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नवग्रह स्तोत्रम - संस्कृत गीतिकाव्य और वीडियो गीत

DeepakDeepak

नवग्रह स्तोत्रम

नवग्रह स्तोत्रम् नवग्रह को समर्पित एक अत्यन्त लोकप्रिय स्तोत्र है। वैदिक ज्योतिष में वर्णित नौ ग्रह देवताओं को प्रसन्न करने हेतु इस नवग्रह स्तोत्र का पाठ किया जाता है।

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॥ नवग्रह स्तोत्रम् ॥

॥ भगवान सूर्य ॥

जपाकुसुमसंकाशंकाश्यपेयं महाद्युतिम्।

तमोऽरिं सर्वपापघ्नंप्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥1॥

॥ भगवान चन्द्र ॥

दधिशङ्खतुषाराभंक्षीरोदार्णवसंभवम्।

नमामि शशिनं सोमंशम्भोर्मुकुटभूषणम्॥2॥

॥ भगवान मङ्गल ॥

धरणीगर्भसंभूतंविद्युत्कान्तिसमप्रभम्।

कुमारं शक्तिहस्तंतं मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥3॥

॥ भगवान बुध ॥

प्रियङ्गुकलिकाश्यामंरूपेणाप्रतिमं बुधम्।

सौम्यं सौम्यगुणोपेतंतं बुधं प्रणमाम्यहम्॥4॥

॥ भगवान गुरु ॥

देवानां च ऋषीणां चगुरुं काञ्चनसंनिभम्।

बुद्धिभूतं त्रिलोकेशंतं नमामि बृहस्पतिम्॥5॥

॥ भगवान शुक्र ॥

हिमकुन्दमृणालाभंदैत्यानां परमं गुरुम्।

सर्वशास्त्रप्रवक्तारंभार्गवं प्रणमाम्यहम्॥6॥

॥ भगवान शनि ॥

नीलांजनसमाभासंरविपुत्रं यमाग्रजम्।

छायामार्तण्डसंभूतंतं नमामि शनैश्चरम्॥7॥

॥ नवग्रह राहु ॥

अर्धकायं महावीर्यंचन्द्रादित्यविमर्दनम्।

सिंहिकागर्भसंभूतंतं राहुं प्रणमाम्यहम्॥8॥

॥ नवग्रह केतु ॥

पलाशपुष्पसंकाशंतारकाग्रहमस्तकम्।

रौद्रं रौद्रात्मकं घोरंतं केतुं प्रणमाम्यहम्॥9॥

॥ इति श्रीवेदव्यासविरचितम नवग्रहस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
Kalash
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