ॐ विश्वतोमुखाय नमः।
Om Vishvatomukhaya Namah।
जो स्वयं ब्रह्मा स्वरूप में विराजमान हैं।
वामदेव
624
ॐ वामदेवाय नमः।
Om Vamadevaya Namah।
जो स्वयं शिव स्वरूप हैं / जो स्वयं वामदेव स्वरूप हैं।
विश्वनेता/विश्वनेत्र
625
ॐ विश्वनेते/विश्वनेत्रे नमः।
Om Vishvanete/Vishvanetre Namah।
सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करने वाले / सम्पूर्ण विश्व को देखने वाले
वज्रिवज्रनिवारण
626
ॐ वज्रिवज्रनिवारणाय नमः।
Om Vajrivajranivaranaya Namah।
वज्र को नियन्त्रित करने की शक्ति रखने वाले
विश्वबन्धनविष्कम्भाधार
627
ॐ विश्वबन्धन-विष्कम्भाधाराय नमः।
Om Vishvabandhanavishkambhadharaya Namah।
सांसरिक मोह-माया से मुक्त करने वाले
विश्वेश्वरप्रभु
628
ॐ विश्वेश्वरप्रभवे नमः।
Om Vishveshwaraprabhave Namah।
भगवान शिव के अधिपति
शब्दब्रह्म
629
ॐ शब्दब्रह्मणे नमः।
Om Shabdabrahmane Namah।
जो ब्रह्म स्वरूप नाद में विद्यमान हैं।
शमप्राप्य
630
ॐ शमप्राप्याय नमः।
Om Shamaprapyaya Namah।
जिन्हें अनुशासन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
शम्भुशक्तिगणेश्वर
631
ॐ शम्भुशक्तिगणेश्वराय नमः।
Om Shambhushaktiganeshwaraya Namah।
शिव एवं शक्ति के गणों (उपासकों) के स्वामी
शास्ता
632
ॐ शास्त्रे नमः।
Om Shastre Namah।
दुर्गुणों को दूर करने वाले / जो शास्ता नामक देवता के स्वरूप हैं / शासनकर्ता
शिखाग्रनिलय
633
ॐ शिखाग्रनिलयाय नमः।
Om Shikhagranilayaya Namah।
शाखा के अग्रभाग में निवास करने वाले / शिखा के अग्रभाग में वास करने वाले
शरण्य
634
ॐ शरण्याय नमः।
Om Sharanyaya Namah।
जिनकी शरण में जाना चाहिये / शरणागत वत्सल
शिखरीश्वर
635
ॐ शिखरीश्वराय नमः।
Om Shikharishwaraya Namah।
पर्वतों के स्वामी
षड्ऋतुकुसुम स्त्रग्वी
636
ॐ षड्ऋतुकुसुम-स्त्रग्विणे नमः।
Om Shad Ritukusumasragvine Namah।
प्रत्येक ऋतु में खिले रहने वाले पुष्पों की माला धारण करने वाले
षडाधार
637
ॐ षडाधाराय नमः।
Om Shadadharaya Namah।
मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा आदि षट्चक्र के आधार
षडक्षर
638
ॐ षडक्षराय नमः।
Om Shadaksharaya Namah।
जो स्वयं 'गणेशाय नमः' षडक्षर मन्त्र स्वरूप हैं।
संसारवैद्य
639
ॐ संसारवैद्याय नमः।
Om Sansaravaidyaya Namah।
जो समस्त सृष्टि के चिकित्सक हैं।
सर्वज्ञ
640
ॐ सर्वज्ञाय नमः।
Om Sarvagyaya Namah।
सब कुछ जानने वाले
सर्वभेषजभेषजम
641
ॐ सर्वभेषज-भेषजाय नमः।
Om Sarvabheshaja-bheshajaya Namah।
जो समस्त औषधियों की औषधि हैं।
सृष्टिस्थिति लयक्रीड
642
ॐ सृष्टिस्थिति-लयक्रीडाय नमः।
Om Srishtisthiti-layakridaya Namah।
जिनके लिये सृष्टि का सृजन एवं विनाश ही क्रीडा है।
सुरकुञ्जरभेदन
643
ॐ सुरकुञ्जर-भेदनाय नमः।
Om Surakunjara-bhedanaya Namah।
हथियों को वश मैं करने वाले
सिन्दूरित महाकुम्भ
644
ॐ सिन्दूरित-महाकुम्भाय नमः।
Om Sindurita-mahakumbhaya Namah।
विशाल मस्तक पर सिन्दूर धारण करने वाले
सदसद् व्यक्तिदायक
645
ॐ सदसद्-व्यक्तिदायकाय नमः।
Om Sadasad-vyaktidayakaya Namah।
भक्तों को सद्बुद्धि प्रदान करने वाले
साक्षी
646
ॐ साक्षिणे नमः।
Om Sakshine Namah।
सृष्टि की समस्त गतिविधियों के साक्षी
समुद्रमथन
647
ॐ समुद्रमथनाय नमः।
Om Samudramathanaya Namah।
समुद्र मन्थन करने वाले
स्वसंवेद्य
648
ॐ स्वसंवेद्याय नमः।
Om Swasamvedyaya Namah।
जिन्हें आत्मबोध है / स्वयं को जानने वाले
स्वदक्षिण
649
ॐ स्वदक्षिणाय नमः।
Om Swadakshinaya Namah।
जो स्वयं सर्व समर्थ हैं।
स्वतन्त्र
650
ॐ स्वतन्त्राय नमः।
Om Swatantraya Namah।
जो स्वतन्त्र हैं।
सत्यसङ्कल्प
651
ॐ सत्यसङ्कल्पाय नमः।
Om Satyasankalpaya Namah।
जो परम सत्य स्वरूप हैं।
सामगानरत
652
ॐ सामगानरताय नमः।
Om Samaganarataya Namah।
सामगान में तल्लीन रहने वाले
सुखी
653
ॐ सुखिने नमः।
Om Sukhine Namah।
जो परम सुखी हैं।
हंस
654
ॐ हंसाय नमः।
Om Hamsaya Namah।
जो परमेश्वर हैं / जो पवित्र हैं।
हस्तिपिशाचीश
655
ॐ हस्तिपिशाचीशाय नमः।
Om Hastipishachishaya Namah।
ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा' मन्त्र के अधिपति / दुर्जन हथियों के स्वामी
हवन
656
ॐ हवनाय नमः।
Om Havanaya Namah।
जो स्वयं हवन स्वरूप हैं।
हव्यकव्यभुज
657
ॐ हव्यकव्यभुजे नमः।
Om Havyakavyabhuje Namah।
यज्ञ आहुति एवं पितृ पिण्ड (हव्य-कव्य) ग्रहण करने वाले
हव्य/हय
658
ॐ हव्याय/हयाय नमः।
Om Havyaya/Hayaya Namah।
जो हव्य स्वरूप हैं (हव्य - हवन में आहुति दिये जाने वाले पदार्थ)
हुतप्रिय
659
ॐ हुतप्रियाय नमः।
Om Hutapriyaya Namah।
जिन्हें यज्ञाहुति में अर्पित घृत प्रिय है।
हर्ष
660
ॐ हर्षाय नमः।
Om Harshaya Namah।
सदैव प्रसन्नचित्त रहने वाले
हृल्लेखामन्त्रमध्यग
661
ॐ हृल्लेखामन्त्र-मध्यगाय नमः।
Om Hrillekhamantra-madhyagaya Namah।
हृल्लेखा (ह्रीं) बीज मन्त्र के मध्य वास करने वाले / ध्यान में विराजमान रहने वाले
क्षेत्राधिप
662
ॐ क्षेत्राधिपाय नमः।
Om Kshetradhipaya Namah।
भूमिक्षेत्र के अधिपति / तीर्थक्षेत्र के अधिपति /ज्योतिष में राशि स्वामी
क्षमाभर्ता
663
ॐ क्षमाभर्त्रे नमः।
Om Kshamabhartre Namah।
जो पृथ्वी के आधार हैं।
क्षमापरपरायण
664
ॐ क्षमापर-परायणाय नमः।
Om Kshamapara-parayanaya Namah।
जो क्षमाशील हैं।
क्षिप्रक्षेमकर
665
ॐ क्षिप्र-क्षेमकराय नमः।
Om Kshipra-kshemakaraya Namah।
तत्क्षण कल्याण करने वाले
क्षेमानन्द
666
ॐ क्षेमानन्दाय नमः।
Om Kshemanandaya Namah।
भक्तों की प्रसन्नता से आनन्दित होने वाले
क्षोणीसुरद्रुम
667
ॐ क्षोणीसुरद्रुमाय नमः।
Om Kshonisuradrumaya Namah।
जो पृथ्वी पर कल्पवृक्ष के समान हैं / समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले
धर्मप्रद
668
ॐ धर्मप्रदाय नमः।
Om Dharmapradaya Namah।
धर्म प्रदान करने वाले / भक्तों के धर्म की रक्षा करने वाले
अर्थद
669
ॐ अर्थदाय नमः।
Om Arthadaya Namah।
अर्थ (धन-सम्पदा) प्रदान करने वाले
कामदाता
670
ॐ कामदात्रे नमः।
Om Kamadatre Namah।
समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाले
सौभाग्यवर्धन
671
ॐ सौभाग्यवर्धनाय नमः।
Om Saubhagyavardhanaya Namah।
सौभाग्य में वृद्धि करने वाले
विद्याप्रद
672
ॐ विद्याप्रदाय नमः।
Om Vidyapradaya Namah।
विद्या प्रदान करने वाले
विभवद
673
ॐ विभवदाय नमः।
Om Vibhavadaya Namah।
ख्याति प्रदान करने वाले
भुक्तिमुक्तिफलप्रद
674
ॐ भुक्तिमुक्ति-फलप्रदाय नमः।
Om Bhuktimukti-phalapradaya Namah।
सांसरिक सुख एवं मुक्ति (मोक्ष) दोनों प्रदान करने वाले
आभिरूप्यकर
675
ॐ आभिरूप्यकराय नमः।
Om Abhirupyakaraya Namah।
सम्पत्ति में वृद्धि करने वाले / सौन्दर्य में वृद्धि करने वाले
वीरश्रीप्रद
676
ॐ वीरश्रीप्रदाय नमः।
Om Virashipradaya Namah।
विजय प्रदान करने वाले
विजयप्रद
677
ॐ विजयप्रदाय नमः।
Om Vijayapradaya Namah।
सफलता प्रदान करने वाले
सर्ववश्यकर
678
ॐ सर्ववश्यकराय नमः।
Om Sarvavashyakaraya Namah।
सभी को वश में करने वाले / सभी को आकर्षित करने वाले
गर्भदोषहा
679
ॐ गर्भदोषघ्ने नमः।
Om Garbhadoshaghne Namah।
गर्भ की रक्षा करने वाले / गर्भ दोष दूर करने वाले
पुत्रपौत्रद
680
ॐ पुत्रपौत्रदाय नमः।
Om Putrapautradaya Namah।
सन्तति (पुत्र-पौत्र) प्रदान करने वाले
मेधाद
681
ॐ मेधादाय नमः।
Om Medhadaya Namah।
ज्ञान एवं विशेषज्ञता प्रदान करने वाले
कीर्तिद
682
ॐ कीर्तिदाय नमः।
Om Kirtidaya Namah।
कीर्ति (प्रसिद्धि) प्रदान करने वाले
शोकहारी
683
ॐ शोकहारिणे नमः।
Om Shokaharine Namah।
दुख का नाश करने वाले
दौर्भाग्यनाशन
684
ॐ दौर्भाग्यनाशनाय नमः।
Om Daurbhagyanashanaya Namah।
दुर्भाग्य का नाश करने वाले
प्रतिवादिमुखस्तम्भ
685
ॐ प्रतिवादि-मुखस्तम्भाय नमः।
Om Prativadi-mukhastambhaya Namah।
शत्रुओं का दमन करने वाले
रुष्टचित्तप्रसादन
686
ॐ रुष्टचित्तप्रसादनाय नमः।
Om Rushtachittaprasadanaya Namah।
क्रोध को शान्त करने वाले
पराभिचारशमन
687
ॐ पराभिचारशमनाय नमः।
Om Parabhicharashamanaya Namah।
दूसरों द्वारा उत्पन्न की गयी नकारात्मकता को नष्ट करने वाले
दुःखभञ्जनकारक
688
ॐ दुःखभञ्जनकारकाय नमः।
Om Duhkhabhanjanakarakaya Namah।
भक्तों के दुखों का नाश करने वाले
लव
689
ॐ लवाय नमः।
Om Lavaya Namah।
जो अति सूक्ष्म हैं / समय की अति सूक्ष्म इकाई
त्रुटी
690
ॐ त्रुटये नमः।
Om Trutaye Namah।
जो त्रुटीकालस्वरूप हैं (काल गणना में एक हजार लव के समान एक त्रुटि होती है)
कला
691
ॐ कलायै नमः।
Om Kalayai Namah।
जो कलास्वरूप हैं (कालगणना में तीस 'काष्ठा' के समान एक 'कला' होता है)
काष्ठा
692
ॐ काष्ठायै नमः।
Om Kashthayai Namah।
जो काष्ठस्वरूप हैं (18 निमेष के समान एक काष्ठा होता है)
निमेष
693
ॐ निमेषाय नमः।
Om Nimeshaya Namah।
जो निमेष स्वरूप हैं, (निमेष अर्थात पलक झपकने और खुलने में लगने वाले समय का आधा)
तत्पर
694
ॐ तत्पराय नमः।
Om Tatparaya Namah।
जो तत्पर स्वरूप हैं (एक सौ 'त्रुटियों' के समान एक 'तत्पर' होता है)
क्षण
695
ॐ क्षणाय नमः।
Om Kshanaya Namah।
जो क्षण स्वरूप हैं (तीस 'कलाओं' का एक 'क्षण' होता है)
घटी
696
ॐ घट्यै नमः।
Om Ghatyai Namah।
जो घटी स्वरूप हैं (एक घटी लगभग 24 मिनट की होती है )
मुहूर्त
697
ॐ मुहूर्ताय नमः।
Om Muhurtaya Namah।
जो मुहूर्त स्वरूप हैं, एक मुहूर्त दो घटी (लगभग 48 मिनट) का होता है]
प्रहर
698
ॐ प्रहराय नमः।
Om Praharaya Namah।
जो प्रहर स्वरूप हैं, (24 घण्टे में 8 प्रहर होते हैं)
दिवा
699
ॐ दिवाय नमः।
Om Divaya Namah।
जो दिन स्वरूप हैं।
नक्तं
700
ॐ नक्तं नमः।
Om Naktam Namah।
जो रात्री स्वरूप हैं।
अहर्निशं
701
ॐ अहर्निशाय नमः।
Om Aharnishaya Namah।
जो रात्री एवं दिवस का प्रतिधिनीत्व करते हैं।
पक्ष
702
ॐ पक्षाय नमः।
Om Pakshaya Namah।
जो पक्ष स्वरूप हैं (15 दिन का एक पक्ष होता है)
मास
703
ॐ मासाय नमः।
Om Masaya Namah।
जो माह स्वरूप हैं (दो पक्षों का एक माह होता है)
अयन
704
ॐ अयनाय नमः।
Om Ayanaya Namah।
जो अयन स्वरूप हैं (6 माह का एक अयन होता है)
वर्ष
705
ॐ वर्षाय नमः।
Om Varshaya Namah।
जो वर्ष स्वरूप हैं, दो अयन (उत्तरायण और दक्षिणायण) का एक वर्ष होता है।
युग
706
ॐ युगाय नमः।
Om Yugaya Namah।
जो युग स्वरूप हैं (प्रत्येक युग का समयकाल भिन्न-भिन्न है)
कल्प
707
ॐ कल्पाय नमः।
Om Kalpaya Namah।
जो कल्प स्वरूप हैं (एक हजार चतुर्युग के समान एक कल्प होता है )
महालय
708
ॐ महालयाय नमः।
Om Mahalalaya Namah।
जो सूक्ष्मकाल एवं महाकाल स्वरूप हैं / जो पितृपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राशि
709
ॐ राशये नमः।
Om Rashaye Namah।
राशि चक्र की समस्त राशियों का प्र्तिधिनीत्व करने वाले
तारा
710
ॐ तारायै नमः।
Om Tarayai Namah।
जो तारों के रूप में विद्यमान हैं / जो 27 नक्षत्र के रूप में विद्यमान हैं।
तिथि
711
ॐ तिथये नमः।
Om Tithaye Namah।
जो पंचाङ्ग की समस्त तिथियों के स्वरूप में हैं।
योग
712
ॐ योगाय नमः।
Om Yogaya Namah।
जो पंचाङ्ग में योग के रूप में विद्यमान हैं।
वार
713
ॐ वाराय नमः।
Om Varaya Namah।
जो सप्ताह के सात वार के स्वरूप में विद्यमान हैं।
करण
714
ॐ करणाय नमः।
Om Karanaya Namah।
जो पंचाङ्ग में करण के रूप में विद्यमान हैं।
अंशकाय
715
ॐ अंशकाय नमः।
Om Anshakaya Namah।
ज्योतिष के समस्त अंशों के रूप में रहने वाले, नवांश आदि
लग्न
716
ॐ लग्नाय नमः।
Om Lagnaya Namah।
ज्योतिष में लग्न का प्रतिधिनीत्व करने वाले
होरा
717
ॐ होरायै नमः।
Om Horayai Namah।
ज्योतिष में होरा चक्र के रूप में विद्यमान रहने वाले
कालचक्र
718
ॐ कालचक्राय नमः।
Om Kalachakraya Namah।
जो स्वयं काल (समय) का रूप हैं।
मेरु
719
ॐ मेरवे नमः।
Om Merave Namah।
जो मेरु के पर्वत रूप में विद्यमान हैं / मेरु यन्त्र की शक्ति के रूप में रहने वाले
सप्तर्षय
720
ॐ सप्तर्षिभ्यो नमः।
Om Saptarshibhyo Namah।
जो सप्तऋषि स्वरूप हैं।
ध्रुव
721
ॐ ध्रुवाय नमः।
Om Dhruvaya Namah।
जो ध्रुव तारे के रूप में विद्यमान हैं।
राहु
722
ॐ राहवे नमः।
Om Rahave Namah।
जो राहू ग्रह स्वरूप हैं।
मन्द
723
ॐ मन्दाय नमः।
Om Mandaya Namah।
जो शनि ग्रह स्वरूप हैं।
कवि
724
ॐ कवये नमः।
Om Kavaye Namah।
जो शुक्र ग्रह स्वरूप हैं।
जीव
725
ॐ जीवाय नमः।
Om Jivaya Namah।
जो बृहस्पति ग्रह स्वरूप हैं।
बुध
726
ॐ बुधाय नमः।
Om Budhaya Namah।
जो बुध ग्रह स्वरूप हैं।
भौम
727
ॐ भौमाय नमः।
Om Bhaumaya Namah।
जो मङ्गल ग्रह स्वरूप हैं।
शशी
728
ॐ शशिने नमः।
Om Shashine Namah।
जो चन्द्र ग्रह स्वरूप हैं।
रवि
729
ॐ रवये नमः।
Om Ravaye Namah।
जो सूर्य ग्रह स्वरूप हैं।
काल
730
ॐ कालाय नमः।
Om Kalaya Namah।
जो काल स्वरूप हैं / सृष्टि का संहार करने वाले
सृष्टि
731
ॐ सृष्टये नमः।
Om Srishtaye Namah।
सृष्टि की रचना करने वाले
स्थिति
732
ॐ स्थितये नमः।
Om Sthitaye Namah।
सृष्टि की रक्षा करने वाले
विश्वं स्थावरं जङ्गमं
733
ॐ विश्वस्मै स्थावराय जङ्गमाय नमः।
Om Vishvasmai Sthavaraya Jangamaya Namah।
जो इस सम्पूर्ण चराचर (सजीव एवं निर्जीव) में स्थित हैं।
भू
734
ॐ भुवे नमः।
Om Bhuve Namah।
जो पृथ्वी स्वरूप हैं।
अद्भ्यु
735
ॐ अद्भ्यो नमः।
Om Adbhyo Namah।
जो जल स्वरूप हैं।
अग्नि
736
ॐ अग्नये नमः।
Om Agnaye Namah।
जो अग्नि स्वरूप हैं।
मरु
737
ॐ मरुते नमः।
Om Marute Namah।
जो वायु स्वरूप हैं।
व्योम
738
ॐ व्योम्ने नमः।
Om Vyomne Namah।
जो आकाश स्वरूप हैं।
अहंकृति
739
ॐ अहंकृतये नमः।
Om Ahankritaye Namah।
जो अहँकार स्वरूप हैं।
प्रकृति
740
ॐ प्रकृतये नमः।
Om Prakritaye Namah।
जो प्र्कृती स्वरूप हैं।
पुमान
741
ॐ पुंसे नमः।
Om Punse Namah।
जो पुरुष स्वरूप हैं।
ब्रह्मा
742
ॐ ब्रह्मणे नमः।
Om Brahmane Namah।
जो ब्रह्मा स्वरूप हैं।
विष्णु
743
ॐ विष्णवे नमः।
Om Vishnave Namah।
जो विष्णु स्वरूप हैं।
शिव
744
ॐ शिवाय नमः।
Om Shivaya Namah।
जो शिव स्वरूप हैं।
रुद्र
745
ॐ रुद्राय नमः।
Om Rudraya Namah।
जो रुद्र स्वरूप हैं।
ईश
746
ॐ ईशाय नमः।
Om Ishaya Namah।
जो ईश्वर स्वरूप हैं।
शक्ति
747
ॐ शक्तये नमः।
Om Shaktaye Namah।
जो शक्ति स्वरूप हैं।
सदाशिव
748
ॐ सदाशिवाय नमः।
Om Sadashivaya Namah।
जो सदाशिव स्वरूप हैं / सदैव कल्याण करने वाले
त्रिदशा
749
ॐ त्रिदशेभ्यो नमः।
Om Tridashebhyo Namah।
स्वर्ग में निवास करने वाले / बाल्य, कौमार्य, तरुण आदि तीन दशाओं से मुक्त
पितर
750
ॐ पितृभ्यो नमः।
Om Pitribhyo Namah।
जो पितृ स्वरूप हैं।
सिद्धा
751
ॐ सिद्धेभ्यो नमः।
Om Siddhebhyo Namah।
जो सिद्धि स्वरूप हैं / जो समस्त रोगों का उपचार हैं।
यक्ष
752
ॐ यक्षेभ्यो नमः।
Om Yakshebhyo Namah।
जो यक्ष स्वरूप हैं।
रक्ष
753
ॐ रक्षोभ्यो नमः।
Om Rakshobhyo Namah।
जो राक्षस स्वरूप हैं।
किन्नर
754
ॐ किन्नरेभ्यो नमः।
Om Kinnarebhyo Namah।
जो किन्नर स्वरूप हैं।
साध्या
755
ॐ साध्येभ्यो नमः।
Om Sadhyebhyo Namah।
जो साधक स्वरूप हैं / सफलता प्रदान करने वाले
विद्याधरा
756
ॐ विद्याधरेभ्यो नमः।
Om Vidyadharebhyo Namah।
जो विद्याधर स्वरूप हैं (विद्याधर हिन्दु धर्म में एक उपदेव हैं जो शिव के सहचर भी हैं) / जो शिक्षाविद् हैं।
भूत
757
ॐ भूतेभ्यो नमः।
Om Bhutebhyo Namah।
जो स्वयं भूतगणों के रूप में हैं।
मनुष्य
758
ॐ मनुष्येभ्यो नमः।
Om Manushyebhyo Namah।
जो मनुष्य स्वरूप हैं।
पशु
759
ॐ पशुभ्यो नमः।
Om Pashubhyo Namah।
जो पशु स्वरूप हैं।
खग
760
ॐ खगेभ्यो नमः।
Om Khagebhyo Namah।
जो पक्षी स्वरूप हैं।
समुद्र
761
ॐ समुद्रेभ्यो नमः।
Om Samudrebhyo Namah।
जो समुद्र के रूप में विद्यमान हैं।
सरित
762
ॐ सरिद्भ्यो नमः।
Om Saridbhyo Namah।
जो नदियों के रूप में प्र्वाहित होते हैं।
शैल
763
ॐ शैलेभ्यो नमः।
Om Shailebhyo Namah।
जो पर्वत स्वरूप हैं।
भूत
764
ॐ भूताय नमः।
Om Bhutaya Namah।
जो भूतकाल स्वरूप हैं / जो भूत स्वरूप हैं।
भव्य
765
ॐ भव्याय नमः।
Om Bhavyaya Namah।
जो भविष्य स्वरूप हैं / जो दिव्य हैं।
भवोद्भव
766
ॐ भवोद्भवाय नमः।
Om Bhavodbhavaya Namah।
सृष्टि की उत्पत्ति का कारण
साङ्ख्यं
767
ॐ साङ्ख्याय नमः।
Om Sankhyaya Namah।
जो साङ्ख्य दर्शन स्वरूप हैं।
पातञ्जलं
768
ॐ पातञ्जलाय नमः।
Om Patanjalaya Namah।
जो पतञ्जलि योगसूत्र स्वरूप हैं / जो पतञ्जलि स्वरूप हैं।
योग
769
ॐ योगाय नमः।
Om Yogaya Namah।
जो योग दर्शन स्वरूप हैं।
पुराण
770
ॐ पुराणेभ्यो नमः।
Om Puranebhyo Namah।
जो पुराण स्वरूप हैं।
श्रुति
771
ॐ श्रुत्यै नमः।
Om Shrutyai Namah।
जो वेदस्वरूप हैं / जो श्रुति स्वरूप हैं।
स्मृति
772
ॐ स्मृत्यै नमः।
Om Smrityai Namah।
जो स्मृति ग्रन्थ स्वरूप हैं / जो हिन्दु न्याय पुस्तक का स्वरूप हैं।
वेदाङ्गानि
773
ॐ वेदाङ्गेभ्यो नमः।
Om Vedangebhyo Namah।
जो वेदाङ्ग स्वरूप हैं / जो वेदों में पारङ्गत हैं।
सदाचार
774
ॐ सदाचाराय नमः।
Om Sadacharaya Namah।
जो सदाचारी हैं।
मीमांसा
775
ॐ मीमांसायै नमः।
Om Mimansayai Namah।
जो मीमांसा दर्शन स्वरूप हैं।
न्यायविस्तर
776
ॐ न्यायविस्तराय नमः।
Om Nyayavistaraya Namah।
जो न्याय दर्शन स्वरूप हैं।
आयुर्वेद
777
ॐ आयुर्वेदाय नमः।
Om Ayurvedaya Namah।
जो आयुर्वेद स्वरूप हैं।
धनुर्वेद
778
ॐ धनुर्वेदीय नमः।
Om Dhanurvediya Namah।
जो धनुर्वेद स्वरूप हैं।
गान्धर्वं
779
ॐ गान्धर्वाय नमः।
Om Gandharvaya Namah।
जो गन्धर्व वेद स्वरूप हैं।
काव्यनाटक
780
ॐ काव्यनाटकाय नमः।
Om Kavyanatakaya Namah।
जो कवि एवं नाटक स्वरूप हैं।
वैखानस
781
ॐ वैखानसाय नमः।
Om Vaikhanasaya Namah।
जो स्वयं वैखानस स्वरूप हैं / जो स्वयं सन्यासी स्वरूप हैं।
भागवत
782
ॐ भागवताय नमः।
Om Bhagavataya Namah।
जो स्वयं भागवत स्वरूप हैं।
सात्वत
783
ॐ सात्वताय नमः।
Om Satvataya Namah।
जो सात्वत तन्त्र स्वरूप हैं / जो अचल हैं।
पाञ्चरात्रक
784
ॐ पाञ्चरात्रकाय नमः।
Om Pancharatrakaya Namah।
जो पाञ्चरात्र स्वरूप हैं (पाञ्चरात्र के चार भाग हैं आगम, मन्त्र, तन्त्र, तथा तन्त्रान्तर सिद्धान्त)
शैव
785
ॐ शैवाय नमः।
Om Shaivaya Namah।
जो शैव हैं / जो शिव के उपासक हैं।
पाशुपत
786
ॐ पाशुपताय नमः।
Om Pashupataya Namah।
जो शिव के पशुपति रूप की पूजा करते हैं।
कालामुख
787
ॐ कालामुखाय नमः।
Om Kalamukhaya Namah।
जो कालामुख सम्प्रदाय का स्वरूप हैं ( कालमुख एक शैव सम्प्रदाय है)
भैरवशासन
788
ॐ भैरवशासनाय नमः।
Om Bhairavashasanaya Namah।
भैरव को नियन्त्रित करने वाले
शाक्त
789
ॐ शाक्ताय नमः।
Om Shaktaya Namah।
जो शाक्त सम्प्रदाय का रूप हैं।
वैनायक
790
ॐ वैनायकाय नमः।
Om Vainayakaya Namah।
जिनका कोई स्वामी नहीं / जो विनायक स्वरूप हैं।
सौर
791
ॐ सौराय नमः।
Om Sauraya Namah।
जो सौर स्वरूप हैं।
जैन
792
ॐ जैनाय नमः।
Om Jainaya Namah।
जो जैन धर्म स्वरूप हैं।
आर्हत संहिता
793
ॐ आर्हत संहितायै नमः।
Om Arhata Samhitayai Namah।
जो जैन धर्म के स्वामी हैं।
सत
794
ॐ सते नमः।
Om Sate Namah।
जो परम सत्य हैं।
असत
795
ॐ असते नमः।
Om Asate Namah।
जो अस्तित्वविहीन हैं।
व्यक्त
796
ॐ व्यक्ताय नमः।
Om Vyaktaya Namah।
जो पूर्णतः व्यक्त (प्रत्यक्ष) हैं।
अव्यक्त
797
ॐ अव्यक्ताय नमः।
Om Avyaktaya Namah।
जो अप्रत्यक्ष हैं।
सचेतन
798
ॐ सचेतनाय नमः।
Om Sachetanaya Namah।
जो सचेत हैं / जो अन्तर्मन स्वरूप हैं / जो सजीव हैं।
अचेतन
799
ॐ अचेतनाय नमः।
Om Achetanaya Namah।
जो अचेत हैं / जो निर्जीव हैं।
बन्ध
800
ॐ बन्धाय नमः।
Om Bandhaya Namah।
जो स्वयं बन्धन हैं।
मोक्ष
801
ॐ मोक्षाय नमः।
Om Mokshaya Namah।
जो मोक्ष हैं।
सुख
802
ॐ सुखाय नमः।
Om Sukhaya Namah।
जो सुख स्वरूप हैं।
भोग
803
ॐ भोगाय नमः।
Om Bhogaya Namah।
जो आनन्द का स्रोत हैं।
अयोग
804
ॐ अयोगाय नमः।
Om Ayogaya Namah।
जो योग रहित हैं।
सत्य
805
ॐ सत्याय नमः।
Om Satyaya Namah।
जो स्वयं सत्य स्वरूप हैं।
अणवे
806
ॐ अणवे नमः।
Om Anave Namah।
जो अति सूक्ष्म अंश स्वरूप हैं / जो कण-कण में व्याप्त हैं।
महान
807
ॐ महते नमः।
Om Mahate Namah।
जो सर्वश्रेष्ठ हैं / जो सर्वोत्तम हैं।
स्वस्ति
808
ॐ स्वस्ति नमः।
Om Swasti Namah।
जो शुभ हैं / जो कल्याण स्वरूप हैं।
हुं
809
ॐ हुं नमः।
Om Hum Namah।
जो हुं (हुम) बीज मन्त्र में विद्यमान हैं।
फट्
810
ॐ फट् नमः।
Om Phat Namah।
जो बीज मन्त्र स्वरूप हैं।
स्वधा
811
ॐ स्वधा नमः।
Om Swadha Namah।
सर्वशक्तिशाली मन्त्र स्वरूप / श्राद्ध कर्म में विद्यमान रहने वाले
स्वाहा
812
ॐ स्वाहा नमः।
Om Swaha Namah।
जो बीज मन्त्रों की शक्ति हैं / जो यज्ञ कर्म स्वरूप हैं।
श्रौषड
813
ॐ श्रौषण्णमः नमः।
Om Shraushnamah Namah।
जो 'श्रौषट' मन्त्र स्वरूप हैं (यज्ञ में आहुति हेतु स्वाहा , श्रौषट , वौषट , वषट और स्वधा प्रयुक्त होते हैं।
वौषड
814
ॐ वौषण्णमः नमः।
Om Vaushannamah Namah।
जो 'वौषट' मन्त्र स्वरूप हैं।
वषण्णमः
815
ॐ वषण्णमः नमः।
Om Vashannamah Namah।
जो 'वषट' मन्त्र स्वरूप हैं।
नमा
816
ॐ नमो नमः।
Om Namo Namah।
जो प्रणाम स्वरूप हैं / जो अभिवादन स्वरूप हैं।
ज्ञान
817
ॐ ज्ञानाय नमः।
Om Gyanaya Namah।
जो स्वयं ज्ञानस्वरूप हैं।
विज्ञान
818
ॐ विज्ञानाय नमः।
Om Vigyanaya Namah।
जो पण्डित हैं / जो विज्ञान स्वरूप हैं।
आनन्द
819
ॐ आनन्दाय नमः।
Om Anandaya Namah।
जो आनन्द स्वरूप हैं।
बोध
820
ॐ बोधाय नमः।
Om Bodhaya Namah।
जो बोध स्वरूप हैं / जो स्पष्ट हैं।
संविद
821
ॐ संविदे नमः।
Om Samvide Namah।
जो प्रतिभा स्वरूप हैं / जो चेतना स्वरूप हैं।
शम
822
ॐ शमाय नमः।
Om Shamaya Namah।
विनम्र स्वभाव वाले / जो सांसरिक विषयों से परे हैं।
यम
823
ॐ यमाय नमः।
Om Yamaya Namah।
जो यम (अहिंसा,सत्य,अस्तेय,ब्रह्मचर्य,अपरिग्रह) स्वरूप हैं।
एक
824
ॐ एकस्मै नमः।
Om Ekasmai Namah।
जो एकरूप हैं / जो अद्वैत हैं।
एकाक्षराधार
825
ॐ एकाक्षराधाराय नमः।
Om Ekaksharadharaya Namah।
एकाक्षर (ॐ अथवा गं) में लीन रहने वाले
एकाक्षरपरायण
826
ॐ एकाक्षरपरायणाय नमः।
Om Ekaksharaparayanaya Namah।
जो एकाक्षर मन्त्र की शक्ति हैं।
एकाग्रधी
827
ॐ एकाग्रधिये नमः।
Om Ekagradhiye Namah।
अत्यन्त एकाग्र रहने वाले
एकवीर
828
ॐ एकवीराय नमः।
Om Ekaviraya Namah।
जो सर्वशक्तिमान हैं / जो एकवीर स्वरूप हैं (भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पुत्र एकवीर)
एकानेकस्वरूपधृक
829
ॐ एकानेकस्वरूपधृते नमः।
Om Ekanekaswarupadhrite Namah।
जो एक-अनेक समस्त रूपों में स्थित हैं।
द्विरूप
830
ॐ द्विरूपाय नमः।
Om Dwirupaya Namah।
जो सगुण-निर्गुण दोनों रूपों में स्थित हैं।
द्विभुज
831
ॐ द्विभुजाय नमः।
Om Dwibhujaya Namah।
दो भुजाओं वाले
द्व्यक्ष
832
ॐ द्व्यक्षाय नमः।
Om Dvyakshaya Namah।
दो नेत्रों वाले
द्विरद
833
ॐ द्विरदाय नमः।
Om Dwiradaya Namah।
तो दाँत वाले
द्विपरक्षक
834
ॐ द्विपरक्षकाय नमः।
Om Dwiparakshakaya Namah।
हाथियों की रक्षा करने वाले
द्वैमातुर
835
ॐ द्वैमातुराय नमः।
Om Dwaimaturaya Namah।
जिनकी दो मातायें हैं।
द्विवदन
836
ॐ द्विवदनाय नमः।
Om Dwivadanaya Namah।
दो मुख (अग्निमुख, गजमुख) वाले
द्वन्द्वातीत
837
ॐ द्वन्द्वातीताय नमः।
Om Dwandwatitaya Namah।
जो भले-बुरे से परे हैं / जो द्वन्द रहित हैं।
द्व्यातिग
838
ॐ द्व्यातिगाय नमः।
Om Dvyatigaya Namah।
दोनों पक्षों से परे
त्रिधामा
839
ॐ त्रिधाम्ने नमः।
Om Tridhamne Namah।
स्वर्गलोक, पृथ्वीलोक एवं पाताललोक में रहने वाले / सूर्य, चन्द्र, एवं अग्नि में वास करने वाले
त्रिकर
840
ॐ त्रिकराय नमः।
Om Trikaraya Namah।
त्रिभुवन के रचीयता / तीनों लोकों में निवास करने वाले
त्रेतात्रिवर्ग फलदायक
841
ॐ त्रेतात्रिवर्ग-फलदायकाय नमः।
Om Tretatrivargaphaladayakaya Namah।
त्रेतायुग में मोक्ष प्रदान करने वाले
त्रिगुणात्मा
842
ॐ त्रिगुणात्मने नमः।
Om Trigunatmane Namah।
जो सत्त्व, रज और तम तीन गुणों से युक्त हैं।
त्रिलोक
843
ॐ त्रिलोकादये नमः।
Om Trilokadaye Namah।
तीनों लोकों का सुख प्रदान करने वाले
त्रिंशत्कीश/त्रिशक्तिश
844
ॐ त्रिंशत्कीशाय/त्रिशक्तिशाय नमः।
Om Trishaktishaya Namah।
प्रभुशक्ति, उत्साहशक्ति, मन्त्रशक्ति नामक त्रिशक्तियों के स्वामी
त्रिलोचन
845
ॐ त्रिलोचनाय नमः।
Om Trilochanaya Namah।
तीन नेत्र वाले
चतुर्बाहु
846
ॐ चतुर्बाहवे नमः।
Om Chaturbahave Namah।
चार भुजाओं वाले, चतुर्भुजधारी
चतुर्दन्त
847
ॐ चतुर्दन्ताय नमः।
Om Chaturdantaya Namah।
चार दातों वाले
चतुरात्मा
848
ॐ चतुरात्मने नमः।
Om Chaturatmane Namah।
जो आत्मा, परमात्मा, अन्तरआत्मा, ज्ञानत्मा स्वरूप हैं।
चतुर्मुख
849
ॐ चतुर्मुखाय नमः।
Om Chaturmukhaya Namah।
चार मुख वाले
चतुर्विधोपायमय
850
ॐ चतुर्विधोपायमयाय नमः।
Om Chaturvidhopayamayaya Namah।
साम, दाम, दण्ड, भेद आदि चार विद्याओं के ज्ञाता
चतुर्वर्णाश्रमाश्रय
851
ॐ चतुर्वर्णाश्रमाश्रयाय नमः।
Om Chaturvarnashramashrayaya Namah।
जो ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, बानप्रस्थ और संन्यास चारों आश्रम के स्वामी हैं/ जो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण के स्वामी हैं।
चतुर्विधवचो वृत्तिपरिवृत्तिप्रवर्तक
852
ॐ चतुर्विधवचोवृत्ति-परिवृत्तिप्रवर्तकाय नमः।
Om Chaturvidhavachovritti-parivrittipravartakaya Namah।
जो चार प्रकार की वाणी (मध्यमा, पश्यन्ति, परा, बैखरी) के अधिपति हैं।
चतुर्थीपूजनप्रीत
853
ॐ चतुर्थीपूजनप्रीताय नमः।
Om Chaturthipujanapritaya Namah।
चतुर्थी पर पूजन से प्रसन्न होने वाले
चतुर्थीतिथिसम्भव
854
ॐ चतुर्थीतिथिसम्भवाय नमः।
Om Chaturthitithisambhavaya Namah।
चतुर्थी तिथि पर प्रकट होने वाले
पञ्चाक्षरात्मा
855
ॐ पञ्चाक्षरात्मने नमः।
Om Panchaksharatmane Namah।
अकार, उकार, मकार, नाद और बिन्दु (पञ्चाक्षरा) में निवास करने वाले / पञ्चाक्षर मन्त्र के स्वामी
पञ्चात्मा
856
ॐ पञ्चात्मने नमः।
Om Panchatmane Namah।
जो पञ्चात्मा (प्राण, अपान, समान, उदान, व्यान) स्वरूप हैं।
पञ्चास्य
857
ॐ पञ्चास्याय नमः।
Om Panchasyaya Namah।
पाँच मुख वाले
पञ्चकृत्यकृत
858
ॐ पञ्चकृत्यकृते नमः।
Om Panchakrityakrite Namah।
पाँच कार्य (सृष्टि, पालन, सँहार, तिरोभाव, अनुग्रह) करने वाले
पञ्चाधार
859
ॐ पञ्चाधाराय नमः।
Om Panchadharaya Namah।
प्र्कृती के पञ्चतत्वों को धारण करने वाले
पञ्चवर्ण
860
ॐ पञ्चवर्णाय नमः।
Om Panchavarnaya Namah।
पाँच रँग वाले / पञ्च वर्ण वाले
पञ्चाक्षरपरायण
861
ॐ पञ्चाक्षरपरायणाय नमः।
Om Panchaksharaparayanaya Namah।
नित्य पञ्चाक्षर (नमः शिवाय) का जाप करने वाले
पञ्चताल
862
ॐ पञ्चतालाय नमः।
Om Panchatalaya Namah।
जो पञ्चताल स्वरूप हैं (पञ्चताल संगीत में अष्टतालों में से एक है)
पञ्चकर
863
ॐ पञ्चकराय नमः।
Om Panchakaraya Namah।
पाँच हाथों वाले / जो आकार में 120 अँगुल के हैं (24 अँगुल का 1 कर पञ्चकर (पाँच कर) का 120 अँगुल)
पञ्चप्रणवभावित
864
ॐ पञ्चप्रणवभाविताय नमः।
Om Panchapranavabhavitaya Namah।
जिन्हें पञ्च प्रणव द्वारा अनुभव किया जा सकता है।
पञ्चब्रह्ममयस्फुर्ति
865
ॐ पञ्चब्रह्ममयस्फूर्तये नमः।
Om Panchabrahmamayasphurtaye Namah।
जो सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान आदि की शक्ति से युक्त हैं /जो पाँच प्रकार के ब्रह्मा द्वारा प्रकट किये गये हैं।
पञ्चावरणवारित
866
ॐ पञ्चावरणवारिताय नमः।
Om Panchawaranavaritaya Namah।
अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय, आनन्दमय आदि पाँच कोषों के वाले
पञ्चभक्ष्यप्रिय
867
ॐ पञ्चभक्ष्यप्रियाय नमः।
Om Panchabhakshyapriyaya Namah।
जिन्हें छुहारा, नारियल, बादाम, खसखस, शक्कर (मिश्री) से निर्मित पञ्चखाद्य प्रिय है।
पञ्चबाण
868
ॐ पञ्चबाणाय नमः।
Om Panchabanaya Namah।
पाँच प्रकार के बाण धारण करने वाले / जो कामदेव के मदनस्वरूप, श्वेतकमल, अशोकपुष्प, आम्रमञ्जरी-नवमल्लिका, एवं नीलकमल पाँच बाणों में स्थित हैं।
पञ्चशिवात्मक
869
ॐ पञ्चशिवात्मकाय नमः।
Om Panchashivatmakaya Namah।
शिव के पाँच रूपों में स्थित रहने वाले / श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं बीज मन्त्रों में स्थित रहने वाले
षट्कोणपीठ
870
ॐ षट्कोणपीठाय नमः।
Om Shatkonapithaya Namah।
षट्भुज आसन पर विराजमान होने वाले
षट्चक्रधामा
871
ॐ षट्चक्रधाम्ने नमः।
Om Shatchakradhamne Namah।
मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपूर, अनाहत, विशुद्ध एवं आज्ञा चक्र में स्थित रहने वाले / षटचक्रों की ऊर्जा धारण करने वाले
षड्ग्रन्थिभेदक
872
ॐ षड्ग्रन्थिभेदकाय नमः।
Om Shadgranthibhedakaya Namah।
छः प्रकार की ग्रन्थियों को भेदकर मुक्ति प्रदान करने वाले
षडध्वध्वान्तविध्वंसी
873
ॐ षडध्वध्वान्त-विध्वंसिने नमः।
Om Shaddhwadhwanta-vidhvamsine Namah।
छः प्रकार के अंधकारों को नष्ट करने वाले / षडध्व (कलाध्व, तत्त्वाध्व, भुवनाध्व, वर्णाध्व, पदाध्व और मन्त्राध्व) को नष्ट करने वाले
षडङ्गुलमहाह्रद
874
ॐ षडङ्गुल-महाह्रदाय नमः।
Om Shadangula-mahahradaya Namah।
जिनकी नाभि छह अँगुल गहरी है।
षण्मुख
875
ॐ षण्मुखाय नमः।
Om Shanmukhaya Namah।
छः मुख वाले / छः शास्त्रों को मुख के रूप में धारण करने वाले
षण्मुखभ्राता
876
ॐ षण्मुखभ्रात्रे नमः।
Om Shanmukhabhratre Namah।
जो छः मुख वाले कार्तिकेय के भ्राता हैं।
षट्शक्तिपरिवारित
877
ॐ षट्शक्तिपरिवारिताय नमः।
Om Shatshaktipariwaritaya Namah।
छः प्रकार की शक्तियों को धारण करने वाले / छः शक्तियाँ (रिद्धि, सिद्धि, कान्ति, मदनावती, मद्रदवा, द्रविणि) के मध्य रहने वाले
षड्वैरिवर्गविध्वंसी
878
ॐ षड्वैरिवर्गविध्वंसिने नमः।
Om Shadvairiwargavidhvamsine Namah।
काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर आदि छह प्रकार के शत्रुओं का नाश करने वाले
षडूर्मिभयभञ्जन
879
ॐ षडूर्मिभयभञ्जनाय नमः।
Om Shadurmibhayabhanjanaya Namah।
छः प्रकार के भय (भूख, प्यास, शोक, भ्रम, वृद्धावस्था, मृत्यु) से मुक्त करने वाले
षट्तर्कदूर
880
ॐ षट्तर्कदूराय नमः।
Om Shattarkaduraya Namah।
जो छः शास्त्रों के परे हैं / जिनका वर्णन छः शास्त्र भी नही कर सकते
षट्कर्मनिरत
881
ॐ षट्कर्मनिरताय नमः।
Om Shatkarmanirataya Namah।
षट्कर्म (यजन ,याजन, अध्ययन, अध्यापन, दान, प्रतिग्रह) में लीन रहने वाले
षड्रसाश्रय
882
ॐ षड्रसाश्रयाय नमः।
Om Shadrasashrayaya Namah।
जो छः रस (मधुर, अम्ल, लवण, कटु, तिक्त तथा कसाय) में स्थित हैं।
सप्तपातालचरण
883
ॐ सप्तपातालचरणाय नमः।
Om Saptapatalacharanaya Namah।
सप्त लोक जिनके चरण हैं।
सप्तद्वीपोरुमण्डल
884
ॐ सप्तद्वीपोरुमण्डलाय नमः।
Om Saptadwiporumandalaya Namah।
सप्तद्वीपों जिनकी जाङ्घाओं के रूप में स्थित हैं।
सप्तस्वर्लोकमुकुट
885
ॐ सप्तस्वर्लोकमुकुटाय नमः।
Om Saptaswarlokamukutaya Namah।
सप्त लोक जिनके मुकुट के रूप में सुशोभित है / भूः, भुवः, स्वः, महः, जनः, तपः, सत्यम् नामक सप्त व्याहृति जिनका मुकुट हैं।
सप्तसाप्तिवरप्रद
886
ॐ सप्तसाप्तिवरप्रदाय नमः।
Om Saptasaptiwarapradaya Namah।
सूर्य को वर प्रदान करने वाले
सप्ताङ्गराज्यसुखद
887
ॐ सप्ताङ्गराज्यसुखदाय नमः।
Om Saptangarajyasukhadaya Namah।
सप्तांग राज्य सुख प्रदान करने वाले / सप्तांग - स्वामी, अमात्य, राष्ट्र, दुर्ग, कोश, दण्ड एवं मित्र
सप्तर्षिगणमण्डित
888
ॐ सप्तर्षिगणमण्डिताय नमः।
Om Saptarshiganamanditaya Namah।
जो सप्तऋषियों से सुशोभित हैं।
सप्तछन्दोनिधि
889
ॐ सप्तछन्दोनिधये नमः।
Om Saptachhandonidhaye Namah।
सात प्रकार के वेदिक छन्दों (गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पँक्ति, त्रिष्टुप, जगती) के अधिपति
सप्तहोता
890
ॐ सप्तहोत्रे नमः।
Om Saptahotre Namah।
सात प्रकार के हवन में स्थित रहने वाले
सप्तस्वराश्रय
891
ॐ सप्तस्वराश्रयाय नमः।
Om Saptaswarashrayaya Namah।
जो सात स्वरों (षड्ज , ऋषभ, गान्धार, मध्यम, पञ्चम, धैवत, निषाद) के आश्रय हैं।
सप्ताब्धिकेलिकासार
892
ॐ सप्ताब्धिकेलिकासाराय नमः।
Om Saptabdhikelikasaraya Namah।
खारे पानी, इक्षुरस, मदिरा, घृत, दधि, दुग्ध और मीठे जल के सप्त सागर में क्रीडा करने वाले
सप्तमातृनिषेवित
893
ॐ सप्तमातृनिषेविताय नमः।
Om Saptamatrinishevitaya Namah।
ब्रह्माणी, वैष्णवी, माहेश्वरी, इन्द्राणी, कौमारी, वाराही और चामुण्डा इत्यादि सप्त मातृकाओं द्वारा पूजे जाने वाले
सप्तछन्दो मोदमद
894
ॐ सप्तछन्दो-मोदमदाय नमः।
Om Saptachhando-modamadaya Namah।
वेद पाठ द्वारा प्रसन्न होने वाले
सप्तछन्दो मखप्रभु
895
ॐ सप्तछन्दो-मखप्रभवे नमः।
Om Saptachhando-makhaprabhave Namah।
जो सप्त छन्दों की ऊर्जा के स्रोत हैं।
अष्टमूर्तिध्येयमूर्ति
896
ॐ अष्टमूर्तिध्येयमूर्तये नमः।
Om Ashtamurtidhyeyamurtaye Namah।
अष्टमूर्ति शिव (शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान एवं महादेव )द्वारा पूजे जाने वाले
अष्टप्रकृतिकारणम
897
ॐ अष्टप्रकृतिकारणाय नमः।
Om Ashtaprakritikaranaya Namah।
जो अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश, मन, बुद्धि तथा अहँकार इत्यादि तत्वों वाली प्र्कृती के आधार हैं।
अष्टाङ्गयोगफलभु
898
ॐ अष्टाङ्गयोगफलभुवे नमः।
Om Ashtangayogaphalabhuve Namah।
अष्टाङ्गयोग के माध्यम फल प्रदान करने वाले
अष्टपत्राम्बुजासन
899
ॐ अष्टपत्राम्बुजासनाय नमः।
Om Ashtapatrambujasanaya Namah।
अष्टदल कमल पुष्प के आसान पर विराजमान रहने वाले
अष्टशक्तिसमृद्धिश्री
900
ॐ अष्टशक्तिसमृद्धिश्रिये नमः।
Om Ashtashaktisamriddhishriye Namah।
जो अष्ट शक्तियाँ (तीव्रा, ज्वालिनी, नन्दा, भोगदा, कामदायिनी, उग्रा, तेजोवती एवं सत्या) जिनकी सेवा में उपस्थित हैं।
अष्टैश्वर्यप्रदायक
901
ॐ अष्टैश्वर्यप्रदायकाय नमः।
Om Ashtaishwaryapradayakaya Namah।
अष्टसिद्धियों का ऐश्वर्य प्रदान करने वाले
अष्टपीठोपपीठश्री
902
ॐ अष्टपीठोपपीठश्रिये नमः।
Om Ashtapithopapithashriye Namah।
अष्टपीठ एवं उपपीठों को ऐश्वर्य युक्त करने वाले
अष्टमातृसमावृत
903
ॐ अष्टमातृसमावृताय नमः।
Om Ashtamatrisamavritaya Namah।
सप्त मातृका एवं महालक्ष्मी जिनके आवरण देव के रूप में विरजमान हैं।
अष्टभैरवसेव्य
904
ॐ अष्टभैरवसेव्याय नमः।
Om Ashtabhairavasevyaya Namah।
अष्ट भैरव द्वारा पूजे जाने वाले
अष्टवसुवन्द्य
905
ॐ अष्टवसुवन्द्याय नमः।
Om Ashtavasuvandyaya Namah।
अष्ट वसुओं (धर, ध्रुव, सोम, अप्, अनल, अनिल, प्रत्यूष तथा प्रभास) द्वारा पूजे जाने वाले
अष्टमूर्तिभृत
906
ॐ अष्टमूर्तिभृते नमः।
Om Ashtamurtibhrite Namah।
जो अष्टमूर्ति शिव के आधार हैं / अष्टमूर्ति रूप धारण करने वाले
अष्टचक्रस्फूरण्मूर्ति
907
ॐ अष्टचक्रस्फूरण्मूर्तये नमः।
Om Ashtachakrasphuranmurtaye Namah।
जो अष्ट चक्र यन्त्र स्वरूप हैं।
अष्टद्रव्यहविः प्रिय
908
ॐ अष्टद्रव्यहविः प्रियाय नमः।
Om Ashtadravyahavih Priyaya Namah।
जिन्हें अष्टद्रव्य (काले तिल, पोहे, केली, मोदक, श्वेत तिल, नारियल, तथा घी) की आहुति प्रिय है।
नवनागासनाध्यासी
909
ॐ नवनागासनाध्यासिने नमः।
Om Navanagasanadhyasine Namah।
नौ नागों (वासुकी, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंख, चूड़, महापद्म और धनंजय) के आसन पर विराजमान रहने वाले
नवनिध्यनुशासिता
910
ॐ नवनिध्यनुशासिताय नमः।
Om Navanidhyanushasitaya Namah।
नौ निधियों पर शासन करने वाले
नवद्वारपुराधार
911
ॐ नवद्वारपुराधाराय नमः।
Om Navadwarapuradharaya Namah।
जो नौ द्वारों वाली मानव देह के आधार हैं।
नवाधारनिकेतन
912
ॐ नवाधारनिकेतनाय नमः।
Om Navadharaniketanaya Namah।
नौ आधारों (कुलाकुत, सहस्रार, मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्धि, आज्ञा एवं लम्बिका) में निवास करने वाले
नवनारायणस्तुत्य
913
ॐ नवनारायणस्तुत्याय नमः।
Om Navanarayanastutyaya Namah।
नौ नारायण (धर्म, आदि, अनन्त, बद्री, रूप, शंकर, सुन्दर, साध्य, एवं लक्ष्मी नारायण) जिनकी स्तुति करते हैं।
नवदुर्गा निषेवित
914
ॐ नवदुर्गा निषेविताय नमः।
Om Navadurga Nishevitaya Namah।
नौदुर्गा जिनकी उपासना करती हैं।
नवनाथमहानाथ
915
ॐ नवनाथमहानाथाय नमः।
Om Navanathamahanathaya Namah।
जो नौ नाथों (ज्ञान, प्रकाश, सत्य, आनन्द, विमर्श, स्वभाव, सुभग, प्रतिभ एवं पूर्ण) के भी नाथ हैं।
नवनागविभूषण
916
ॐ नवनागविभूषणाय नमः।
Om Navanagavibhushanaya Namah।
नौ नागों को आभूषण के रूप में धारण करने वाले
नवरत्नविचित्राङ्ग
917
ॐ नवरत्नविचित्राङ्गाय नमः।
Om Navaratnavichitrangaya Namah।
जिनके अङ्ग नौ प्रकार के रत्नों से सुशोभित हैं।
नवशक्तिशिरोधृत
918
ॐ नवशक्तिशिरोधृताय नमः।
Om Navashaktishirodhritaya Namah।
नवशक्तियाँ जिन्हें अपने मस्तक पर धारण करती हैं।
दशात्मक
919
ॐ दशात्मकाय नमः।
Om Dashatmakaya Namah।
दस आत्माओं वाले / जो दस दिशा स्वरूप हैं / जो दस दिशाओं के रूप में स्थित हैं।
दशभुज
920
ॐ दशभुजाय नमः।
Om Dashabhujaya Namah।
दस भुजाओं वाले, दस भुजाधारी
दशदिक्पतिवन्दित
921
ॐ दशदिक्पतिवन्दिताय नमः।
Om Dashadikpativanditaya Namah।
दसों दिशाओं के दिक्पाल जिनकी उपासना करते हैं।
दशाध्याय
922
ॐ दशाध्यायाय नमः।
Om Dashadhyayaya Namah।
चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद एवं उनके अंग शिक्षा, व्याकरण, निरुक्त, कल्प, छन्द और ज्योतिष के स्वामी
दशप्राण
923
ॐ दशप्राणाय नमः।
Om Dashapranaya Namah।
जो दस प्रकार की वायु (प्राण, अपान, व्यान, समान, उदान, नाग, कूर्म, कृकल, देवदत्त, धनञ्जय) में स्थित हैं।
दशेन्द्रियनियामक
924
ॐ दशेन्द्रियनियामकाय नमः।
Om Dashendriyaniyamakaya Namah।
पाँच ज्ञानेन्द्रियों एवं पाँच कर्मेन्द्रियों पर शासन करने वाले
दशाक्षरमहामन्त्र
925
ॐ दशाक्षरमहामन्त्राय नमः।
Om Dashaksharamahamantraya Namah।
जो दशाक्षर मन्त्र (ॐ हस्तिपिशाचिनी हुं स्वाहा) स्वरूप हैं।
दशाशाव्यापिविग्रह
926
ॐ दशाशाव्यापिविग्रहाय नमः।
Om Dashashavyapivigrahaya Namah।
जिनकी देह का विस्तार दशों दिशाओं में हैं।
एकादशादिभि रुद्रैः स्तुत
927
ॐ एकादशादिभीरुद्रैः स्तुताय नमः।
Om Ekadashadibhirudraih Stutaya Namah।
ग्यारह रुद्र जिनकी पूजा करते हैं।
एकादशाक्षर
928
ॐ एकादशाक्षराय नमः।
Om Ekadashaksharaya Namah।
जो एकादशाक्षर मन्त्र स्वरूप हैं।
द्वादशोद्दण्डदोर्दण्ड
929
ॐ द्वादशोद्दण्डदोर्दण्डाय नमः।
Om Dwadashoddandadordandaya Namah।
जो बारह भुजाओं वाले दण्डधारी स्वरूप में विरजमान हैं।
द्वादशान्तनिकेतन
930
ॐ द्वादशान्तनिकेतनाय नमः।
Om Dwadashantaniketanaya Namah।
द्वादशान्त में निवास करने वाले (द्वादशान्त - ललाट से ब्रह्मरंध्र के मध्य का स्थान)
त्रयोदशभिदाभिन्नविश्वेदेवाधिदैवतम
931
ॐ त्रयोदशभिदाभिन्नविश्वे-देवाधिदैवताय नमः।
Om Trayodashabhidabhinnavishve-devadhidaivataya Namah।
13 प्रकार के विश्वदेव जिनकी पूजा करते हैं।
चतुर्दशेन्द्रवरद
932
ॐ चतुर्दशेन्द्रवरदाय नमः।
Om Chaturdashendravaradaya Namah।
14 प्रकार के इन्द्रों को वर प्रदान करने वाले
चतुर्दशमनुप्रभु
933
ॐ चतुर्दशमनुप्रभवे नमः।
Om Chaturdashamanuprabhave Namah।
चौदह प्रकार के मनुओं के अधिपति
चतुर्दशादिविद्याढ्य
934
ॐ चतुर्दशादिविद्याढ्याय नमः।
Om Chaturdashadividyadhyaya Namah।
जो चौदह प्रकार की विद्याओं में पारंगत हैं।
चतुर्दशजगत्प्रभु
935
ॐ चतुर्दशजगत्प्रभवे नमः।
Om Chaturdashajagatprabhave Namah।
चौदह भुवनों (सप्त ऊर्ध्वलोक एवं सप्त पाताल लोक) के स्वामी
सामपञ्चदश
936
ॐ सामपञ्चदशाय नमः।
Om Samapanchadashaya Namah।
जो सामवेद के पन्द्रह भागों के रूप में विद्यमान हैं।
पञ्चदशीशीतांशुनिर्मल
937
ॐ पञ्चदशीशीतांशुनिर्मलाय नमः।
Om Panchadashishitamshunirmalaya Namah।
पूर्णिमा के चन्द्रमा के समान शीतल एवं निर्मल
षोडशाधारनिलय
938
ॐ षोडशाधारनिलयाय नमः।
Om Shodashadharanilayaya Namah।
मानव शरीर के 16 आधारों के रूप में स्थित रहने वाले
षोडशस्वरमातृक
939
ॐ षोडशस्वरमातृकाय नमः।
Om Shodashaswaramatrikaya Namah।
16 वायु संचार स्वर में स्थित रहने वाले / जो षोडश स्वर स्वरूप हैं।
षोडशान्त पदावास
940
ॐ षोडशान्त पदावासाय नमः।
Om Shodashanta Padavasaya Namah।
षोडशान्त में निवास करने वाले (ब्रह्मरन्ध्र के अन्तर्गत कमलकर्णिका और उसके ऊपर का क्षेत्र षोडशान्त है)
षोडशेन्दुकलात्मक
941
ॐ षोडशेन्दुकलात्मकाय नमः।
Om Shodashendukalatmakaya Namah।
जो सोलह कलाओं से युक्त चन्द्र के समान हैं।
कलासप्तदशी
942
ॐ कलासप्तदश्यै नमः।
Om Kalasaptadashyai Namah।
17 प्रकार की ललित कलाओं के रूप में स्थित रहने वाले
सप्तदश
943
ॐ सप्तदशाय नमः।
Om Saptadashaya Namah।
जो सत्रह अङ्क स्वरूप हैं।
सप्तदशाक्षर
944
ॐ सप्तदशाक्षराय नमः।
Om Saptadashaksharaya Namah।
जो सत्रह अक्षर वाले मन्त्र में स्थित हैं।
अष्टादशद्वीप पति
945
ॐ अष्टादशद्वीप पतये नमः।
Om Ashtadashadwipa Pataye Namah।
जो 18 द्वीपों के अधिपति हैं।
अष्टादशपुराणकृत
946
ॐ अष्टादशपुराणकृते नमः।
Om Ashtadashapuranakrite Namah।
जो 18 पुराणों के रचीयता हैं।
अष्टादशौषधीसृष्टि
947
ॐ अष्टादशौषधीसृष्टये नमः।
Om Ashtadashaushadhisrishtaye Namah।
जो 18 प्रकार की औषधियों के उत्पत्तिकर्ता हैं।
अष्टादशविधिस्मृत
948
ॐ अष्टादशविधिस्मृताय नमः।
Om Ashtadashavidhismritaya Namah।
18 प्रकार के मीमांसा दर्शन शास्त्रों के रचीयता / 18 ब्रह्मा को उत्पन्न करने वाले
अष्टादशलिपिव्यष्टिसमष्टिज्ञानकोविद
949
ॐ अष्टादशलिपिव्यष्टि-समष्टिज्ञानकोविदाय नमः।
Om Ashtadashalipivyashti-samashtigyanakovidaya Namah।
18 प्रकार की लिपियों का ज्ञान रखने वाले
एकविंश पुमान
950
ॐ एकविंशाय पुंसे नमः।
Om Ekavimshaya Punse Namah।
इक्कीसवें पुरुष / जो उपनिषद के शब्द स्वरूप हैं।
एकविंशत्यङ्गुलिपल्लव
951
ॐ एकविंशत्यङ्गुलिपल्लवाय नमः।
Om Ekavimshatyangulipallavaya Namah।
20 कोमल उँगलियाँ एवं एक सूँड वाले
चतुर्विंशति तत्त्वात्मा
952
ॐ चतुर्विंशति-तत्त्वात्मने नमः।
Om Chaturvimshati-tattvatmane Namah।
जो चौबीस तत्वों वाली आत्मा स्वरूप हैं / जो 24 सिद्धान्तों के रूप में विद्यमान हैं।
पञ्चविंशाख्यपुरुष
953
ॐ पञ्चविंशाख्यपुरुषाय नमः।
Om Panchavimshakhyapurushaya Namah।
जिनके 25 नाम हैं / चौबीस तत्वों से परे पच्चीसवें पुरुष
सप्तविंशतितारेश
954
ॐ सप्तविंशति-तारेशाय नमः।
Om Saptavimshati-tareshaya Namah।
जो 27 नक्षत्रों के अधिपति हैं।
सप्तविंशति योगकृत
955
ॐ सप्तविंशति योगकृते नमः।
Om Saptavimshati Yogakrite Namah।
जो 27 योगों के कर्ता हैं।
द्वात्रिंशद्भैरवाधीश
956
ॐ द्वात्रिंशद्-भैरवाधीशाय नमः।
Om Dwatrimshad-bhairavadhishaya Namah।
32 प्रकार के भैरवों के स्वामी
चतुस्त्रिंशन्महाह्रद
957
ॐ चतुस्त्रिंशन्महाह्रदाय नमः।
Om Chatustrimshanmahahradaya Namah।
जो 34 सरोवरों से भी विशाल सरोवर स्वरूप हैं।
षट् त्रिंशत्तत्त्वसम्भूति
958
ॐ षट् त्रिंशत्तत्त्वसम्भूतये नमः।
Om Shat Trimshattattvasambhutaye Namah।
जो 36 तत्वों (सिद्धान्तों) के स्वामी हैं।
अष्टात्रिंशत्कलातनु
959
ॐ अष्टात्रिंशत्कलातनवे नमः।
Om Ashtatrimshatkalatanave Namah।
38 कलाओं वाले / जो 38 कलाओं से युक्त हैं।
नमदेकोनपञ्चाशन्मरुद्वर्गनिरर्गल
960
ॐ नमदेकोनपञ्चाशन्मरुद्वर्ग-निरर्गलाय नमः।
Om Namadekonapanchashanmarudwarga-nirargalaya Namah।
39 प्रकार के मारुत के विघ्न दूर करने वाले
पञ्चाशदक्षरश्रेणि
961
ॐ पञ्चाशदक्षरश्रेण्यै नमः।
Om Panchashadaksharashrenyai Namah।
संस्कृत वर्णमाला में पचास अक्षर की श्रृंखला
पञ्चाशद् रुद्रविग्रह
962
ॐ पञ्चाशद् रुद्रविग्रहाय नमः।
Om Panchashad Rudravigrahaya Namah।
जो 50 प्रकार के रुद्रों के रूप में स्थित हैं।
पञ्चाशद् विष्णुशक्तीश
963
ॐ पञ्चाशद् विष्णुशक्तीशाय नमः।
Om Panchashad Vishnushaktishaya Namah।
50 प्रकार की विष्णु शक्तियों के स्वामी
पञ्चाशन्मातृकालय
964
ॐ पञ्चाशन्मातृकालयाय नमः।
Om Panchashanmatrikalayaya Namah।
50 प्रकार के मातृका वर्ण के रूप में स्थित / नाद स्वरूप / 50 प्रकार के मातृ सम्बन्धियों का स्वरूप
द्विपञ्चाशद्वपुःश्रेणि
965
ॐ द्विपञ्चाशद्वपुःश्रेण्यै नमः।
Om Dwipanchashadwapuhshrenyai Namah।
जो 52 प्रकार की शारीरिक संरचना के स्वामी हैं / लिङ्गपुराण के अनुसार जो 52 शरीरधारी हैं।
त्रिषष्ट्यक्षरसंश्रय
966
ॐ त्रिषष्ट्यक्षरसंश्रयाय नमः।
Om Trishashtyaksharasanshrayaya Namah।
जो 62 अक्षर वर्णो के आधार हैं।
चतुष्षष्टयर्णनिर्णेता
967
ॐ चतुष्षष्टयर्णनिर्णेत्रे नमः।
Om Chatushshashtayarnanirnetre Namah।
64 वर्णों की रचना करने वाले
चतुःषष्टिकलानिधि
968
ॐ चतुःषष्टिकलानिधये नमः।
Om Chatuhshashtikalanidhaye Namah।
जो 64 कलाओं के ज्ञाता हैं।
चतुष्षष्टि महासिद्धि योगिनी वृन्दवन्दित
969
ॐ चतुष्षष्टि-महासिद्धि-योगिनी-वृन्दवन्दिताय नमः।
Om Chatushshashti-mahasiddhi-yogini-vrindavanditaya Namah।
64 योगनियाँ जिनकी पूजा करती हैं।
अष्टषष्टिमहातीर्थक्षेत्रभैरवभावन
970
ॐ अष्टषष्टिमहातीर्थक्षेत्रभैरवभावनाय नमः।
Om Ashtashashtimahatirthakshetrabhairavabhavanaya Namah।
शिव के 68 महतीर्थों में स्थित भैरव द्वारा पूजे जाने वाले
चतुर्नवतिमन्त्रात्म
971
ॐ चतुर्नवतिमन्त्रात्मने नमः।
Om Chaturnavatimantratmane Namah।
जो 94 मूल मन्त्रों के रूप में स्थित हैं।
षण्णवत्यधिकप्रभु
972
ॐ षण्णवत्यधिकप्रभवे नमः।
Om Shannavatyadhikaprabhave Namah।
जो तन्त्रराज तन्त्र में वर्णित 96 देवताओं के अधिपति हैं।
शतानन्द
973
ॐ शतानन्दाय नमः।
Om Shatanandaya Namah।
जो सेकड़ों गुना प्रसन्न हैं / जो सभी प्र्कार के आनन्द रूप में विद्यमान हैं।
शतधृति
974
ॐ शतधृतये नमः।
Om Shatadhritaye Namah।
अनन्त (सेकड़ो) ब्रह्माण्ड को धारण करने वाले / सेकड़ों गुना पराक्रमी
शतपत्रायतेक्षण
975
ॐ शतपत्रायतेक्षणाय नमः।
Om Shatapatrayatekshanaya Namah।
कमल के समान हर्षित नयनों वाले (शतपत्र -कमल)
शतानीक
976
ॐ शतानीकाय नमः।
Om Shatanikaya Namah।
सेकड़ों सेनायेँ जिनके अधीन हैं / अनन्त सैनिकों के स्वामी
शतमख
977
ॐ शतमखाय नमः।
Om Shatamakhaya Namah।
सेकड़ों हवन करने वाले
शतधारावरायुध
978
ॐ शतधारावरायुधाय नमः।
Om Shatadharavarayudhaya Namah।
सेकड़ों तीक्ष्ण वज्र धारण करने वाले
सहस्रपत्रनिलय
979
ॐ सहस्रपत्रनिलयाय नमः।
Om Sahasrapatranilayaya Namah।
सहस्रदल कमल पर विराजमान रहने वाले / सहस्रार चक्र में स्थित रहने वाले
सहस्रफणभूषण
980
ॐ सहस्रफणभूषणाय नमः।
Om Sahasraphanabhushanaya Namah।
जो सहस्र फन वाले नाग से सुशोभित हैं।
सहस्रशीर्षा पुरुषः
981
ॐ सहस्रशीर्ष्णे पुरुषाय नमः।
Om Sahasrashirshne Purushaya Namah।
सहस्र शीश धारण करने वाले / जो परमात्मा स्वरूप हैं / सहस्र मस्तक धारण करने वाले
सहस्राक्ष
982
ॐ सहस्राक्षाय नमः।
Om Sahasrakshaya Namah।
सहस्र नेत्रों वाले
सहस्रपात
983
ॐ सहस्रपदे नमः।
Om Sahasrapade Namah।
सहस्र पैरों वाले
सहस्रनाम संस्तुत्य
984
ॐ सहस्रनाम संस्तुत्याय नमः।
Om Sahasranama Sanstutyaya Namah।
जिनकी स्तुति सहस्र नामों द्वारा की जाती है।
सहस्राक्षबलापह
985
ॐ सहस्राक्षबलापहाय नमः।
Om Sahasrakshabalapahaya Namah।
जिनमें सहस्र इन्द्रों के समान बल है।
दशसहस्रफणिभृत् फणिराजकृतासन
986
ॐ दशसहस्रफणिभृत्-फणिराजकृतासनाय नमः।
Om Dashasahasraphanibhrit-phanirajakritasanaya Namah।
दस हजार फन वाले वासुकि जिनके आसन हैं।
अष्टाशीतिसहस्रौघ महर्षि स्तोत्रयन्त्रित
987
ॐ अष्टाशीतिसहस्रौघ-महर्षि-स्तोत्रयन्त्रिताय नमः।
Om Ashtashitisahasraugha-maharshi-stotrayantritaya Namah।
जो 80 हजार आद्यमहर्षियों की स्तुति एवं श्रद्धा के बन्धन में बन्धें हैं।
लक्षाधीशप्रियाधार
988
ॐ लक्षाधीशप्रियाधाराय नमः।
Om Lakshadhishapriyadharaya Namah।
जो लाखों (अनन्त) प्राणियों के प्रिय हैं / जो कुबेर के भी स्वामी हैं।
लक्षाधीशमनोमय
989
ॐ लक्षाधीशमनोमयाय नमः।
Om Lakshadhishamanomayaya Namah।
लाखों के ध्यान को एकाग्र करने वाले / लाखों प्राणियों को चकित करने वाले
चतुर्लक्षजपप्रीत
990
ॐ चतुर्लक्षजपप्रीताय नमः।
Om Chaturlakshajapapritaya Namah।
चार लाख मन्त्र जप द्वारा प्रसन्न होने वाले
चतुर्लक्षप्रकाशित
991
ॐ चतुर्लक्षप्रकाशिताय नमः।
Om Chaturlakshaprakashitaya Namah।
18 पुराणों में वर्णित 4 लाख श्लोकों (मन्त्रों) के जाप से प्रकट होने वाले / चार लाख मन्त्रों का तेज धारण करने वाले
चतुरशीतिलक्षाणां जीवानां देहसंस्थित
992
ॐ चतुरशीतिलक्षाणां जीवानां देहसंस्थिताय नमः।
Om Chaturashitilakshanam Jivanam Dehasamsthitaya Namah।
84 लाख योनियों के जीवों में स्थित रहने वाले / जो 84 लाख योनियों का स्वरूप हैं।
कोटिसूर्यप्रतीकाश
993
ॐ कोटिसूर्यप्रतीकाशाय नमः।
Om Kotisuryapratikashaya Namah।
करोड़ों सूर्य के समान तेज वाले
कोटिचन्द्रांशुनिर्मल
994
ॐ कोटिचन्द्रांशुनिर्मलाय नमः।
Om Kotichandramshunirmalaya Namah।
करोड़ों चन्द्रमा के समान शीलता एवं निर्मलता वाले
शिवाभवाध्युष्टकोटिविनायकधुरन्धर
995
ॐ शिवाभवाध्युष्टकोटि-विनायक-धुरन्धराय नमः।
Om Shivabhavadhyushtakoti-vinayaka-dhurandharaya Namah।
करोड़ो विनायकों का नेतृत्व करने वाले
सप्तकोटिमहामन्त्रमन्त्रितावयवद्युति
996
ॐ सप्तकोटिमहामन्त्रमन्त्रितावयवद्युतये नमः।
Om Saptakotimahamantramantritavayavadyutaye Namah।
7 करोड़ मन्त्रों का तेज धारण करने वाले / 7 करोड़मन्त्रों के जाप से जिनकी स्थापना की जाती है।
त्रयस्त्रिंशत्कोटि सुरश्रेणीप्रणतपादुक
997
ॐ त्रयस्त्रिंशत्कोटि-सुरश्रेणीप्रणतपादुकाय नमः।
Om Trayastrimshatkoti-surashrenipranatapadukaya Namah।
33 कोटी देव जिनकी चरण पादुकाओं को प्रणाम करते हैं।
अनन्तनाम
998
ॐ अनन्तनाम्ने नमः।
Om Anantanamne Namah।
अनन्त नामों वाले
अनन्तश्री
999
ॐ अनन्तश्रिये नमः।
Om Anantashriye Namah।
अनन्त विधा एवं वैभव वाले
अनन्तानन्तसौख्यद
1000
ॐ अनन्तानन्तसौख्यदाय नमः।
Om Anantanantasaukhyadaya Namah।
अनन्त प्रकार की धन-सम्पदा एवं सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाले
Kalash
Copyright Notice
PanditJi Logo
All Images and data - Copyrights
Ⓒ www.drikpanchang.com
Privacy Policy
Drik Panchang and the Panditji Logo are registered trademarks of drikpanchang.com
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation