☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

2025 दीवाली के दौरान धनतेरस पूजा का समय Amod, गुजरात, भारत के लिए

DeepakDeepak

2025 धनत्रयोदशी

iOS Shubh Diwali AppAndroid Shubh Diwali App
दीवाली पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, आरती, चालीसा आदि के लिए शुभ दीवाली ऐप इनस्टॉल करें
Amod, भारत
धनत्रयोदशी
18वाँ
अक्टूबर 2025
Saturday / शनिवार
धनतेरस पर महालक्ष्मी कुबेर पूजा
Mahalakshmi Kuber Puja on Dhanteras

प्रदोष काल मुहूर्त

धनतेरस पूजा शनिवार, अक्टूबर 18, 2025 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त - 19:44 से 20:40
अवधि - 00 घण्टे 56 मिनट्स
यम दीपम शनिवार, अक्टूबर 18, 2025 को
प्रदोष काल - 18:11 से 20:40
वृषभ काल - 19:44 से 21:43
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 18, 2025 को 12:18 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 19, 2025 को 13:51 बजे

अन्य शहरों में धनत्रयोदशी मुहूर्त
19:46 से 20:38 - पुणे
19:16 से 20:20 - नई दिल्ली
19:28 से 20:15 - चेन्नई
19:24 से 20:26 - जयपुर
19:29 से 20:20 - हैदराबाद
19:17 से 20:20 - गुरुग्राम
19:14 से 20:20 - चण्डीगढ़
18:41 से 19:38 - कोलकाता
19:49 से 20:41 - मुम्बई
19:39 से 20:25 - बेंगलूरु
19:44 से 20:41 - अहमदाबाद
19:15 से 20:19 - नोएडा

* अन्य शहरों के लिये दिये गये मुहूर्त का समय सम्बन्धित शहरों का स्थानीय समय है।

अन्य वर्षों में धनत्रयोदशी का दिन

2022 - शनिवार, अक्टूबर 22
2023 - शुक्रवार, नवम्बर 10
2024 - मंगलवार, अक्टूबर 29
2026 - शुक्रवार, नवम्बर 6
2027 - बुधवार, अक्टूबर 27
2028 - रविवार, अक्टूबर 15
2029 - रविवार, नवम्बर 4
2030 - बृहस्पतिवार, अक्टूबर 24
2031 - बुधवार, नवम्बर 12
2032 - रविवार, अक्टूबर 31

* धनत्रयोदशी के दिनों की गणना Amod, भारत के लिये की गयी है।

टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में Amod, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2025 धनतेरस पूजा, धनत्रयोदशी पूजा

धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।

धनतेरस पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। धनतेरस पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। इसीलिए धनतेरस पूजन के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है। वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है।

धनतेरस पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं। हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में त्रयोदशी तिथि, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। हम स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं इसीलिए आपको धनतेरस पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिए।

धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।

इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।

द्रिक पञ्चाङ्ग के सभी सदस्यों की ओर से आपको धनत्रयोदशी की हार्दिक शुभकामनायें।

Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation