सूर्योदय06:32
सूर्यास्त20:27
चन्द्रोदय09:21
चन्द्रास्त01:34, मई 02
शक सम्वत1947 विश्वावसु
चन्द्र महीनावैशाख
वारगुरुवार
पक्षशुक्ल पक्ष
तिथिपञ्चमी - 23:44 तक
नक्षत्रआर्द्रा - 03:34, मई 02 तक
योगसुकर्मा - 20:09 तक
करणबव - 12:43 तक
द्वितीय करणबालव - 23:44 तक
राहुकाल15:14 से 16:58
गुलिक काल10:01 से 11:45
यमगण्ड06:32 से 08:16
अभिजित मुहूर्त13:02 से 13:57
दुर्मुहूर्त11:10 से 12:06
दुर्मुहूर्त16:44 से 17:40
अमृत काल18:06 से 19:37
वर्ज्य12:48 से 14:19
टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ आरम्भ होता है तथा अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिये भिन्न-भिन्न है, इसीलिये हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिये बना है वो किसी अन्य शहर के लिये मान्य नहीं है। इसीलिये स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग.कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक हिन्दु दिन में पाँच तत्व या अङ्ग होते हैं। इन पाँच अङ्गों का नाम निम्नलिखित है -
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पाँच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पञ्च (पाँच) + अङ्ग (भाग)। इसीलिये हिन्दु कैलेण्डर जो सभी पाँच अङ्गों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं।
यदि हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्यौहार तथा राष्ट्रीय अवकाश भी सम्मिलित कर दिये जायें तो उसे भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है।