टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
नवम्बर 19, 2021 को आंशिक चन्द्र ग्रहण दर्शनीय होगा। वर्ष 2021 में यह दूसरा और अन्तिम चन्द्र ग्रहण होगा। यह 0.97 परिमाण का आंशिक ग्रहण है, इसीलिये अधिकतम ग्रहण के दौरान चन्द्रमाँ का लगभग 97 फीसदी भाग पृथ्वी की उपच्छाया से छिप जायेगा। उपच्छाया के अन्दर चन्द्रमाँ का हिस्सा केवल पृथ्वी के वायुमण्डल के माध्यम से अपवर्तित सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होगा।
यह चन्द्र ग्रहण अटलांटिक महासागर, प्रशान्त महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी भागों में, उत्तरी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका से दिखाई देगा।
यह चन्द्र ग्रहण भारत के पूर्वी भागों से, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर से दिखाई देगा।
भारत से, केवल उपच्छाया चन्द्र ग्रहण ही दर्शनीय होगा जिसका वैदिक ज्योतिष में कोई महत्व नहीं है। अतः लोगो को चन्द्र ग्रहण के दौरान किये जाने वाले नियम और अनुष्ठानों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
अधिकांश अफ्रीका और पश्चिमी एशिया से कोई भी ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण की दृश्यता के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया नवम्बर 19, 2021 के आंशिक चन्द्र ग्रहण का प्लॉट देखें।
जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि (१२ बजे) से पहले लग जाता है परन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त होता है - दूसरे शब्दों में जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन (ओवरलैप) करता है - तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम होता है उस दिन की दिनाँक चन्द्रग्रहण के लिये दर्शायी जाती है। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिन अर्थात मध्यरात्रि से पहले हो सकता है।
इस पृष्ठ पर दिये चन्द्रोदय और चन्द्रास्त के समय लंबन/विस्थापनाभास के लिये संशोधित हैं। लंबन का संशोधन चन्द्रग्रहण देखने के लिये उत्तम समय देता है।
हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये विचारणीय होते हैं। सभी परम्परागत पञ्चाङ्ग केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं।
यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है।