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रविवार आरती - हिन्दी गीतिकाव्य और वीडियो गीत

DeepakDeepak

रविवार की आरती

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इसलिए, सभी रविवार को सूर्यदेव की पूजा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

भगवान सूर्य को सूर्यनारायण के नाम से भी जाना जाता है। भगवान सूर्य का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त सूर्यदेव की पूजा करते हैं और एक दिन का उपवास करते हैं। सूर्य आरती पूजा अनुष्ठान का अभिन्न अंग है और इसे देवता की महिमा करने और पूजा का समापन करने हेतु अंतिम में गाया जाता है।

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॥ आरती श्री सूर्य जी ॥

जय कश्यप-नन्दन भगवान सूर्य की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान सूर्य से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।

जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।

त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सकल - सुकर्म - प्रसविता,सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

Kalash
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