भरणी नक्षत्र - वैदिक ज्योतिष में, भरणी दूसरा नक्षत्र (चन्द्रमहल) है, जिसका विस्तार क्षेत्र मेष राशि में 13° अंश 20' कला से 26° अंश 40' कला तक है।
प्रतीक चिह्न - योनि, अर्थात स्त्री प्रजनन अङ्ग, इस नक्षत्र का प्रतीक है।
खगोलीय नाम - भरणी नक्षत्र को 35, 39 और 41 एरियेटिस (Arietis) के रूप में दर्शाया गया है।
नक्षत्र के देवता - मृत्यु के देवता यम, इस नक्षत्र के अधिष्ठाता हैं।
शासक ग्रह - भरणी नक्षत्र पर शुक्र ग्रह शासन करता है।
अन्य - भरणी एक उज्ज्वल एवं सक्रिय नक्षत्र है तथा हानिकारक और भ्रामक प्रकृति के रूप में कार्य करता है। भरणी की ऊर्जा को उग्र अथवा क्रूर माना जाता है।
नक्षत्र अस्त उदय - भरणी प्रति वर्ष लगभग 13 दिनों की अवधि के लिये अस्त हो जाता है। भरणी नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - भरणी अस्त उदय।
नक्षत्र गोचर - भरणी को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु अशुभ माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, चन्द्रमा किस समय भरणी नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - भरणी नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि।