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नवम्बर 24, 2024 जातकर्म | मेधा जनन का मुहूर्त Maumelle, Arkansas, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak
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पुरुषमहिला
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नवम्बर 24, 2024, रविवार

जातकर्म मुहूर्त

Cutting of Umbilical Cord of Newborn

जातकर्म, हिन्दु धर्म में पालन किये जाने वाले 16 संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है। यह शिशु के जन्मोपरान्त किया जाने वाला प्रथम संस्कार है। आदर्श रूप से यह संस्कार, नाभि-नाड़ी काटने से पूर्ण, अर्थात बच्चे को माँ से पृथक करने से पूर्व किया जाना चाहिये। यदि जातकर्म ऐसे महत्वपूर्ण समय पर किया जाता है, तो इसके लिये किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। यदि जातकर्म संस्कार, नाभि बन्धन काटने से पूर्व नहीं किया गया है, तो केवल इस परिस्थिति में ही जातकर्म मुहूर्त की आवश्यकता होती है। सामान्यतः जातकर्म संस्कार, नामकरण संस्कार के साथ ही किया जाता है।

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Chart
उत्तरदक्षिणपूर्व
  • 08:14 ए एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    08:14 ए एम, नवम्बर 24
    समाप्त:
    08:39 ए एम, नवम्बर 24
    00 घण्टे 25 मिनट्स
    👍
    वृश्चिक लग्न, बुध होरा, शुक्र होरा, अनुराधा होरा, कृष्ण सप्तमी होरा
    👎
    पूर्वाफाल्गुनी
    Purva Phalguni
    , रविवार, कृष्ण नवमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 08:39 ए एम
  • 01:37 पी एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    01:37 पी एम, नवम्बर 24
    समाप्त:
    01:39 पी एम, नवम्बर 24
    00 घण्टे 01 मिनट
    👍
    उत्तराफाल्गुनी
    Uttara Phalguni
    , कुम्भ लग्न, कृष्ण दशमी, शुक्र होरा
    👎
    रविवार
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 01:39 पी एम
  • 11:00 पी एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    11:00 पी एम, नवम्बर 24
    समाप्त:
    11:57 पी एम, नवम्बर 24
    00 घण्टे 57 मिनट्स
    👍
    उत्तराफाल्गुनी
    Uttara Phalguni
    , सिंह लग्न, कृष्ण दशमी, चन्द्र होरा
    👎
    रविवार
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 11:57 पी एम

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Maumelle, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

सभी समय अन्तरालों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -

  • Auspicious Muhurat
    शुभ - कार्य करने के लिये बहुत अच्छा।
  • अशुभ - कार्य करना अच्छा नहीं।
  • Mixed Muhurat
    मिश्रित - अच्छे अन्तराल उपलब्ध लेकिन कुछ दोष होने के कारण इसे अति आवश्यक होने पर ही सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिये।

जातकर्म संस्कार के समय प्रथम कार्य, मेधा जनन होता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है बुद्धि का निर्माण करना। मेधा जनन के समय, पिता अपनी अनामिका उँगली से नवजात शिशु को शहद एवं घी ग्रहण कराता है तथा जातकर्म मन्त्र का जाप करता है।

मेधा जनन के पश्चात, पिता विभिन्न दीर्घजीवी वस्तुओं के नामों का उच्चारण करता है, जिससे शिशु को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तदोपरान्त, पिता शिशु के लिये दीर्घ, वीर एवं पवित्र जीवन की प्रार्थना करता है। अन्ततः नाभि की नाल काट दी जाती है तथा बच्चे को माँ से पृथक कर दिया जाता है तथा उसे माँ का दूध पिलाया जाता है।

नक्षत्र: सभी स्थिर नक्षत्र, अर्थात रोहिणी (4), उत्तराफाल्गुनी (12), उत्तराषाढा (21), उत्तर भाद्रपद (26), तथा चल नक्षत्र अर्थात स्वाती (15), पुनर्वसु (7), श्रवण (22), शतभिषा (24), सभी सौम्य एवं मित्र नक्षत्र अर्थात मृगशिरा (5), रेवती (27), चित्रा (14), अनुराधा (17) तथा सभी लघु नक्षत्र अर्थात हस्त (13), अश्विनी (1), पुष्य (8) जातकर्म के लिये शुभ माने जाते हैं।

तिथि: द्वितीया (2), तृतीया (3), पञ्चमी (5), सप्तमी (7), दशमी (10), शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों की एकादशियाँ (11) जातकर्म के लिये शुभ मानी जाती हैं। इन तिथियों के अतिरिक्त, शुक्ल त्रयोदशी, पूर्णिमा एवं कृष्ण प्रतिपदा भी जातकर्म संस्कार के लिये शुभ मानी जाती हैं।

दिन: रविवार, मंगलवार तथा शनिवार के अतिरिक्त, अन्य सभी सप्ताह के दिन जातकर्म के लिये उत्तम माने जाते हैं।

लग्न: सभी शुभ लग्न अर्थात वृषभ (2), मिथुन (3), कर्क (4), कन्या (6), तुला (7), धनु (9) तथा मीन (12), जातकर्म के लिये उत्तम माने जाते हैं।

कुण्डली: 8वाँ घर रिक्त होना चाहिये।

Kalash
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