स्वाती नक्षत्र - स्वाती, वैदिक ज्योतिष में पन्द्रहवाँ नक्षत्र है, जिसका विस्तार 6°40' से 20° तुला तक है।
प्रतीक चिह्न - इस नक्षत्र का प्रतीक पौधे की टहनी एवं मूँगा है।
खगोलीय नाम - इस नक्षत्र का ज्योतिषीय नाम आर्कटुरस (Arcturus) है।
नक्षत्र के देवता - वायु देव स्वाती नक्षत्र के अधिष्ठात्र देवता हैं।
शासक ग्रह - स्वाती नक्षत्र पर राहु (उत्तरी चन्द्रपात) का शासन है।
अन्य - स्वाती शब्द का अर्थ है "खड्ग" और यह स्वतन्त्रता की तीव्र इच्छा को दर्शाता है। स्वाती नक्षत्र के लोगों में परिवर्तन की शक्तियों से बचने हेतु "वायु के साथ झुकने" की क्षमता होती है, जिसका वे सामना कर सकते हैं। वायु, देवता शुद्ध एवं स्वच्छ करने वाले हैं, जो ब्रह्माण्ड में व्याप्त हैं तथा जीवन को बनाये रखते हैं।
नक्षत्र अस्त उदय - स्वाती नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - स्वाती अस्त उदय।
नक्षत्र गोचर - स्वाती को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु उत्तम माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, चन्द्रमा किस समय स्वाती नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - स्वाती नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि।