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मलयालम त्यौहार | लोकप्रिय मलयालम त्यौहारों की सूची

DeepakDeepak

मलयालम त्यौहार

मलयालम त्यौहार

भारत के केरल राज्य में मनाये जाने वाले सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय मलयालम त्यौहार निम्नलिखित है।

मलयालम त्यौहारों की सूची

मलयालम त्यौहारों की सूची

महत्वपूर्ण मलयालम त्योहारों का संग्रह संक्षिप्त विवरण के साथ, जो मलयालम सौर कैलेण्डर पर आधारित हैं।

  1. थिरुवोणम - ओणम एक प्रसिद्ध हिन्दु त्यौहार है, जो मुख्यतः केरल में मनाया जाता है। ओणम मलयाली त्यौहार है, जिसे मलयालम भाषी लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं। जिस दिन चिंगम माह में थिरुवोणम नक्षत्र प्रबल होता है, उस दिन ओणम उत्सव मनाया जाता है। यह पर्व श्री वामन भगवान एवं राजा बलि को समर्पित है।
  2. विषु कानी - केरल में मलयाली हिन्दुओं द्वारा मेष संक्रान्ति को विषु कानी के रूप में मनाया जाता है।
  3. अष्टमी रोहिणी - श्री कृष्ण जयन्ती को दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में अष्टमी रोहिणी के नाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। अष्टमी रोहिणी को श्री जयन्ती एवं गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, जो सौर कैलेण्डर के आधार पर मनायी जाती है।
  4. मलयालम नव वर्ष - चिंगम माह का पहला दिन मलयालम नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। हालाँकि, केरल में अधिकांश लोग विषु कानी को वर्ष के पहले दिन के रूप में मनाते हैं।
  5. मण्डला पूजा - मण्डला पूजा दिवस के लिये मलयालम पञ्चाङ्गम एवं गौरी पञ्चाङ्गम दिया गया है। मण्डला पूजा भगवान अय्यप्पा के भक्तों द्वारा की जाने वाली 41 दिवसीय कठिन तपस्या का अन्तिम दिवस है। भगवान अय्यप्पा के भक्तों के लिये मण्डला पूजा सर्वाधिक लोकप्रिय उत्सवों में से एक है तथा इसे अत्यधिक शुभ दिन माना जाता है।
  6. विनायक चतुर्थी - हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। अमावस्या के उपरान्त आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। केरल में, विनायक चतुर्थी चिंगम मासम में शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दौरान मनायी जाती है तथा यह श्रावण माह में आती है।
  7. विद्यारम्भम् दिन - विद्यारम्भम् दिन
  8. अट्टुकल पोंगल - अट्टुकल पोंगल
  9. त्रिशूर पूरम - त्रिशूर पूरम
  10. मकरविलक्कु - मकरविलक्कु
  11. मण्डलाकाल प्रारम्भ - मण्डलाकाल प्रारम्भ हेतु गौरी पञ्चाङ्गम दिया गया है। सबरीमाला अय्यप्पा मन्दिर के लिये मण्डला पूजा की 40 दिवसीय तपस्या अवधि वृश्चिकम मासम के प्रथम दिवस से आरम्भ होती है। यह स्वामी अय्यप्पन के भक्तों के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक है, जिसे सबरीमाला तीर्थयात्रा के रूप में भी जाना जाता है।
  12. गुरुवायुर एकादशी - गुरुवायुर एकादशी
Kalash
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