जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर उदित होती राशि को लग्न या जन्म लग्न कहते हैं।
वैदिक ज्योतिष में कालसर्प योग को एक अत्यन्त अशुभ योग के रूप में वर्णित किया गया है। कालसर्प दोष को अनन्त, कुलिक, वासुकि, शङ्खपाल, आदि बारह श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। प्रस्तुत कैलकुलेटर के द्वारा कुण्डली में कालसर्प दोष की स्थिति ज्ञात करें।
नामकरण संस्कार हिन्दु धर्म में वर्णित सोलह संस्कारों में से एक है। द्रिक पञ्चाङ्ग हिन्दु नाम कैलकुलेटर के द्वारा स्वर सिद्धान्त पर आधारित नामकरण किया जा सकता है। स्वर-सिद्धान्त पर आधारित नामकरण, शिशु के विकास में सकारात्मक परिणाम दे सकता हैं।
प्रस्तुत जन्म नक्षत्र कैलकुलेटर के माध्यम से जातक के जन्म के समय प्रचलित नक्षत्र ज्ञात किया जा सकता है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित हो, उसे जन्म नक्षत्र कहते हैं। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण अथवा पद होते हैं, जिनके भिन्न-भिन्न फलादेश होते हैं।
चन्द्र राशि कैलकुलेटर की सहायता से जातक की चन्द्र राशि ज्ञात की जा सकती है। जन्म के समय चन्द्रमाँ जिस राशि में स्थित हो, उसे चन्द्र राशि अथवा जन्म राशि कहते हैं। चन्द्र राशि के द्वारा जातक के विषय में विभिन्न तथ्य ज्ञात किये जा सकते हैं।
जातक की सूर्य राशि ज्ञात करने हेतु सूर्य राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें। जन्म के समय सूर्य जिस राशि में स्थित हो, उसे सूर्य राशि कहते हैं। पाश्चात्य ज्योतिष में चन्द्र राशि की तुलना में सूर्य राशि को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
अष्टकूट पद्धति पर आधारित कुण्डली मिलान करने हेतु कुण्डली मिलान कैलकुलेटर का प्रयोग करें। कुण्डली मिलान को जन्मपत्रिका मिलान के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संस्कृति में विवाह से पूर्व कुण्डली मिलान को अति आवश्यक माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म पत्रिका प्राप्त करें। जन्म पत्रिका को कुण्डली एवं जन्म कुण्डली के नाम से भी जाना जाता है। कुण्डली के माध्यम से जीवन में घटित होने वाले विभिन्न शुभाशुभ योगों के विषय में ज्ञात किया जा सकता है।
इस कैलकुलेटर की सहायता से कुण्डली में मङ्गल दोष की स्थिति ज्ञात कर सकते हैं। कुण्डली के प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मङ्गल ग्रह स्थित होने पर मङ्गल दोष निर्मित होता है। मङ्गल दोष को कुज दोष एवं भौम दोष भी कहते हैं।
27 नक्षत्रों एवं 108 पद स्वरों पर आधारित हिन्दु नामाक्षर सूचिबद्ध किये गये हैं। शिशु के नामकरण हेतु नक्षत्र के अनुसार स्वरों की सूचि, नाम एवं उनके अर्थ भी प्रदान किये गये हैं। इस सूचि की सहायता से शिशु के लिये उपयुक्त नाम निर्धारित किया जा सकता है।