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-2046 सकट चौथ का दिन और समय तिरुवनन्तपुरम, केरल, भारत के लिए

DeepakDeepak

-2046 सकट चौथ

तिरुवनन्तपुरम, भारत
सकट चौथ
16वाँ
नवम्बर -2046
Monday / सोमवार
सकट चौथ पूजन
Sankashti Chaturthi

सकट चौथ मुहूर्त

सकट चौथ सोमवार, नवम्बर 16, -2046 को
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 16, -2046 को 09:50 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - नवम्बर 17, -2046 को 09:31 बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में तिरुवनन्तपुरम, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

-2046 सकट चौथ

कृष्ण पक्ष चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है एवं भक्तगण प्रत्येक कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखते हैं। यद्यपि मुख्यतः उत्तर भारतीय राज्यों में माघ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को भी सकट चौथ के रूप में मनाया जाता है। सकट चौथ का पर्व सकट माता को समर्पित है एवं इस दिन मातायें अपने पुत्रों के कल्याण की कामना से व्रत रखती हैं। सकट चौथ की कथा सकट देवी की कृपालु प्रवृत्ति का वर्णन करती है।

राजस्थान में सकट नामक एक ग्राम है तथा यहाँ संकट देवी को समर्पित एक मन्दिर है। यह देवी संकट चौथ माता के नाम से प्रसिद्ध हैं। यह मन्दिर अलवर से लगभग 60 कि.मी. तथा राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से 150 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। सकट देवी के सन्दर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु सकट माता मन्दिर जाया जा सकता है।

सकट चौथ पर भगवान गणेश की भी पूजा-आराधना की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है। महाराष्ट्र आदि क्षेत्रों में गणेश भक्तों द्वारा सकट चौथ का पर्व लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण संकटों से मुक्ति प्राप्त करने हेतु एक दिवसीय उपवास करते हैं जिसका पारण चन्द्र दर्शन के उपरान्त किया जाता है।

सकट चौथ को संकट चौथ, तिल-कुटा चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी तथा माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है।

Kalash
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