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-3207 पितृ पक्ष के दौरान भरणी श्राद्ध Cambridge, Massachusetts, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

-3207 महा भरणी श्राद्ध

Cambridge, संयुक्त राज्य अमेरिका
महा भरणी श्राद्ध
7वाँ
जुलाई -3207
Tuesday / मंगलवार
भरणी श्राद्ध
Shraddha

श्राद्ध अनुष्ठान समय

महा भरणी श्राद्ध मंगलवार, जुलाई 7, -3207 को
कुतुप मूहूर्त - 11:14 ए एम से 12:15 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 01 मिनट
रौहिण मूहूर्त - 12:15 पी एम से 01:16 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 01 मिनट
अपराह्न काल - 01:16 पी एम से 04:20 पी एम
अवधि - 03 घण्टे 03 मिनट्स
भरणी नक्षत्र प्रारम्भ - जुलाई 07, -3207 को 12:39 पी एम बजे
भरणी नक्षत्र समाप्त - जुलाई 08, -3207 को 11:58 ए एम बजे

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Cambridge, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

-3207 भरणी श्राद्ध

पितृ पक्ष के समय अपराह्न काल में भरणी नक्षत्र होने पर भरणी श्राद्ध किया जाता है। महालय पक्ष के समय भरणी नक्षत्र, चतुर्थी तिथि अथवा पञ्चमी तिथि को आता है। महालय पक्ष, पितृ पक्ष का ही एक अन्य नाम है।

भरणी श्राद्ध को चौथ भरणी अथवा भरणी पञ्चमी के रूप में जाना जाता है। चतुर्थी तिथि के अपराह्न काल में भरणी नक्षत्र होने पर इसे चौथ भरणी कहा जाता है। यदि भरणी नक्षत्र पञ्चमी तिथि को अपराह्न काल में आता है तो इसे भरणी पञ्चमी के नाम से जाना जाता है। (कुछ वर्षों में भरणी नक्षत्र तृतीया तिथि पर भी आ सकता है। इसलिये भरणी श्राद्ध किसी एक निश्चित तिथि से जुड़ा नहीं है।)

भरणी श्राद्ध को महा भरणी श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। भरणी नक्षत्र के स्वामी यम हैं, जो कि मृत्यु के देवता हैं। इसीलिए पितृपक्ष के समय भरणी नक्षत्र को अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है।

भरणी श्राद्ध करने से, गया में किये गये श्राद्ध (गया श्राद्ध) के समान लाभ प्राप्त होता है। आमतौर पर किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरान्त मात्र एक बार ही भरणी नक्षत्र श्राद्ध किया जाता है, किन्तु धर्म-सिन्धु के अनुसार, यह प्रत्येक वर्ष भी किया जा सकता है।

पितृ पक्ष श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं। इन श्राद्धों को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त शुभ मुहूर्त माने गये हैं। अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध सम्बन्धी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिये। श्राद्ध के अन्त में तर्पण किया जाता है।

Kalash
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