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दो घटी मुहूर्त | दो घटी मुहूर्त तालिका लँकेस्टर, California, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

दो घटी मुहूर्त

 वर्तमान दो घटी मुहूर्त
Night Stars
प्रदोष
04:41 पी एम से 05:37 पी एम
00:42:47 Countdown Sandbox
लँकेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका
02
दिसम्बर 2025
मंगलवार

दिसम्बर 2, 2025, मंगलवार

Day Sunदिवस मुहूर्त
Sunrise06:43 ए एम
Ardra
प्रातः
06:43 ए एम से 07:22 ए एम
Ashlesha
प्रातः
07:22 ए एम से 08:02 ए एम
Anuradha
प्रातः
08:02 ए एम से 08:42 ए एम
Magha
सङ्गव
08:42 ए एम से 09:22 ए एम
Dhanishtha
सङ्गव
09:22 ए एम से 10:02 ए एम
Purva Ashadha
सङ्गव
10:02 ए एम से 10:42 ए एम
Uttara Ashadha
मध्याह्न
10:42 ए एम से 11:22 ए एम
Abhijita
मध्याह्न - अभिजित मुहूर्त
11:22 ए एम से 12:02 पी एम
Rohini
मध्याह्न
12:02 पी एम से 12:42 पी एम
Jyeshtha
अपराह्ण
12:42 पी एम से 01:22 पी एम
Vishakha
अपराह्ण - विजय मुहूर्त
01:22 पी एम से 02:02 पी एम
Mula
अपराह्ण
02:02 पी एम से 02:42 पी एम
Shatabhisha
सायाह्न
02:42 पी एम से 03:22 पी एम
Uttara Phalguni
सायाह्न
03:22 पी एम से 04:01 पी एम
Purva Phalguni
सायाह्न
04:01 पी एम से 04:41 पी एम
Night Starsरात्रि मुहूर्त
Sunset04:41 पी एम
Ardra
प्रदोष - सायाह्न सन्ध्याCountdown Sandbox
04:41 पी एम से 05:37 पी एम
Purva Bhadrapada
प्रदोष - 1/2 सायाह्न सन्ध्या
05:37 पी एम से 06:34 पी एम
Uttara Bhadrapada
प्रदोष
06:34 पी एम से 07:30 पी एम
Revati
रात्रि
07:30 पी एम से 08:26 पी एम
Ashwini
रात्रि
08:26 पी एम से 09:22 पी एम
Bharani
रात्रि
09:22 पी एम से 10:18 पी एम
Krittika
रात्रि
10:18 पी एम से 11:14 पी एम
Rohini
निशिता - महानिशिता मुहूर्त
11:14 पी एम से 12:10 ए एम, दिसम्बर 03
Mrigashira
रात्रि
12:10 ए एम से 01:07 ए एम, दिसम्बर 03
Punarvasu
रात्रि
01:07 ए एम से 02:03 ए एम, दिसम्बर 03
Pushya
रात्रि
02:03 ए एम से 02:59 ए एम, दिसम्बर 03
Shravana
रात्रि
02:59 ए एम से 03:55 ए एम, दिसम्बर 03
Hasta
रात्रि
03:55 ए एम से 04:51 ए एम, दिसम्बर 03
Chitra
अरुणोदय - 1/2 प्रातः सन्ध्या
04:51 ए एम से 05:47 ए एम, दिसम्बर 03
Swati
अरुणोदय - प्रातः सन्ध्या
05:47 ए एम से 06:43 ए एम, दिसम्बर 03

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में लँकेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

दो घटी मुहूर्त क्या है?

वैदिक ज्योतिष में एक दिन, सूर्योदय से अगले दिन के सूर्योदय तक माना जाता है। अर्थात दिन सूर्योदय से प्रारम्भ होकर अगले दिन सूर्योदय पर अन्त होता है। सूर्योदय से सूर्यास्त के समय को 30 (३०) घटी (वैदिक समय गणना की इकाई) में विभाजित किया गया है। एवं सूर्यास्त से सूर्योदय के मध्य का समय भी 30 घटी में विभाजित किया जाता है। इसका अर्थ ये है कि, एक पूरे दिन में 60 (६०) घटी होती हैं।

एक पूरा दिन = 60 घटी

1 घटी = 60 पल

1 पल = 60 विपल

घटी समय को मापने की एक वैदिक इकाई है। यह एक दिन का तीसवाँ भाग होती है। यदि आप सूर्योदय से सूर्यास्त के मध्य के समय को 30 भागों में विभाजित करेंगे, तो हमें 1 घटी की अवधि प्राप्त होगी।

बहुत सी वेबसाइट और ज्योतिषी, घटी के समय अवधि को स्थिर समझ, एक घण्टे को 2.5 (ढाई) घटी के बराबर मान लेते हैं जो की सही नहीं है। घटी की अवधि (घटीकाल) स्थिर न होकर स्थान के अनुसार बदलती रहती है। 1 घटी लगभग 24 मिनट की होती है।

सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य की अवधि = 30 घटी

(सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य की अवधि / 30) = 1 घटी

एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं। 15 मुहूर्त दिन में एवं 15 मुहूर्त रात्रि में होते हैं। प्रत्येक मुहूर्त 2 घटी का होता है, इसलिए ये 30 मुहूर्त "दो घटी मुहूर्त" के नाम से भी जाने जाते हैं। इन 30 महुर्तों के नाम निम्नलिखित हैं -

  1. रुद्र मुहूर्त हानिकारक होता है।
  2. उरग मुहूर्त हानिकारक होता है।
  3. मित्र मुहूर्त लाभदायक होता है।
  4. पितर मुहूर्त हानिकारक होता है।
  5. वसु मुहूर्त लाभदायक होता है।
  6. अम्बु मुहूर्त लाभदायक होता है।
  7. विश्वेदेव मुहूर्त लाभदायक होता है।
  8. विधि मुहूर्त लाभदायक है।
  9. ब्रह्मा मुहूर्त लाभदायक होता है।
  10. इन्द्र मुहूर्त लाभदायक होता है।
  11. इन्द्राग्नी मुहूर्त हानिकारक होता है।
  12. दैत्य मुहूर्त हानिकारक होता है।
  13. वरुण मुहूर्त लाभदायक होता है।
  14. अर्यमा मुहूर्त लाभदायक है।
  15. भग मुहूर्त हानिकारक होता है।
  16. ईश्वर मुहूर्त हानिकारक होता है।
  17. अजैकपाद मुहूर्त हानिकारक होता है।
  18. अहिर्बुध्न्य मुहूर्त लाभदायक होता है।
  19. पूषा मुहूर्त लाभदायक होता है।
  20. अश्विनी कुमार मुहूर्त लाभदायक होता है।
  21. यम मुहूर्त हानिकारक होता है।
  22. अग्नि मुहूर्त हानिकारक होता है।
  23. ब्रह्मा मुहूर्त लाभदायक होता है।
  24. चन्द्र मुहूर्त लाभदायक होता है।
  25. अदिति मुहूर्त लाभदायक होता है।
  26. बृहस्पति मुहूर्त लाभदायक होता है।
  27. विष्णु मुहूर्त लाभदायक होता है।
  28. सूर्य मुहूर्त लाभदायक होता है।
  29. त्वष्टा मुहूर्त लाभदायक होता है।
  30. समीरण मुहूर्त लाभदायक होता है।
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द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
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