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शनिवार आरती - हिन्दी गीतिकाव्य और वीडियो गीत

DeepakDeepak

शनिवार की आरती

Shaniwar is dedicated to Lord Shani Dev. Apart from Shani Dev, Shaniwar is also dedicated to Lord Hanuman.

It is believed that performing Shani Dev Puja on Shaniwar pleases Lord Shani. Hence, devotees undertake the fast and do Puja to seek blessings of Lord Shani. Lord Shani Aarti is the integral part of the Puja ritual and is sung in the last to glorify the deity and to conclude the Puja.

Devotees who worship Lord Hanuman on Shaniwar can refer Lord Hanuman Aarti.

॥ शनि देव की आरती ॥

जय शनि देवा, जय शनि देवा शनिवार के दिन की लोकप्रिय आरती है। इस आरती को शनि देव की स्तुति करने के लिए शनिवार के दिन भक्तों द्वारा गाया जाता है।

जय शनि देवा, जय शनि देवा,जय जय जय शनि देवा।

अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा।

जय शनि देवा...॥

जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,घोर कष्ट वह पावे।

धन वैभव और मान-कीर्ति,सब पलभर में मिट जावे।

राजा नल को लगी शनि दशा,राजपाट हर लेवा।

जय शनि देवा...॥

जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,सकल सिद्धि वह पावे।

तुम्हारी कृपा रहे तो,उसको जग में कौन सतावे।

ताँबा, तेल और तिल से जो,करें भक्तजन सेवा।

जय शनि देवा...॥

हर शनिवार तुम्हारी,जय-जय कार जगत में होवे।

कलियुग में शनिदेव महात्तम,दु:ख दरिद्रता धोवे।

करू आरती भक्ति भाव सेभेंट चढ़ाऊं मेवा।

जय शनि देवा...॥



॥ शनि देव की आरती ॥

चार भुजा तहि छाजै शनि देव की एक और आरती है जिसे भक्तों द्वारा शनिवार के दिन गाया जाता है।

चार भुजा तहि छाजै,गदा हस्त प्यारी।

जय शनिदेव जी॥

रवि नन्दन गज वन्दन,यम अग्रज देवा।

कष्ट न सो नर पाते,करते तब सेवा॥

जय शनिदेव जी॥

तेज अपार तुम्हारा,स्वामी सहा नहीं जावे।

तुम से विमुख जगत में,सुख नहीं पावे॥

जय शनिदेव जी॥

नमो नमः रविनन्दनसब ग्रह सिरताजा।

बन्शीधर यश गावेरखियो प्रभु लाजा॥

जय शनिदेव जी॥

Kalash
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