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श्री कुबेर मन्त्र - मन्त्र एवं वीडियो

DeepakDeepak

कुबेर मन्त्र

ॐ यक्षाय कुबेराय मन्त्र, भगवान कुबेर को समर्पित सर्वाधिक लोकप्रिय एवं प्रभावी मन्त्र है। इस मन्त्र में कुल पैंतीस (35) अक्षर हैं, जिसके कारण यह मन्त्र कुबेर पञ्चत्रिंशत् मन्त्र के रूप में भी जाना जाता है। भगवान कुबेर, सृष्टि के कोषाध्यक्ष हैं, अतः उनकी उपासना से समस्त प्रकार की धन-समृद्धि का आगमन होता है।

इस मन्त्र के ऋषि विश्रवा हैं, छन्द बृहती तथा मन्त्र के देवता स्वयं कुबेर हैं। इस मन्त्र का पूर्ण विधि-विधान से अनुष्ठान करने से कुबेर जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा आर्थिक समस्याओं का अन्त होता है।

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॥ श्री कुबेर मन्त्र ॥

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

मन्त्र का अनुवाद

सृष्टि के समस्त धन-धान्य एवं सम्पदा के स्वामी, कृपया मुझे धन-धान्य एवं समृद्धि प्रदान करें। आपकी जय हो! जय हो! आपकी कृपा सदैव हम पर बनी रहे।

  • ॐ - सर्वशक्तिमान ईश्वर।
  • यक्षाय - हे यक्ष।
  • कुबेराय - कुबेर।
  • वैश्रवणाय - धन-सम्पदा के स्वामी।
  • धनधान्याधिपतये - धन-धान्य के अधिष्ठाता।
  • धनधान्यसमृद्धिं - धन, धान्य एवं समृद्धि।
  • मे देहि - मुझे प्रदान।
  • दापय - करें।
  • स्वाहा - आपकी जय हो! जय हो!
Kalash
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