☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

चौघड़िया Point Pleasant Beach, New Jersey, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

शुभ चौघड़िया

 आज का चौघड़िया
Smothered Deepak
रोग - अमंगल
07:40 पी एम से 08:58 पी एम
01:16:27 Countdown Sandbox
Point Pleasant Beach, संयुक्त राज्य अमेरिका
19
अप्रैल 2024
शुक्रवार

जुलाई 30, 2306, सोमवार

Day Sunदिन का चौघड़िया
Sunrise05:53 ए एम
अमृत - सर्वोत्तम
05:53 ए एम से 07:40 ए एम
काल - हानि
07:40 ए एम से 09:28 ए एमकाल वेला Rahu Kalam
शुभ - उत्तम
09:28 ए एम से 11:15 ए एम
रोग - अमंगल
11:15 ए एम से 01:03 पी एम
उद्वेग - अशुभ
01:03 पी एम से 02:51 पी एम
चर - सामान्य
02:51 पी एम से 04:38 पी एम
लाभ - उन्नति
04:38 पी एम से 06:26 पी एमवार वेला
अमृत - सर्वोत्तम
06:26 पी एम से 08:13 पी एम
Night Starsरात्रि का चौघड़िया
Sunset08:13 पी एम
चर - सामान्य
08:13 पी एम से 09:26 पी एम
रोग - अमंगल
09:26 पी एम से 10:38 पी एम
काल - हानि
10:38 पी एम से 11:51 पी एम
लाभ - उन्नति
11:51 पी एम से 01:03 ए एम, जुलाई 31काल रात्रि
उद्वेग - अशुभ
01:03 ए एम से 02:16 ए एम, जुलाई 31
शुभ - उत्तम
02:16 ए एम से 03:29 ए एम, जुलाई 31
अमृत - सर्वोत्तम
03:29 ए एम से 04:41 ए एम, जुलाई 31
चर - सामान्य
04:41 ए एम से 05:54 ए एम, जुलाई 31

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Point Pleasant Beach, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

शुभ
अशुभ
सामान्य
Rahu Kalam
राहु काल
Choghadiya Play Store App
चौघड़िया एप्प इंस्टाल करें और शुभ मुहूर्त जानें। यह एप्प फ्री एवं ऑफ़लाइन है।

चौघड़िया टेबल के विषय में

चौघड़िया का उपयोग किसी नये कार्य को प्रारम्भ करने के लिए शुभ समय देखने हेतु किया जाता है। परम्परागत रूप से चौघड़िया का उपयोग यात्रा के मुहूर्त के लिए किया जाता है लेकिन इसकी सरलता के कारण इसे अन्य मुहूर्त देखने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

किसी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघड़ियाओं को उत्तम माना गया है और शेष तीन चौघड़ियाओं, रोग, काल और उद्वेग, को अनुपयुक्त माना गया है जिन्हें त्याग देना चाहिये।

सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य के समय को दिन का चौघड़िया कहा जाता है तथा सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के मध्य के समय को रात्रि का चौघड़िया कहा जाता है।

वार वेला, काल वेला एवं काल रात्रि के विषय में

यह माना जाता है कि वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाने चाहिये। वार वेला एवं काल वेला दिन के समय प्रचलित रहते हैं जबकि काल रात्रि, रात के समय प्रचलित रहती है। ऐसा माना जाता है कि इस समय कोई भी मंगल कार्य करना फलदायी नहीं होता है।

चौघड़िया नाम कैसे पड़ा?

हिन्दु धर्मं में, सूर्योदय से सूर्यास्त तथा सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच के समय को ३०-३० घटी में बाँटा गया है। चौघड़िया मुहूर्त के लिए, उसी ३० घटी की समय अवधि को ८ भागों में विभाजित किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप दिन और रात के दौरान ८-८ चौघड़िया मुहूर्त होते है।

चूँकि प्रत्येक चौघड़िया मुहूर्त लगभग ४ घटी का होता है, इसलिए इसे चौघड़िया = चौ (चार) + घड़िया (घटी) के रूप में जाना जाता है। चौघड़िया मुहूर्त को चतुर्श्तिका मुहूर्त भी कहा जाता है।

शुभ चौघड़िया तथा राहु काल साथ हो तो क्या करें?

यह बिल्कुल सम्भव है कि शुभ चौघड़िया तथा राहु काल साथ हों। राहु काल को अनिष्टकारी माना जाता है। दक्षिण भारत में, मुहूर्त का चयन करते समय इसे अत्यधिक महत्व दिया जाता है। हालाँकि मुहूर्त के लिए राहु काल का कोई प्रामाणिक संदर्भ नहीं है, लेकिन उस शुभ चौघड़िया मुहूर्त को त्यागना ही बेहतर है जो राहु काल के साथ ओवरलैप करता हो।

क्या करें यदि वार वेला, काल वेला और रात्रि वेला शुभ चौघड़िया के साथ आते हैं?

यह बिल्कुल सम्भव है कि शुभ चौघड़िया वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के साथ ओवरलैप हो। चौघड़िया मुहूर्त का चयन करते समय, वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के समय को त्याग दिया जाना चाहिए।

ऐसा माना जाता है कि वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के दौरान किए गए सभी मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं और वान्छित परिणाम नहीं देते हैं।

अच्छे या बुरे चौघड़िया को कैसे चिह्नित करें?

प्रत्येक दिन का पहला मुहूर्त उस दिन के ग्रह स्वामी द्वारा शासित होता है। उदाहरण के लिए, रविवार का, पहला चौघड़िया मुहूर्त सूर्य द्वारा शासित होता है। इसके बाद के मुहूर्त क्रमशः शुक्र, बुध, चन्द्रमा, शनि, बृहस्पति तथा मंगल द्वारा शासित होते हैं। दिन का अन्तिम मुहूर्त भी उस दिन के ग्रह स्वामी द्वारा शासित होता है।

इसलिए प्रत्येक चौघड़िया मुहूर्त का शुभ या अशुभ प्रभाव, स्वामी ग्रह की प्रकृति के आधार पर चिह्नित किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में, शुक्र, बुध, चन्द्रमा और बृहस्पति के प्रभाव की समय अवधि को आमतौर पर शुभ माना जाता है। जबकि सूर्य, मंगल और शनि के प्रभाव की समय अवधि को आमतौर पर अशुभ माना जाता है। उपयुक्त जानकारी के आधार पर, हम प्रत्येक चौघड़िया मुहूर्त को शुभ या अशुभ के रूप में चिह्नित कर सकते हैं। यह ध्यान दिए जानें योग्य है कि अशुभ चौघड़िया मुहूर्त भी कुछेक कार्यों के लिए उचित हो सकते हैं।

उद्वेग चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में, सूर्य को एक अनिष्टकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर अशुभ माना जाता है और उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालाँकि, सरकारी कार्यों के लिए, उद्वेग चौघड़िया को अच्छा माना जाता है।

चर चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में, शुक्र को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और चर या चन्चल के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।

लाभ चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में, बुध को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और लाभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। लाभ चौघड़िया को शिक्षा शुरू करने हेतु तथा नया कौशल प्राप्त करने हेतु सबसे उपयुक्त माना जाता है।

अमृत चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में, चन्द्रमा को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और अमृत के रूप में चिह्नित किया जाता है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।

काल चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में शनि को एक अनिष्टकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर अशुभ माना जाता है और काल के रूप में चिह्नित किया जाता है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। हालाँकि, धन अर्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए काल चौघड़िया उपयुक्त है।

शुभ चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में, बृहस्पति को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

रोग चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में, मंगल को एक अनिष्टकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर अशुभ माना जाता है और रोग के रूप में चिह्नित किया जाता है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता है। हालाँकि, युद्ध और दुश्मन को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।

Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation