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हिन्दु ज्योतिष में ज्येष्ठा नक्षत्र

DeepakDeepak

ज्येष्ठा नक्षत्र

ज्येष्ठा नक्षत्र का विवरण

Jyeshtha Nakshatra

ज्येष्ठा नक्षत्र - ज्येष्ठा, वैदिक ज्योतिष में अठारहवाँ नक्षत्र है, जो 16°40' से 30° वृश्चिक तक विस्तृत है।

प्रतीक चिह्न - इस नक्षत्र का प्रतीक चिह्न एक गोलाकार मणि, छाता तथा कान की बाली है।

खगोलीय नाम - यह नक्षत्र α, σ तथा τ स्कॉर्पिओनिस (Scorpionis) से सम्बन्धित है।

नक्षत्र के देवता - देवताओं के प्रमुख, इन्द्र ही ज्येष्ठा नक्षत्र के अधिष्ठाता हैं।

शासक ग्रह - ज्येष्ठा नक्षत्र पर बुध (बुध ग्रह) का शासन होता है।

अन्य - ज्येष्ठा का अनुवाद "सर्वाधिक वरिष्ठ" अथवा "वरिष्ठतम" के रूप में भी किया जाता है। यह सबसे बड़ी बहन अलक्ष्मी से सम्बन्धित है, जो रोहिणी के विपरीत नक्षत्र में स्थित है। रोहिणी उसकी सुन्दर बहन है, जो वृषभ राशि में स्थित है। ज्येष्ठा की प्रकृति राक्षस है तथा प्राथमिक प्रेरणा अर्थ है। इस नक्षत्र की शक्ति "उठने, विजय प्राप्त करने तथा युद्ध में साहस प्राप्त करने की शक्ति" है।

नक्षत्र अस्त उदय - ज्येष्ठा प्रति वर्ष लगभग 32 दिनों की अवधि के लिये अस्त हो जाता है। ज्येष्ठा नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - ज्येष्ठा अस्त उदय

नक्षत्र गोचर - ज्येष्ठा को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु सामान्य माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, ज्येष्ठा किस समय अश्विनी नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - ज्येष्ठा नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि

Kalash
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