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108 Names of Goddess Durga | Ashtottara Shatanamavali of Goddess Durga

DeepakDeepak

108 Durga Names

Ashtottara Shatanamavali of Goddess Durga

श्री
1
ॐ श्रियै नमः।
जो श्री स्वरूपा हैं।
उमा
2
ॐ उमायै नमः।
देवी उमा के रूप में अवतार लेने वाली
भारती
3
ॐ भारत्यै नमः।
जो वाणी स्वरूपा हैं।
भद्रा
4
ॐ भद्रायै नमः।
महान एवं दयालु
शर्वाणी
5
ॐ शर्वाण्यै नमः।
जो भगवान शिव की पत्नी हैं।
विजया
6
ॐ विजयायै नमः।
जो विजय प्राप्त करने वाली हैं।
जया
7
ॐ जयायै नमः।
जो सफलता प्राप्त करने वाली हैं।
वाणी
8
ॐ वाण्यै नमः।
जो वाणी स्वरूपा हैं।
सर्वगताय
9
ॐ सर्वगतायै नमः।
जो सर्वत्र व्याप्त हैं।
गौरी
10
ॐ गौर्यै नमः।
जो गौर वर्ण वाली हैं।
वाराही
11
ॐ वाराह्यै नमः।
जो वराह भगवान की शक्ति हैं।
कमलप्रिया
12
ॐ कमलप्रियायै नमः।
जिन्हें कमल पुष्प प्रिय है।
सरस्वती
13
ॐ सरस्वत्यै नमः।
जो विद्या की देवी हैं।
कमला
14
ॐ कमलायै नमः।
जो देवी लक्ष्मी के स्वरूप में स्थित हैं।
माया
15
ॐ मायायै नमः।
जो सृष्टि में माया के रूप में विद्यमान हैं।
मातंगी
16
ॐ मातंग्यै नमः।
भगवान मातंग की देवी
अपरा
17
ॐ अपरायै नमः।
जो अपरा प्रकृति के रूप में विद्यमान हैं।
अजा
18
ॐ अजायै नमः।
जो अजन्मी हैं / जो माया स्वरूपा हैं।
शांकभर्या
19
ॐ शांकभर्यै नमः।
जो भगवान शंकर की धर्मपत्नी हैं।
शिवा
20
ॐ शिवायै नमः।
जो शिव जी की अर्धाङ्गिनी हैं।
चण्डी
21
ॐ चण्डयै नमः।
जो उग्र रूप में विराजमान हैं।
कुण्डलिनी
22
ॐ कुण्डल्यै नमः।
जो कुण्डलिनी के रूप में स्थित हैं।
वैष्णवी
23
ॐ वैष्णव्यै नमः।
जो अजेय हैं।
क्रिया
24
ॐ क्रियायै नमः।
जो प्रत्येक क्रिया में विद्यमान हैं।
श्री
25
ॐ श्रियै नमः।
जो शुभता एवं धन-सम्पत्ति की देवी हैं।
इन्दिरा
26
ॐ ऐन्द्रयै नमः।
जो सुन्दर एवं वैभाशाली हैं।
मधुमती
27
ॐ मधुमत्यै नमः।
जो शहद के समान मधुर प्रकृति वाली हैं।
गिरिजा
28
ॐ गिरिजायै नमः।
जो हिमालय की पुत्री हैं।
सुभगा
29
ॐ सुभगायै नमः।
जो सुख-सौभाग्य की देवी हैं।
अम्बिका
30
ॐ अम्बिकायै नमः।
जो सम्पूर्ण जगत की माता हैं।
तारा
31
ॐ तारायै नमः।
जो संसार सागर से तारने वाली हैं।
पद्मावती
32
ॐ पद्मावत्यै नमः।
जो कमल धारण करने वाली हैं।
हंसा
33
ॐ हंसायै नमः।
जो परमात्मा हैं।
पद्मनाभसहोदरी
34
ॐ पद्मनाभसहोदर्यै नमः।
जो श्री पद्मनाभ (विष्णु जी) की बहन हैं।
अपर्णा
35
ॐ अपर्णायै नमः।
जो व्रत के समय में पत्ते तक ग्रहण नही करती हैं।
ललितायै
36
ॐ ललितायै नमः।
जो सुखद, आकर्षक एवं सुन्दर हैं।
धात्री
37
ॐ धात्र्यै नमः।
जो सम्पूर्ण सृष्टि का पालन करने वाली माता हैं।
कुमारी
38
ॐ कुमार्यै नमः।
जो कुमारी कन्या के रूप में विराजमान हैं।
शिखवाहिन्यै
39
ॐ शिखवाहिन्यै नमः।
जो पर्वतों पर निवास करती हैं।
शाम्भवी
40
ॐ शाम्भव्यै नमः।
जो भगवान शम्भू की अर्धाङ्गिनी हैं।
सुमुखी
41
ॐ सुमुख्यै नमः।
जो अत्यन्त सुन्दर रूप वाली हैं।
मैत्र्यै
42
ॐ मैत्र्यै नमः।
जो स्वयं मित्रता स्वरूपा हैं।
त्रिनेत्रा
43
ॐ त्रिनेत्रायै नमः।
जो तीन नेत्रों वाली हैं।
विश्वरूपा
44
ॐ विश्वरूपिण्यै नमः।
जो स्वयं सृष्टि के रूप में विद्यमान हैं।
आर्या
45
ॐ आर्यायै नमः।
जो पूजनीय हैं।
मृडानी
46
ॐ मृडान्यै नमः।
जो भगवान मृड (शिव) की पत्नी हैं।
हींकार्यै
47
ॐ हींकार्यै नमः।
जो सिंह के समान गर्जना करने वाली हैं / जो सिंह पर आरूढ़ रहती हैं।
क्रोधिन्यै
48
ॐ क्रोधिन्यै नमः।
जो अत्यधिक क्रोध में हैं।
सुदिनायै
49
ॐ सुदिनायै नमः।
जो तेजपूर्ण एवं उज्ज्वल हैं।
अचल
50
ॐ अचलायै नमः।
जो अडिग-अटल हैं।
सूक्ष्म
51
ॐ सूक्ष्मायै नमः।
जो सूक्ष्म रूप में कण-कण में व्याप्त हैं।
परात्परायै
52
ॐ परात्परायै नमः।
जो सर्वोच्च से भी सर्वोच्च हैं।
शोभा
53
ॐ शोभायै नमः।
जो वैभवशाली एवं प्रतिभाशाली हैं।
सर्ववर्णा
54
ॐ सर्ववर्णायै नमः।
जो सभी वर्ण के रूपों में स्थित हैं।
हरप्रिया
55
ॐ हरप्रियायै नमः।
जो भगवान शिव को प्रिय हैं।
महालक्ष्मी
56
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
जो महालक्ष्मी स्वरूपा हैं।
महासिद्धि
57
ॐ महासिद्धयै नमः।
जो स्वयं श्रेष्ठ सिद्धियों के रूप में स्थित हैं।
स्वधा
58
ॐ स्वधायै नमः।
जो स्वधा स्वरूपा हैं।
स्वाहा
59
ॐ स्वाहायै नमः।
जो स्वाहा स्वरूपा हैं।
मनोन्मनी
60
ॐ मनोन्मन्यै नमः।
जी भगवान शिव की शक्ति हैं।
त्रिलोकपालिनी
61
ॐ त्रिलोकपालिन्यै नमः।
जो तीनों लोकों का पालन करती हैं।
उद्भूता
62
ॐ उद्भूतायै नमः।
जो प्रत्यक्ष एवं दृष्टिगोचर हैं।
त्रिसन्ध्या
63
ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः।
जो समय के तीनों कालों में स्थित हैं।
त्रिपुरान्तक्यै
64
ॐ त्रिपुरान्तक्यै नमः।
जो त्रिपुरासुर का अन्त करने वाले भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं।
त्रिशक्त्यै
65
ॐ त्रिशक्त्यै नमः।
जो इच्छा, ज्ञान एवं क्रिया रूपी तीन शक्तियों में स्थित हैं।
त्रिपदायै
66
ॐ त्रिपदायै नमः।
जो गायत्री के त्रिपदा छन्द में स्थित हैं।
दुर्गा
67
ॐ दुर्गायै नमः।
जो दैत्यनाशक, विघ्ननाशक, रोगनाशक, पापनाशक तथा शत्रुनाशक हैं।
ब्राह्मी
68
ॐ ब्राह्मयै नमः।
जो भगवान ब्रह्मा की शक्ति हैं।
त्रैलोक्यवासिनी
69
ॐ त्रैलोक्यवासिन्यै नमः।
जो तीनों लोकों में निवास करती हैं।
पुष्करा
70
ॐ पुष्करायै नमः।
जो पूर्ण हैं।
अत्रिसुता
71
ॐ अत्रिसुतायै नमः।
जो महर्षि अत्रि की पुत्री हैं।
गूढ़ा
72
ॐ गूढ़ायै नमः।
जो अति गुप्त एवं रहस्यमयी हैं।
त्रिवर्णा
73
ॐ त्रिवर्णायै नमः।
जो तीन वर्ण वाली हैं।
त्रिस्वरा
74
ॐ त्रिस्वरायै नमः।
जो तीन स्वरों (उदात्त, अनुदात्त एवं स्वरित) के रूप में स्थित हैं।
त्रिगुणा
75
ॐ त्रिगुणायै नमः।
जो सत्व, रज एवं तम के तीन गुणों से युक्त हैं।
निर्गुणा
76
ॐ निर्गुणायै नमः।
जो सत्व, रज एवं तम के तीन गुणों से मुक्त हैं।
सत्या
77
ॐ सत्यायै नमः।
जो स्वयं परम सत्य हैं।
निर्विकल्पा
78
ॐ निर्विकल्पायै नमः।
जो सभी प्रकार के परिवर्तन एवं मतभेद से मुक्त हैं।
निरन्जना
79
ॐ निरंजिन्यै नमः।
जो समस्त प्रकार के बन्धनों से मुक्त हैं।
ज्वालिन्यै
80
ॐ ज्वालिन्यै नमः।
जो ज्वाला के रूप में विद्यमान हैं।
मालिनी
81
ॐ मालिन्यै नमः।
जो विभिन्न प्रकार की मालायें धारण किये हुये हैं।
चर्चायै
82
ॐ चर्चायै नमः।
जिनका वेदों में पुनः-पुनः वर्णन प्राप्त होता है।
क्रव्यादोप निबर्हिण्यै
83
ॐ क्रव्यादोप निबर्हिण्यै नमः।
जो राक्षसों का संहार करती हैं।
कामाक्षी
84
ॐ कामाक्ष्यै नमः।
देवी दुर्गा का एक रूप जो कांची में पूजा जाता है / जिनके नेत्र मोहक हैं।
कामिन्यै
85
ॐ कामिन्यै नमः।
जो संसार का मन मोहने वाली हैं।
कान्ता
86
ॐ कान्तायै नमः।
जो अत्यन्त सुन्दर हैं।
कामदायै
87
ॐ कामदायै नमः।
जो मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।
कलहंसिनी
88
ॐ कलहंसिन्यै नमः।
जो सर्वशक्तिशाली परमात्मा स्वरूपा हैं।
सलज्जा
89
ॐ सलज्जायै नमः।
जो लज्जाशील हैं।
कुलजा
90
ॐ कुलजायै नमः।
जो उत्तम कुल से हैं।
प्राज्ञा
91
ॐ प्राज्ञ्यै नमः।
जो ज्ञानी एवं बुद्धिशाली हैं।
प्रभा
92
ॐ प्रभायै नमः।
जो अत्यन्त तेजोमयी हैं।
मदनसुन्दरी
93
ॐ मदनसुन्दर्यै नमः।
जो कामदेव के समान सुन्दर हैं।
वागीश्वरी
94
ॐ वागीश्वर्यै नमः।
जो वाणी की देवी हैं।
विशालाक्षी
95
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
जिनके विशाल नेत्र हैं।
सुमङ्गली
96
ॐ सुमंगल्यै नमः।
जो अत्यन्त शुभ हैं।
काली
97
ॐ काल्यै नमः।
जो श्याम वर्ण वाली हैं।
महेश्वरी
98
ॐ महेश्वर्यै नमः।
जो महेश्वर (शिव जी) की धर्मपत्नी हैं।
चण्डी
99
ॐ चण्ड्यै नमः।
देवी दुर्गा का उग्र स्वरूप
भैरवी
100
ॐ भैरव्यै नमः।
जो भैरव (भगवान शिव) की पत्नी हैं।
भुवनेश्वरी
101
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।
जो 14 भुवनों की अधिष्ठात्री देवी हैं।
नित्या
102
ॐ नित्यायै नमः।
जो शाश्वत हैं।
सानन्दविभवायै
103
ॐ सानन्दविभवायै नमः।
जो सम्पूर्ण सृष्टि में आनन्द-मङ्गल करती हैं।
सत्यज्ञाना
104
ॐ सत्यज्ञानायै नमः।
जो सत्य को जानने वाली हैं।
तमोपहा
105
ॐ तमोपहायै नमः।
जो अज्ञान रूपी अहंकार को नष्ट करती हैं।
महेश्वरप्रियंका
106
ॐ महेश्वरप्रियंकर्यै नमः।
जो भगवान शिव को आनन्द प्रदान करती हैं।
महात्रिपुरसुन्दरी
107
ॐ महात्रिपुरसुन्दर्यै नमः।
जो तीनों लोकों में सर्वाधिक सुन्दर देवी त्रिपुरसुन्दरी के रूप में स्थित हैं।
दुर्गापरमेश्वर्यै
108
ॐ दुर्गापरमेश्वर्यै नमः।
जो समस्त कष्टों को नष्ट करने वाली सर्वोच्च देवी हैं।
Kalash
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