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-0007 मकर संक्रान्ति - सायन पुण्य काल समय कोलंबस, Ohio, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak

-0007 मकर संक्रान्ति

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कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका
मकर संक्रान्ति
21वाँ
दिसम्बर -0007
Monday / सोमवार
मकर संक्रान्ति सूर्य देव
Makar Sankranti Surya Dev

मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त

मकर संक्रान्ति सोमवार, दिसम्बर 21, -0007 को
मकर संक्रान्ति पुण्य काल - 08:00 से 17:18
अवधि - 09 घण्टे 18 मिनट्स
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - 08:00 से 09:33
अवधि - 01 घण्टा 33 मिनट्स
मकर संक्रान्ति का क्षण - 21:03, दिसम्बर 20
मकर संक्रान्ति फलम्

मकर संक्रान्ति फलम्

  • विद्वान और शिक्षित लोगों के लिए यह संक्रान्ति अच्छी है।
  • वस्तुओं की लागत महँगी होगी।
  • तनाव और संघर्ष लाती है।
  • लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा, राष्ट्रों के बीच सम्बन्ध मधुर होंगे और अनाज भण्डारण में वृद्धि होगी।
मकर संक्रान्ति मुहूर्त

मकर संक्रान्ति मुहूर्त

संक्रान्ति करण: वणिज
संक्रान्ति दिन: Monday / सोमवार
संक्रान्ति अवलोकन दिनाँक: दिसम्बर 21, -0007
संक्रान्ति गोचर दिनाँक: दिसम्बर 20, -0007
संक्रान्ति का समय: 21:03, दिसम्बर 20
संक्रान्ति घटी: 37 (रात्रिमान)
संक्रान्ति चन्द्रराशि: कन्या Kanya
संक्रान्ति नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी (ध्रुव संज्ञक) Uttara Phalguni
वणिज करण संक्रान्ति के साथ वाहन महिष पर सवार
Sankranti Phalam

संक्रान्ति गुण
फलम् संकेत
नाम
ध्वाङ्क्षी
वार मुख
पश्चिम
दृष्टि
ईशान
गमन
उत्तर
वाहन
महिष
उपवाहन
उष्ट्र
वस्त्र
कृष्ण
आयुध
तलवार
भक्ष्य पदार्थ
दही
गन्ध द्रव्य
हरिड़ा
वर्ण
मृग
पुष्प
आक (मदार)
वय
प्रगल्भ
अवस्था
ज्वर
करण मुख
आग्नेय
स्थिति
बैठी
भोजन पात्र
खप्पर
आभूषण
मणि
कन्चुकी
नीली

टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

-0007 मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति के क्षण से प्रारम्भ कर, 40 घटी के तक का समय मकर संक्रान्ति से सम्बन्धित शुभ कार्य करने हेतु उत्तम माना जाता है। यदि 1 घटी की अवधि 24 मिनट मानी जाये, तो 40 घटी की अवधि, भारतीय भौगोलिक स्थिति के लिये, लगभग 16 घण्टे की समयावधि होती है। 40 घटी की यह समयावधि पुण्य काल के नाम से जानी जाती है। संक्रान्ति के अवसर पर की जाने वाली विभिन्न क्रियायें, जैसे पवित्र स्नान करना, भगवान सूर्य को नैवेद्य अर्पण करना, दान-दक्षिणा देना, श्राद्ध कर्म करना तथा व्रत का पारण करना, यह सभी गतिविधियाँ पुण्य काल के समय ही की जानी चाहिये।

यदि मकर संक्रान्ति सूर्यास्त के उपरान्त होती है, तो ऐसी स्थिति में पुण्य काल की सभी गतिविधियाँ अगले दिन सूर्योदय काल तक स्थगित कर दी जाती हैं। अतः पुण्य काल की सभी गतिविधियाँ दिन के समय ही सम्पन्न करनी चाहिये।

द्रिकपञ्चाङ्ग.कॉम, मकर संक्रान्ति क्षण एवं 40 घटी के मध्य आने वाले संक्रान्ति मुहूर्तों का सुझाव देता है। हम इन मुहूर्तों को पुण्य काल मुहूर्त के नाम से सूचीबद्ध करते हैं। हिन्दु धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, सूर्योदय के उपरान्त 5 घटी का समय (यदि संक्रान्ति पिछले दिन के सूर्यास्त के पश्चात होती है) तथा संक्रान्ति क्षण के 1 घटी के उपरान्त तक (यदि संक्रान्ति दिन के समय होती है) का समय अत्यन्त शुभ माना गया है। यदि यह मुहूर्त उपलब्ध है, तो हम इसे महापुण्य काल मुहूर्त के रूप में सूचीबद्ध करते हैं। महापुण्य काल मुहूर्त उपलब्ध होने पर उसे पुण्य काल मुहूर्त से अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिये।

तमिल नाडु राज्य में संक्रान्ति को पोंगल के नाम से जाना जाता है। गुजरात एवं राजस्थान में मकर संक्रान्ति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। हरियाणा एवं पंजाब में मकर संक्रान्ति को माघी के नाम से जाना जाता है।

संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त, सभी शहरों के लिये भिन्न-भिन्न होता है। अतः संक्रान्ति मुहूर्त देखने से पूर्व अपना क्षेत्र अथवा स्थान अवश्य चयनित करें।

द्रिकपञ्चाङ्ग.कॉम टीम की ओर से सभी को संक्रान्ति एवं पोंगल की हार्दिक शुभकामनायें

Kalash
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