होमाहुति का निर्धारण अग्नि चक्र के आधार पर किया जाता है। गृह प्रवेश, ग्रह शान्ति अर्थात ग्रहों का शान्तिकरण, शत्रु पर विजय आदि के लिये हवन करते समय चक्र का प्रयोग करना चाहिये। होमाहुति का परिणाम ग्रह की आहुति पर आधारित होता है।
विवाह, उपनयन, मुण्डन समारोह, भगवान विष्णु के लिये की गई पूजा, नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा, ग्रहण के दौरान, गोचर के दौरान ग्रहों की शान्ति, कुल देवता की पूजा आदि के लिये यज्ञ करते समय होमाहुति को नहीं माना जाता है।