टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में Dinhata, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
श्रील जीव गोस्वामी (1513-1598 सीई) का जन्म पश्चिम बंगाल के मालदह जिले के रामकेलि में श्रीवल्लभ मल्लिका के पुत्र के रूप में हुआ था। वह रूपा गोस्वामी और सनातन गोस्वामी के भतीजे थे। उन्होंने रूपा गोस्वामी से दीक्षा प्राप्त की तथा रूपा और सनातन के तिरोभाव होने के बाद आचार्य बन गये।
कुछ समकालीन संस्कृतिकर्मी उन्हें अपने समय के सबसे महान दार्शनिक और विद्वान मानते थे। भगवान चैतन्य के छह गोस्वामी अनुयायियों में सबसे युवा, जीव गोस्वामी सबसे विपुल लेखक भी थे। उन्होंने कुछ पच्चीस पुस्तकें लिखीं, जिनमें सत्-सन्दर्भ, गोपाल-चम्पू और हरि-नामामृत-व्याकरणम् शामिल हैं।