☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

-9233 मकर संक्रान्ति फलम् कोलंबस, Ohio, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

-9233 मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति फलम्

मकर संक्रान्ति फलम्

  • चोरों के लिए यह संक्रान्ति अच्छी है।
  • वस्तुओं की लागत सस्ती होगी।
  • प्रावधानों की प्रचुर आपूर्ति लाती है।
  • लोग खांसी और ठण्ड से पीड़ित होंगे, राष्ट्रों के बीच संघर्ष होगा और बारिश के अभाव में अकाल की सम्भावना बनेगी।
मकर संक्रान्ति मुहूर्त

मकर संक्रान्ति मुहूर्त

संक्रान्ति करण: तैतिल
संक्रान्ति दिन: Saturday / शनिवार
संक्रान्ति अवलोकन दिनाँक: अगस्त 07, -9234
संक्रान्ति गोचर दिनाँक: अगस्त 06, -9234
संक्रान्ति का समय: 23:32, अगस्त 06
संक्रान्ति घटी: 40 (रात्रिमान)
संक्रान्ति चन्द्रराशि: मकर Makara
संक्रान्ति नक्षत्र: धनिष्ठा (चर संज्ञक) Dhanishtha
तैतिल करण संक्रान्ति के साथ वाहन गर्दभ पर सवार
Sankranti Phalam

संक्रान्ति गुण
फलम् संकेत
नाम
राक्षसी
वार मुख
पश्चिम
दृष्टि
ईशान
गमन
उत्तर
वाहन
गर्दभ
उपवाहन
मेष
वस्त्र
गुलाबी
आयुध
दण्ड
भक्ष्य पदार्थ
पकवान
गन्ध द्रव्य
मिट्टी
वर्ण
पक्षी
पुष्प
केतकी
वय
युवा
अवस्था
हास्य
करण मुख
उत्तर
स्थिति
सोती
भोजन पात्र
काँसा
आभूषण
मूँग
कन्चुकी
श्वेत

टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

संक्रान्ति फलम्

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह द्वारा राशिचक्र में भ्रमण करते हुये एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करनी की घटना को संक्रान्ति कहा जाता है। एक सौर वर्ष में बारह संक्रान्ति होती हैं।

वैदिक ज्योतिष में संक्रान्ति के स्वरूप का वर्णन किया गया है। वैदिक ज्योतिष में संक्रान्ति 60 योजन (लगभग 432 किमी) चौड़ी और लम्बी होती है। संक्रान्ति को एक मुख, लम्बी नासिका, चौड़े होंठ तथा नौ भुजाओं वाले एक पुरुष के रूप में वर्णित किया जाता है। यह आगे की दिशा में गति करता है, किन्तु पीछे की ओर देखता रहता है। संक्रान्ति एक हाथ में नारियल का खोल पकड़कर घूर्णन करता रहता है।

हिन्दु मान्यताओं के अनुसार, उपरोक्त अवतार अशुभ लगता है। इसीलिये संक्रान्ति शुभ कार्यों के लिये निषिद्ध मानी जाती है। हालाँकि, संक्रान्ति की अवधि दान, तपस्या एवं श्राद्ध अनुष्ठानों के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। संक्रान्ति के दौरान लोग निर्धनों एवं सुपात्रों को दान देते हैं, पवित्र नदियों में स्नान करते हैं तथा पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध आदि कर्म करते हैं।

वैदिक ज्योतिष, पञ्चाङ्ग के आधार पर प्रत्येक संक्रान्ति की विशेषताओं का वर्णन भी करता है। ये विशेषतायें महीने में आने वाली घटनाओं का संकेत देती हैं। माना जाता है कि जो भी वस्तुयें संक्रान्ति से प्रभावित होती हैं, उनका अशुभ समय आरम्भ हो जाता है। जैसे यदि संक्रान्ति स्वर्ण से सुसज्जित हो तो आने वाला माह स्वर्ण आदि का व्यापार करने वालों के लिये अच्छा नहीं है।

Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation