टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Cambridge, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
पञ्चक रहित मुहूर्त आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के तेलुगु भाषी लोगों में अत्यधिक लोकप्रिय है। पञ्चक रहित मुहूर्त का उपयोग अशुभ समय से बचने के लिये किया जाता है। पञ्चक रहित मुहूर्त में शुभ-अशुभ योग ज्ञात करने हेतु तिथि (चन्द्र दिवस), वार (साप्ताहिक दिवस), नक्षत्र तथा उदय लग्न का विश्लेषण किया जाता है, जिसके माध्यम से रात्रि सहित सम्पूर्ण दिन को शुभ-अशुभ समय काल में विभाजित किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, विवाह, गृहप्रवेश एवं अक्षर अभ्यासम् सहित सभी शुभ कार्य पञ्चक रहित मुहूर्त के समय किये जाने चाहिये।
मृत्यु, अग्नि, रज, चोर एवं रोग को सामूहिक रूप से 'पञ्चक' कहा जाता है। रहित का अर्थ है 'के अतिरिक्त'। मुहूर्त का अर्थ होता है 'शुभ क्षण' अथवा 'शुभ समयावधि'। मुहूर्त को मुहूर्तम् अथवा मुहुर्थम् के रूप में भी उच्चारित किया जाता है।
अतः बिना पञ्चक के मुहूर्त को पञ्चक रहित मुहूर्त कहा जाता है। पञ्चक रहित मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ है 'अशुभ पञ्चक के अतिरिक्त शुभ मुहूर्त'।
मृत्यु, अग्नि, राजा, चोर तथा रोग आदि पाँच अशुभ काल हैं। इन पाँच अशुभ समयावधि से सचेत रहना चाहिये। इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण समयावधि शुभ कार्यों को आरम्भ करने हेतु अनुकूल होती है।
मृत्यु पञ्चक आपत्ति एवं विपत्ति की ओर इन्गित करता है। अग्नि पञ्चक आग से संकट का संकेत देता है। रज पञ्चक अशुभ परिणामों का सूचक है। चोर पञ्चक अनिष्ट एवं कपटपूर्ण घटनाओं को इन्गित करता है। रोग पञ्चक रोग एवं व्याधियों का संकेत देता है।