रोहिणी नक्षत्र - रोहिणी वैदिक ज्योतिष में चतुर्थ नक्षत्र है, जिसका विस्तार 10° से 23°20' वृषभ तक है।
प्रतीक चिह्न - गाड़ी अथवा रथ को इस नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है।
खगोलीय नाम - इस नक्षत्र का खगोलीय नाम अल्देबरन (Aldebaran) है।
नक्षत्र के देवता - ब्रह्माण्ड के निर्माता, भगवान ब्रह्मा अथवा प्रजापति ही रोहिणी नक्षत्र के अधिष्ठात्र देवता हैं।
शासक ग्रह - रोहिणी नक्षत्र पर चन्द्र (चन्द्र ग्रह) का शासन होता है।
अन्य - रोहिणी, चन्द्र की पत्नी हैं, जिनके विषय में कहा जाता है कि, उन्हें उत्तम वस्त्र, सौन्दर्य प्रसाधन एवं साज-सज्जा प्रिय है तथा वे चन्द्र की सर्वाधिक प्रिय पत्नी हैं। रोहिणी शब्द "रोहण" से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'उठना' अथवा 'अस्तित्व में लाना'। रोहिणी का दूसरा नाम सुरवि है, जो कि एक दैवीय गाय है।
नक्षत्र अस्त उदय - रोहिणी प्रति वर्ष लगभग 31 दिनों की अवधि के लिये अस्त हो जाता है। रोहिणी नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - रोहिणी अस्त उदय।
नक्षत्र गोचर - रोहिणी को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु उत्तम माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, चन्द्रमा किस समय रोहिणी नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - रोहिणी नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि।