शतभिषा नक्षत्र - शतभिषा वैदिक ज्योतिष में चौबीसवाँ नक्षत्र है, जिसका विस्तार कुम्भ राशि में 6°40' से 20° तक है।
प्रतीक चिह्न - रिक्त वृत्त अथवा 1,000 पुष्प अथवा तारे इस नक्षत्र के प्रतीक चिह्न हैं।
खगोलीय नाम - इस नक्षत्र का खगोलीय नाम गामा एक्वेरी (Gamma Aquarii) है।
नक्षत्र के देवता - स्वर्ग में जल स्रोतों के देवता, वरुण को ही शतभिषा नक्षत्र के देवता के रूप में वर्णित किया गया है।
शासक ग्रह - शतभिषा नक्षत्र पर राहु (उत्तरी चन्द्रपात) शासन करता है।
अन्य - शतभिषा का अनुवाद, 'सौ उपचारक' अथवा 'सौ पुष्पों' के रूप में भी किया जाता है। इस नक्षत्र से प्रभावित जातक वाणी में कठोर होते हैं, किन्तु निष्कपट एवं सत्यभाषी होते हैं तथा अपने स्वतन्त्र मार्ग पर चलते हैं। शतभिषा का प्रतीक एक रिक्त वृत्त है, जो इस चन्द्रमहल के माध्यम से अनुभव की जाने वाली स्वतन्त्र प्रकृति एवं स्वायत्तता को दर्शाता है। यह चन्द्रमहल शीघ्र विवाह हेतु एक चुनौतीपूर्ण जन्म नक्षत्र भी हो सकता है। यह राक्षस स्वभाव का है एवं इसकी प्राथमिक प्रेरणा धर्म एवं धर्माचरण है। इस नक्षत्र का शासक ग्रह राहु, यात्रा एवं रोमाञ्च के प्रति प्रेम को दर्शाता है।
नक्षत्र अस्त उदय - शतभिषा प्रति वर्ष लगभग 16 दिनों की अवधि के लिये अस्त हो जाता है। शतभिषा नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - शतभिषा अस्त उदय।
नक्षत्र गोचर - शतभिषा को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु सामान्य माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, चन्द्रमा किस समय शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - शतभिषा नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि।