☰
Search
Mic
En
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

Lord Chitragupta Aarti, Om Jai Chitragupta Hare - English Lyrics

DeepakDeepak

Lord Chitragupta Aarti

Om Jai Chitragupta Hare Aarti is dedicated to Lord Chitragupta. It is one of the popular Aartis of Lord Chitragupta. This famous Aarti is recited on most occasions related to Lord Chitragupta especially on Chitra Pournami day.

॥ श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।

भक्त जनों के इच्छित,फल को पूर्ण करे॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,सन्तन सुखदायी।

भक्तन के प्रतिपालक,त्रिभुवन यश छायी॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

रूप चतुर्भुज,श्यामल मूरति, पीताम्बर राजै।

मातु इरावती,दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

कष्ट निवारण, दुष्ट संहारण,प्रभु अन्तर्यामी।

सृष्टि संहारण, जन दु:ख हारण,प्रकट हुये स्वामी॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

कलम, दवात, शङ्ख,पत्रिका, कर में अति सोहै।

वैजयन्ती वनमाला,त्रिभुवन मन मोहै॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

सिंहासन का कार्य सम्भाला,ब्रह्मा हर्षाये।

तैंतीस कोटि देवता,चरणन में धाये॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

नृपति सौदास, भीष्म पितामह,याद तुम्हें कीन्हा।

वेगि विलम्ब न लायो,इच्छित फल दीन्हा॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

दारा, सुत, भगिनी,सब अपने स्वास्थ के कर्ता।

जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,तुम तज मैं भर्ता॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

बन्धु, पिता तुम स्वामी,शरण गहूँ किसकी।

तुम बिन और न दूजा,आस करूँ जिसकी॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,प्रेम सहित गावैं।

चौरासी से निश्चित छूटैं,इच्छित फल पावैं॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

न्यायाधीश बैकुण्ठ निवासी,पाप पुण्य लिखते।

हम हैं शरण तिहारी,आस न दूजी करते॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

Kalash
Copyright Notice
PanditJi Logo
All Images and data - Copyrights
Ⓒ www.drikpanchang.com
Privacy Policy
Drik Panchang and the Panditji Logo are registered trademarks of drikpanchang.com
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation