निष्क्रमण, वैदिक ग्रन्थों में वर्णित 16 महत्वपूर्ण संस्कारों में से छठवाँ विशेष संस्कार है। शिशु का घर से प्रथम बार बाहर निकलना, निष्क्रमण कहलाता है। पञ्चाङ्ग का अवलोकन करने के पश्चात् शुभ मुहूर्त में निष्क्रमण किया जाता है। यह संस्कार जन्म के 12वें दिन से लेकर चौथे माह तक विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। सामान्यतः प्रचलन के अनुसार नामकरण संस्कार के समय ही निष्क्रमण संस्कार भी किया जाता है। यदि नामकरण संस्कार के समय यह संस्कार नहीं किया जाता है, तो इसे जन्म के तृतीय अथवा चतुर्थ माह में किया जा सकता है।
टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
सभी समय अन्तरालों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -
शिशु को पहली बार घर से बाहर ले जाते समय निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान रखना चाहिये -
नक्षत्र: चर नक्षत्र पुनर्वसु (7), श्रवण (22), धनिष्ठा (23), एवं सौम्य एवं अनुकूल नक्षत्र मृगशिरा (5), रेवती (27), अनुराधा (17) तथा सभी लघु नक्षत्र अर्थात हस्त (13), अश्विनी (1), पुष्य (8) निष्क्रमण के लिये शुभ माने जाते हैं।
तिथि: द्वितीया (2), तृतीया (3), पञ्चमी (5), सप्तमी (7), दशमी (10), शुक्ल तथा कृष्ण दोनों पक्षों की एकादशियाँ (11) निष्क्रमण के लिये शुभ मानी जाती हैं। इन तिथियों के अतिरिक्त, शुक्ल त्रयोदशी, पूर्णिमा तथा कृष्ण प्रतिपदा को भी निष्क्रमण संस्कार के लिये शुभ माना जाता है।
दिन: मंगलवार तथा शनिवार के अतिरिक्त, अन्य सभी सप्ताह निष्क्रमण के लिये उत्तम माने जाते हैं।
लग्न: कुम्भ (11) तथा मीन (12) लग्न के अतिरिक्त अन्य सभी लग्नों को निष्क्रमण के लिये उत्तम माना जाता है।
निष्क्रमण, शिशु की प्रथम यात्रा है, इसीलिये यात्रा मुहूर्त से सम्बन्धित सभी तथ्यों पर भी विचार करना चाहिये। निष्क्रमण के समय, शिशु को सूर्य, चन्द्र अथवा अग्नि आदि देदीप्यमान वस्तुओं तथा देवालय का दर्शन करना चाहिये।
आधुनिक समय में, प्रसव चिकित्सालय में किया जाता है। सामान्य प्रसव में, माँ तथा शिशु तृतीय अथवा चतुर्थ दिवस के पश्चात घर वापस आते हैं तथा शल्यक्रिया द्वारा प्रसव होने की स्थिति में, माँ एवं शिशु प्रसव के 10वें अथवा 11वें दिवस के पश्चात् घर लौटकर आते हैं। इसीलिये, चिकित्सालय से घर लौटते समय इस मुहूर्त पर विचार करना कुछ सीमा तक उचित माना जा सकता है। तदोपरान्त, शिशु के घर से पहली बार बाहर निकलने के समय एक विस्तृत निष्क्रमण संस्कार कर लेना चाहिये।