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अगस्त 05, 2025 ताम्बूल भक्षण का मुहूर्त Fairfield, Connecticut, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak
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पुरुषमहिला
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ओल्सन समय क्षेत्र डी.एस.टी. नियम के लिये?
समय क्षेत्र अन्तराल?

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अगस्त 5, 2025, मंगलवार

ताम्बूल भक्षण मुहूर्त

Baby first fruit eating during Tambula Bhakshana

ताम्बूल भक्षण एक ऐसा अनुष्ठान है, जिसमें शिशु को सर्व प्रथम पान का पत्ता प्रदान किया जाता है। सामान्यतः शिशु की ढाई माह की आयु में यह संस्कार किया जाता है। अधिकांशतः ताम्बूल भक्षण, अन्नप्राशन के साथ ही किया जाता है। आधुनिक समय में, शिशु को पान खिलाना अनुचित लगता है। इसीलिये ताम्बूल भक्षण के समय शिशु को पान के स्थान पर नूतन फल प्रदान किये जा सकते हैं।

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Chart
उत्तरदक्षिणपूर्व
  • 01:21 ए एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    01:21 ए एम, अगस्त 06
    समाप्त:
    01:48 ए एम, अगस्त 06
    00 घण्टे 28 मिनट्स
    👍
    मूल
    Mula
    , वृषभ लग्न, चन्द्र होरा, शुक्ल दशमी होरा
    👎
    मंगलवार, शुक्ल द्वादशी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 01:48 ए एम
  • 04:16 ए एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    04:16 ए एम, अगस्त 06
    समाप्त:
    04:18 ए एम, अगस्त 06
    00 घण्टे 03 मिनट्स
    👍
    मिथुन लग्न, सूर्य होरा, हस्त होरा, शुक्ल एकादशी होरा
    👎
    पूर्वाषाढा
    Purva Ashadha
    , मंगलवार, शुक्ल द्वादशी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 04:18 ए एम

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

सभी समय अन्तरालों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -

  • Auspicious Muhurat
    शुभ - कार्य करने के लिये बहुत अच्छा।
  • अशुभ - कार्य करना अच्छा नहीं।
  • Mixed Muhurat
    मिश्रित - अच्छे अन्तराल उपलब्ध लेकिन कुछ दोष होने के कारण इसे अति आवश्यक होने पर ही सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिये।

ताम्बूल भक्षण के लिये शुभ मुहूर्त का चयन करते समय निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान रखना चाहिये।

नक्षत्र: सभी स्थिर नक्षत्र अर्थात रोहिणी (4), उत्तराफाल्गुनी (12), उत्तराषाढा (21), उत्तर भाद्रपद (26), चल नक्षत्र अर्थात स्वाती (15), पुनर्वसु (7), श्रवण (22), धनिष्ठा (23), तथा सभी सौम्य एवं मित्र नक्षत्र अर्थात मृगशिरा (5), रेवती (27), चित्रा (14), अनुराधा (17) तथा सभी लघु नक्षत्र अर्थात हस्त (13), अश्विनी (1), पुष्य (8) तथा अन्य अर्थात ज्येष्ठा (18), मूला (19) ताम्बूल भक्षण के लिये शुभ माने जाते हैं।

तिथि: ताम्बूल भक्षण हेतु सभी रिक्ता तिथि अर्थात, षष्ठी, अष्टमी, द्वादशी, शुक्ल प्रतिपदा, कृष्ण त्रयोदशी तथा अमावस्या को त्याज्य माना जाता है। उक्त तिथियों को त्याग कर शेष तिथियाँ, ताम्बूल भक्षण के लिये शुभ मानी जाती हैं।

दिन: मंगलवार एवं शनिवार के अतिरिक्त, सप्ताह के अन्य सभी दिन ताम्बूल भक्षण के लिये उत्तम माने जाते हैं।

लग्न: वृषभ (2), मिथुन (3), कन्या (6), मकर (10), कुम्भ (11) तथा मीन (12) लग्न को ताम्बूल भक्षण के लिये शुभ माना जाता हैं।

Kalash
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