*द्रिकपञ्चाङ्ग अपने उपयोगकर्ताओं के लिए निःशुल्क ई-ग्रीटिंग प्रदान करता है। उपयोगकर्ता इन्हें सहेज सकते हैं और अपने प्रियजनों को भेज सकते हैं। ये ई-ग्रीटिंग्स कॉपीराइट के तहत संरक्षित हैं। इनका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
करवा चौथ एक अति प्रसिद्ध त्यौहार एवं उपवास है। करवा चौथ के दिन हिन्दु स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु एवं कुशलता की कामना से एक दिवसीय निर्जला व्रत का पालन करती हैं। यह व्रत सन्ध्याकाल में चौथ माता की पूजा एवं चन्द्र दर्शन के पश्चात ही सम्पन्न होता है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त, करवा चौथ व्रत का समय तथा करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय कब होगा? यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें। करवा चौथ का व्रत हिन्दु पूर्णिमान्त पञ्चाङ्ग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है।
करवा चौथ कैलेण्डर का प्रयोग सुहागिन स्त्रियों द्वारा चौथ माता की पूजा के लिये किया जाता है। करवा चौथ पूजा के समय करवा चौथ व्रत कथा का पाठ एवं श्रवण भी किया जाता है। इस कथा में करवा चौथ व्रत का माहात्म्य वर्णित किया गया है।
जय अहोई माता,जय अहोई माता। तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता॥ जय अहोई माता...॥ यह अहोई माता को समर्पित सर्वाधिक प्रचलित एवं लोकप्रिय आरती है। इस आरती का गायन अहोई अष्टमी पूजा के समय अवश्य किया जाता है।
करवा चौथ के लिये सुन्दर एवं प्यारी मेहन्दी डिज़ाइन यहाँ चित्र सहित दी गयी हैं। करवा चौथ का त्यौहार हिन्दु स्त्रियों के लिये विशेष महत्वपूर्ण होता है। करवा चौथ के दिन स्त्रियाँ मेहन्दी सहित सभी सोलह शृङ्गार धारण करती हैं।
प्रस्तुत करवा चौथ पूजा विधि द्वारा सरलता से, सम्पूर्ण करवा चौथ पूजा की जा सकती है। यह पूजा विधि प्रमाणिक एवं सरल पूजा विधि है। इस विधि में सङ्कल्प मन्त्र, देवी पार्वती पूजन मन्त्र तथा करवा दान मन्त्र भी प्रदान किया गया है।
वीरावती और उसके सात भाइयों की कथा, करवा चौथ की सर्वाधिक प्रचलित कथा है। करवा चौथ व्रत के पूर्ण फल की प्राप्ति हेतु करवा चौथ कथा का पाठ किया जाता है। सन्ध्याकाल में पूजन के समय स्त्रियाँ समूह में बैठकर करवा चौथ व्रत कथा सुनती व सुनाती हैं।
धन्य है वो देवी जो पति सुख हेतु व्रत पावें, धन्य है वो पति जो देवी रूप पत्नी पावें, धन्य है वो स्वरुप जो मनुष्यता का दीप जलावें। करवा चौथ से सम्बन्धित ऐसे ही अन्य सन्देश हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रदान किये गये हैं। ये करवा चौथ के सन्देश व्हाट्सएप और एसएमएस द्वारा भी भेजे जा सकते हैं।
जिस प्रकार उत्तर भारत में करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार आन्ध्र प्रदेश सहित दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अटला तद्दे का त्यौहार मनाया जाता है। अटला तद्दे के दिन आन्ध्र प्रदेश की विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु हेतु उपवास करती हैं।