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सितम्बर 29, 2392 अभिजित मुहूर्त काल Middleburg Heights, Ohio, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

सितम्बर 29, 2392

 आज का अभिजित मुहूर्त
Shubh Deepak
आगामी
12:56 पी एम से 01:56 पी एम
शेष समय - 02:07:56
Middleburg Heights, संयुक्त राज्य अमेरिका
02
जून 2024
रविवार

अभिजित मुहूर्त

Deepak
12:54 पी एम से 01:41 पी एम
मंगलवार, सितम्बर 29, 2392
अवधि
00 घण्टे 47 मिनट्स

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Middleburg Heights, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

अभिजित मुहूर्त काल के विषय में

अभिजित मुहूर्त मध्याह्न के समय एक शुभ मुहूर्त होता है जिसकी समयावधि लगभग 48 मिनट्स होती है। अभिजित मुहूर्त में असंख्य दोषों को नष्ट करने की क्षमता होती है। अभिजित मुहूर्त को सभी प्रकार के मांगलिक कार्य प्रारम्भ करने के लिये एक अत्यन्त शुभ मुहूर्त माना जाता है। मुहूर्त गणना की जटिलता में पड़े बिना अभिजित मुहूर्त को दैनिक गतिविधियों के लिये एक अच्छे मुहूर्त के रूप में चुना जा सकता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य आने वाले 15 मुहूर्तों में से अभिजित मुहूर्त का क्रम आँठवा है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक की समयावधि को 15 समान भागों में विभाजित किया गया है जिसका मध्य भाग अभिजित मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

यदि किसी विशेष स्थान पर सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों ही 6 बजे होते हैं, तो अभिजित मुहूर्त मध्याह्न के ठीक 24 मिनट पहले प्रारम्भ होता है तथा मध्याह्न के 24 मिनट बाद समाप्त होता है। अन्य शब्दों में कहें तो उस विशेष स्थान के लिये अभिजित मुहूर्त की अवधि 11:40 से 12:20 तक रहेगी। मौसम के बदलाव के कारण सूर्योदय और सूर्यास्त का समय बदलता रहता है जिस वजह से अभिजित मुहूर्त का समय भी निश्चित नहीं रहता है।

ऐसा माना जाता है की भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध अभिजित मुहूर्त में ही किया था। इसके अतिरिक्त, अभिजित मुहूर्त को भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त है जिसके फलस्वरूप भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से अभिजित मुहूर्त के दौरान पड़ने वाले असंख्य दोषों का नाश कर देते हैं।

अभिजित मुहूर्त को अभिजिन्मुहूर्त, चतुर्थ लग्न, कुतुब मुहूर्त और स्वामी तिथियांश मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है। मुहूर्त को मुहूर्तम भी कहा जाता है। अभिजित मुहूर्त का विपरीत मुहूर्त निशिता काल है जो मध्यरात्रि के समय प्रबल रहता है।

यह ध्यान देने योग्य बात है कि अभिजित मुहूर्त बुधवार के दिन उपयुक्त नहीं माना गया है, क्योंकि बुधवार के दिन अभिजित मुहूर्त हानिकारक मुहूर्त का निर्माण करता है। अभिजित मुहूर्त विवाह एवं उपनयन संस्कार आदि शुभ कार्यों के लिये भी उपयुक्त नहीं माना गया है।

Kalash
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