चौघड़िया मुहूर्त
परिभाषा
चौघड़िया मुहूर्त, उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है तथा ज्योतिष के विद्वान से परामर्श किये बिना एक उत्तम मुहूर्त ज्ञात करने हेतु, आसानी से मिल जाने वाले मुहूर्त के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। दक्षिण भारत में प्रचलित गौरी पञ्चाङ्गम की अवधारणा भी चौघड़िया मुहूर्त से अत्यधिक मिलती-जुलती है।
टिप्पणी
- चौघड़िया मुहूर्त की गणना करने के लिये दिवस एवं रात्रि को आठ समान भागों में विभाजित किया जाता है तथा प्रत्येक समय विभाजन को चौघड़िया के रूप में जाना जाता है। क्योंकि प्रत्येक विभाजन लगभग चार घटी के समान होता है, इसीलिये समय के इस विभाजन को चौघड़िया अथवा चतुर्ष्टिका मुहूर्त के रूप में जाना जाता है।
- कोई भी चौघड़िया विभाजन सप्ताह के दिन तथा दिन के समय के आधार पर शुभ अथवा अशुभ हो सकता है। दिन का प्रथम चौघड़िया, उस दिन के शासक देवता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इस प्रकार रविवार को प्रथम चौघड़िया मुहूर्त सूर्य द्वारा शासित होगा, तदोपरान्त शुक्र, बुध, चन्द्रमा, शनि, बृहस्पति, मंगल एवं सूर्य होंगे। चौघड़िया विभाजन के समय प्रचलित देवता इसे अशुभ अथवा शुभ बनाते हैं।
- चौघड़िया मुहूर्त का चयन करते समय वार वेला, काल वेला तथा काल रात्रि के प्रतिकूल समय को त्याग देना चाहिये, क्योंकि यह शुभ मुहूर्त समय के साथ परस्पर-व्याप्त हो सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, वार वेला, काल वेला एवं काल रात्रि के समय किये गये सभी प्रकार के शुभ कार्य निष्फल होते हैं।
चौघड़िया स्वामी तथा अनुकूल गतिविधियाँ
शासक ग्रह
मुहूर्त का नाम
प्रभाव
सुझाये गये कार्य
सूर्य
उद्वेग (चिन्ता)
अशुभ
सरकारी कार्य
चन्द्रमा
अमृत
शुभ
सभी प्रकार के कार्य
मंगल
रोग
अशुभ
आक्रमण, युद्ध, क्लेश, वाद-विवाद
बुध
लाभ
शुभ
नवीन व्यापार, शिक्षा आदि आरम्भ करना
बृहस्पति
शुभ
उत्तम
विवाह, धार्मिक गतिविधियाँ
शुक्र
चर (गतिशील)
उत्तम
यात्रा
शनि
काल (मृत्यु)
अशुभ
धनोपार्जन की गतिविधियाँ
दिवस चौघड़िया तालिका
क्रमांक
रवि
सोम
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
1
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
2
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
3
लाभ
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
4
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
उद्वेग
5
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
6
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
7
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
8
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
रात्रि चौघड़िया तालिका
क्रमांक
रवि
सोम
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
1
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
2
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
उद्वेग
3
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
4
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
5
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
6
लाभ
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
7
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
शुभ
चर
काल
8
शुभ
चर
काल
उद्वेग
अमृत
रोग
लाभ
अन्य संसाधन
चौघड़िया तालिका आपके नगर के लिये प्रत्येक दिन हेतु स्थानीय सूर्योदय एवं सूर्यास्त के साथ-साथ वार वेला, काल वेला एवं काल रात्रि पर विचार करने के पश्चात सटीक समय प्रदान करती है।
समानार्थी शब्द
चौगड़िया, चौघड़िया, चतुर्ष्टिका