☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

कुआँ पूजन | जल पूजा का दिन और समय Al Qadarif, Al Qadarif, Sudan के लिये

DeepakDeepak
जन्म विवरण
CompressX
Boyनाम?
लिङ्ग
पुरुषमहिला
?

Dateजन्म दिनाँक?
Timeस्थानीय जन्म समय?

Locationजन्म स्थान?
जन्म का राज्य?
जन्म का देश?
उन्नत विकल्प / स्थान तय करें।Expand Icon

उन्नतांश?
अक्षांश?
रेखांश?

ओल्सन समय क्षेत्र डी.एस.टी. नियम के लिये?
समय क्षेत्र अन्तराल?

अयनांश?

अप्रैल 22, 2025, मंगलवार

कुआँ पूजन मुहूर्त

Kuan Pujan

कुआँ पूजा को मुहूर्त सम्बन्धित ग्रन्थों एवं साहित्यों में जल पूजा के रूप में वर्णित किया गया है। जल पृथ्वी पर जीवन प्रदान करता है। जल सृष्टि के आरम्भ में ही अस्तित्व में आया तथा सृष्टि की दिव्य शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।

Profile Picture
+नया जोड़े
Openखोलें
Editसम्पादित करें
Xबन्द करें
Chart
उत्तरदक्षिणपूर्व
कुआँ पूजन - आज के दिन कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

    टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Al Qadarif, Sudan के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
    आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

    सभी समय अन्तरालों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -

    • Auspicious Muhurat
      शुभ - कार्य करने के लिये बहुत अच्छा।
    • अशुभ - कार्य करना अच्छा नहीं।
    • Mixed Muhurat
      मिश्रित - अच्छे अन्तराल उपलब्ध लेकिन कुछ दोष होने के कारण इसे अति आवश्यक होने पर ही सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिये।

    जल पूजा, नवजात शिशु तथा माँ दोनों के स्वास्थ्य के लिये एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। परम्परागत रूप से कुआँ नगरों के साथ ही ग्रामों में भी पेयजल का प्राथमिक स्रोत था। इसीलिये, जल पूजा को लोकप्रिय रूप से कुआँ पूजा के रूप में जाना जाता है। वास्तविकता में, कुआँ पूजा में किये जाने वाले अनुष्ठान सम्पन्न करने के लिये नदी, पानी की टन्कियों, नल तथा एक विशाल घड़े का प्रयोग भी किया जा सकता है।

    निम्नलिखित मुहूर्त एवं स्थितियाँ उपलब्ध होने पर कुआँ पूजन करना चाहिये -

    चन्द्र मास: चैत्र तथा पौष चन्द्र माह के अतिरिक्त सभी चन्द्र माह, कुआँ पूजा अनुष्ठानों के लिये उत्तम माने जाते हैं।

    नक्षत्र: कुआँ पूजा संस्कार के लिये मृगशिरा (5), पुनर्वसु (7), पुष्य (8), हस्त (13), अनुराधा (17), मूल (19) तथा श्रवण (22) नक्षत्र उत्तम माने जाते हैं।

    तिथि: रिक्ता तिथि, अर्थात शुक्ल एवं कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (4), नवमी (9) तथा चतुर्दशी (14) के अतिरिक्त सभी तिथियाँ, कुआँ पूजा के लिये उत्तम मानी जाती हैं।

    दिन: सोमवार, बुधवार तथा गुरुवार का दिन कुआँ पूजा के लिये उत्तम माना जाता है।

    निषिद्ध: बृहस्पति तथा शुक्र के अस्त काल की समयावधि में कुआँ पूजा नहीं करनी चाहिये। कुआँ पूजा अथवा जल पूजा के लिये अधिक चन्द्र माह और क्षय चन्द्र माह को भी वर्जित माना जाता है।

    Kalash
    कॉपीराइट नोटिस
    PanditJi Logo
    सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
    Ⓒ www.drikpanchang.com
    प्राइवेसी पॉलिसी
    द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
    Android Play StoreIOS App Store
    Drikpanchang Donation