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विवाह के लिये शुभ नक्षत्र एवं उनका प्रभाव

DeepakDeepak

विवाह नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष में सत्ताईस (27) योगों का वर्णन प्राप्त होता है। इन सत्ताईस नक्षत्रों की गणना मे अभिजीत नक्षत्र पर विचार नहीं किया गया है।

विवाह हेतु निम्नलिखित ग्यारह (11) नक्षत्र शुभ माने गये हैं।

Shubha Vivah
  1. रोहिणी (4वाँ नक्षत्र)
  2. मॄगशिरा (5वाँ नक्षत्र)
  3. मघा (10वाँ नक्षत्र)
  4. उत्तराफाल्गुनी (12वाँ नक्षत्र)
  5. हस्त (13वाँ नक्षत्र)
  6. स्वाती (15वाँ नक्षत्र)
  7. अनुराधा (17वाँ नक्षत्र)
  8. मूल (19वाँ नक्षत्र)
  9. उत्तराषाढा (21वाँ नक्षत्र)
  10. उत्तर भाद्रपद (26वाँ नक्षत्र)
  11. रेवती (27वाँ नक्षत्र)

इन नक्षत्रों में विवाह आयोजित करने से वर-वधु को पुत्र, पौत्र, सम्पत्ति, पारस्परिक सहानभूति, स्नेह तथा प्रसन्नता की प्राप्ति होती है।

यद्यपि, मघा एवं मूल नक्षत्र का प्रथम चतुर्थांश एवं रेवती नक्षत्र का अन्तिम चतुर्थांश अशुभ होता है तथा इन्हें अस्वीकार कर दिया जाना चाहिये। ज्योतिर्निबन्ध के अनुसार, यह अशुभ समयावधि दम्पति की मृत्यु का कारण बनती है।

अनेक ज्योतिषी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र से बचते हैं, क्योंकि मान्यता है कि, भगवान राम एवं देवी सीता का विवाह उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में हुआ था तथा उन्हें वैवाहिक जीवन में अनेक संकटों एवं कष्टों का सामना करना पड़ा था।

Kalash
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