टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Mahbubabad, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
गुरु पुष्य योग को गुरु पुष्य नक्षत्र योग, गुरु पुष्य अमृत योग अथवा गुरुपुष्यामृत योग के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु पुष्य योग एक शुभ योग मुहूर्त है। गुरु पुष्य नक्षत्र में, शिक्षा ग्रहण करने, नवीन कार्य आरम्भ करने तथा महत्वपूर्ण अनुबन्धों पर हस्ताक्षर करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। पुष्य नक्षत्र सर्वाधिक शुभ नक्षत्रों में से एक है तथा इस नक्षत्र में ही देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था। गुरु अर्थात् बृहस्पति, सर्वाधिक लाभकारी ग्रह है। गुरुवार का दिन बृहस्पति द्वारा नियन्त्रित व शासित होता है। पुष्य नक्षत्र का गुरुवार के साथ संयोग होने पर गुरु पुष्य योग का निर्माण होता है।