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राहु काल Zuenoula, Sassandra-Marahoue, Ivory Coast के लिए

DeepakDeepak

अगस्त 31, 1690

 आज का राहु काल
Rahu Kalam
समाप्त
09:14 ए एम से 10:47 ए एम
00:00:00
Zuenoula, Ivory Coast
25
मई 2024
शनिवार

राहु काल

Rahu Kalam
13:40 से 15:12
बृहस्पतिवार, अगस्त 31, 1690
अवधि
01 घण्टा 32 मिनट्स
सप्ताह के दिनों के लिए राहु काल की स्थिति
सप्ताह के दिनों के लिए राहु काल की स्थिति

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Zuenoula, Ivory Coast के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

राहु काल क्या है?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, राहु एक अशुभ ग्रह माना गया है। ग्रहों के संक्रमण के समय, राहु के प्रभाव में आने वाली समयावधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करने से बचना चाहिये। राहु काल के समय शुभ ग्रहों के लिये किये जाने वाले पूजन, हवन तथा यज्ञ इत्यादि भी राहु के विनाशकारी स्वभाव के कारण प्रभावित होते हैं। यदि कोई राहु काल के समय, पूजा, हवन तथा यज्ञ इत्यादि करता है, तो उसे मनोवान्छित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। अतः किसी भी प्रकार का नवीन कार्य आरम्भ करने से पूर्व राहु काल का विचार करना अत्यन्त आवश्यक है, इससे इच्छित परिणाम प्राप्त होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

हालाँकि, राहु से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कार्य इस अवधि में अनुकूल परिणाम देता है। राहु की प्रसन्नता हेतु किये जाने वाले हवन, यज्ञ आदि राहु काल में सम्पन्न किये जा सकते हैं।

मुख्यतः दक्षिण भारत में, राहु काल को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। राहुकाल के समय, विवाह अनुष्ठानगृह प्रवेश तो निषेध हैं ही, साथ ही इस काल अवधि में, स्टॉक, शेयर, स्वर्ण, घर, कार इत्यादि क्रय करने एवं नवीन व्यापार प्रारम्भ करने से भी बचना चाहिये। राहु काल का विचार मात्र किसी नवीन कार्य को आरम्भ करने के लिये किया जाता है, किन्तु पूर्व से ही चले आ रहे कार्यों को राहु काल के समय जारी रखा जा सकता है।

राहु काल, प्रत्येक दिवस की एक निश्चित समयावधि होती है, जो लगभग डेढ़ घण्टे (एक घण्टा तीस मिनट) तक रहती है। राहु काल, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के मध्य, दिन के आठ खण्डों में से एक खण्ड है। एक निश्चित स्थान के अनुसार, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के मध्य की कुल समयावधि को निकालकर, उस अवधि को आठ से विभाजित करने के पश्चात्, दिन के आठ खण्डों की गणना की जाती है।

सूर्योदय तथा सूर्यास्त के स्थानीय समय में अन्तर के कारण, राहु काल का समय व अवधि किन्हीं भी दो स्थानों के लिये समान नहीं होती है। यहाँ तक कि, एक स्थान के लिये भी राहु काल का समय व अवधि सभी दिनों के लिये समान नहीं है, क्योंकि सूर्योदय तथा सूर्यास्त का समय वर्ष पर्यन्त परिवर्तित होता रहता है। अन्य शब्दों में कहें तो, राहु काल प्रत्येक स्थान तथा दिन के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। इसलिये, राहु काल प्रत्येक दिन देखना चाहिये।

सूर्योदय के पश्चात् प्रथम खण्ड (सूर्योदय एवं सूर्यास्त के बीच के आठ खण्डो में से एक) सदैव शुभः होता है, यह लगभग डेढ़ घण्टे तक रहता है। माना जाता है कि, यह अवधि सदैव राहु के प्रभाव से मुक्त रहती है। सोमवार को राहु काल दूसरे खण्ड में, शनिवार को तीसरे खण्ड में, शुक्रवार को चौथे खण्ड में, बुधवार को पाँचवें खण्ड में, गुरुवार को छठे खण्ड में, मंगलवार को सातवें तथा रविवार को आठवें खण्ड में रहता है।

कुछ लोग, राहु काल को रात्रि की अवधि के लिये भी मानते हैं, जो कि कम लोकप्रिय है, क्योंकि अधिकांश महत्वपूर्ण एवं शुभः कार्य दिन के समय आरम्भ किये जाते हैं। हालाँकि, रात्रि के समय राहु काल की गणना सूर्यास्त तथा अगले दिन सूर्योदय के बीच की अवधि को आठ से विभाजित करके भी की जा सकती है। मंगलवार, शुक्रवार तथा रविवार के दिन राहु काल का सप्ताह के अन्य दिनों की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ता है।

Kalash
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