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मई 16, 2024 भूमि उपवेशन | आजीविका परीक्षा का मुहूर्त Evinayong, Centro Sur, Equatorial Guinea के लिये

DeepakDeepak
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पुरुषमहिला
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मई 16, 2024, बृहस्पतिवार

भूमि उपवेशन मुहूर्त

Bhumi Upaveshana

शिशु को प्रथमतः भूमि पर बैठाने की प्रथा को भूमि उपवेशन के नाम से जाना जाता है। भूमि उपवेशन, हिन्दु धर्म में एक महत्वपूर्ण संस्कार है। जिस समय शिशु को पहली बार भूमि पर बैठाया जाता है, वह समय शिशु के शारीरिक विकास एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

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Chart
उत्तरदक्षिणपूर्व
  • 16:42
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    मई 16 को 16:42 बजे
    समाप्त:
    मई 16 को 17:31 बजे
    00 घण्टे 49 मिनट्स
    👍
    तुला लग्न, उत्तराफाल्गुनी होरा, शुक्ल द्वितीया होरा
    👎
    पूर्वाफाल्गुनी
    Purva Phalguni
    , शुक्ल नवमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 17:31
  • 21:29
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    मई 16 को 21:29 बजे
    समाप्त:
    मई 16 को 22:16 बजे
    00 घण्टे 47 मिनट्स
    👍
    धनु लग्न, अश्विनी होरा, शुक्ल पञ्चमी होरा
    👎
    पूर्वाफाल्गुनी
    Purva Phalguni
    , शुक्ल नवमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 22:16
  • 26:16+
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    मई 16 को 26:16+ बजे
    समाप्त:
    मई 16 को 27:00+ बजे
    00 घण्टे 44 मिनट्स
    👍
    मीन लग्न, पुष्य होरा, शुक्ल सप्तमी होरा, शुक्ल अष्टमी होरा
    👎
    पूर्वाफाल्गुनी
    Purva Phalguni
    , शुक्ल नवमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 27:00+
  • 27:47+
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    मई 16 को 27:47+ बजे
    समाप्त:
    मई 16 को 28:18+ बजे
    00 घण्टे 31 मिनट्स
    👍
    मेष लग्न, मीन लग्न, हस्त होरा, शुक्ल अष्टमी होरा
    👎
    पूर्वाफाल्गुनी
    Purva Phalguni
    , शुक्ल नवमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 28:18+
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    मई 16 को 28:18+ बजे
    समाप्त:
    मई 16 को 28:34+ बजे
    00 घण्टे 16 मिनट्स
    👍
    मेष लग्न, शुक्ल दशमी, हस्त होरा
    👎
    पूर्वाफाल्गुनी
    Purva Phalguni
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 28:34+

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Evinayong, Equatorial Guinea के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

सभी समय अन्तरालों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -

  • Auspicious Muhurat
    शुभ - कार्य करने के लिये बहुत अच्छा।
  • अशुभ - कार्य करना अच्छा नहीं।
  • Mixed Muhurat
    मिश्रित - अच्छे अन्तराल उपलब्ध लेकिन कुछ दोष होने के कारण इसे अति आवश्यक होने पर ही सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिये।

सामान्यतः, भूमि उपवेशन जन्म के 5वें माह में किया जाता है। भूमि उपवेशन हेतु शुभ मुहूर्त का चयन करते समय निम्नलिखित तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये।

नक्षत्र: सभी स्थिर नक्षत्र, अर्थात रोहिणी (4), उत्तराफाल्गुनी (12), उत्तराषाढा (21), उत्तर भाद्रपद (26), एवं सौम्य व मित्र नक्षत्र मृगशिरा (5), अनुराधा (17) तथा सभी लघु नक्षत्र, अर्थात अश्विनी (1), पुष्य (8), हस्त (13) तथा ज्येष्ठा (18) को भूमि उपवेशन हेतु शुभ माना जाता है।

तिथि: रिक्ता तिथि के अतिरिक्त सभी तिथियाँ भूमि उपवेशन के लिये उत्तम मानी जाती हैं। अन्य शब्दों में, शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष दोनों पक्षों की चतुर्थी (4), नवमी (9) एवं चतुर्दशी (14) के अतिरिक्त सभी तिथियों को त्याग देना चाहिये।

दिन: रविवार, मंगलवार तथा शनिवार के अतिरिक्त, अन्य सभी सप्ताह भूमि उपवेशन के लिये उत्तम माने जाते हैं।

लग्न: सभी स्थिर लग्न, अर्थात वृषभ (2), सिंह (5), वृश्चिक (8) तथा कुम्भ (11) भूमि उपवेशन के लिये शुभ माने जाते हैं।

कुण्डली: भूमि उपवेशन के समय मंगल पीड़ित नहीं होना चाहिये, अपितु बलवान होना चाहिये।

कटि सूत्र धारण, अर्थात कमर के चारों ओर सूती धागा पहनना। यह अनुष्ठान माता पृथ्वी एवं भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा करने के पश्चात् किया जाता है। तत्पश्चात् शिशु को भूमि पर बैठाया जाता है।

आजीविका परीक्षा नामक अनुष्ठान भी भूमि उपवेशन के समय किया जाता है। आजीविका परीक्षा के लिये, शिशु के समक्ष स्वर्ण, रजत, वस्त्र, छुरिका, पुस्तकें, उपकरण, कलम, खिलौने आदि अनेक वस्तुयें रखी जाती हैं। तत्पश्चात् शिशु जो भी वस्तु उठाता है, उसी के आधार पर भविष्य में उसकी आजीविका कमाने का साधन निर्धारित किया जाता है। कुछ लोग अन्नप्राशन संस्कार के साथ ही यह संस्कार भी करते हैं।

Kalash
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