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एकादशी व्रत माहात्म्य | एकादशी व्रत की महिमा

DeepakDeepak

एकादशी व्रत माहात्म्य

एकादशी व्रत माहात्म्य

समस्त पुराणों के व्याख्याकार ब्रह्मज्ञानी श्री सूतजी से एक दिन नैमिषारण्य में शौनक आदि अट्ठासी हजार (88,000) ऋषियों ने एकत्रित होकर प्रार्थना की- "हे परमज्ञानी सूतजी महाराज! कृपा कर एकादशियों की उत्पत्ति तथा उनकी महिमा को बताने की कृपा करें।"

महर्षियों की प्रार्थना सुन सूतजी बोले- "हे परम तपस्वी महर्षियों! अपने पाँचवें अश्वमेध यज्ञ के समय धर्मराज युद्धिष्ठिर ने भी भगवान श्रीकृष्ण से यही प्रश्न किया था।

इस पर भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से निकला वह सारा वृत्तान्त मैं आप सभी को सुनाता हूँ, ध्यानपूर्वक सुनो-

एक वर्ष में बारह मास होते हैं और एक मास में दो एकादशी होती हैं, सो एक वर्ष में चौबीस (24) एकादशी हुयीं।

जिस वर्ष में अधिक (लौंद) मास पड़ता है, उस वर्ष में दो एकादशी बढ़ जाती हैं।

इन दो एकादशियों को मिलाकर कुल छब्बीस (26) एकादशी होती हैं-

  1. उत्पन्ना एकादशी
  2. मोक्षदा एकादशी
  3. सफला एकादशी
  4. पौष पुत्रदा एकादशी
  5. षटतिला एकादशी
  6. जया एकादशी
  7. विजया एकादशी
  8. आमलकी एकादशी
  9. पापमोचिनी एकादशी
  10. कामदा एकादशी
  11. बरूथिनी एकादशी
  12. मोहिनी एकादशी
  13. अपरा एकादशी
  14. निर्जला एकादशी
  15. योगिनी एकादशी
  16. देवशयनी एकादशी
  17. कामिका एकादशी
  18. श्रावण पुत्रदा एकादशी
  19. अजा एकादशी
  20. परिवर्तिनी एकादशी
  21. इन्दिरा एकादशी
  22. पापांकुशा एकादशी
  23. रमा एकादशी
  24. प्रबोधिनी एकादशी (देव उठनी)

अधिक मास की दोनों एकाशियो के नाम हैं-

  1. पद्मिनी एकादशी
  2. परम एकादशी

ये सब एकादशी यथानाम तथा फल देने वाली हैं।

Kalash
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