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2025 रक्षा बन्धन का दिन और शुभ समय Alo, Alo, Wallis and Futuna के लिए

DeepakDeepak

2025 रक्षा बन्धन

Alo, Wallis and Futuna
रक्षा बन्धन
8वाँ
अगस्त 2025
Friday / शुक्रवार
रक्षा बन्धन
Raksha Bandhan

रक्षा बन्धन पर राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त

रक्षा बन्धन शुक्रवार, अगस्त 8, 2025 को
रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय - 32:18+ से 43:54+
अवधि - 11 घण्टे 36 मिनट्स
रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त - 37:08+ से 39:26+
अवधि - 02 घण्टे 19 मिनट्स
रक्षा बन्धन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त - 41:45+ से 43:54+
अवधि - 02 घण्टे 09 मिनट्स
रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय - 32:18+
रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ - 04:14 से अगस्त 07 को 05:24 बजे
रक्षा बन्धन भद्रा मुख - अगस्त 07 को 05:24 बजे से 31:20+
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - अगस्त 07, 2025 को 44:42+ बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगस्त 08, 2025 को 43:54+ बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Alo, Wallis and Futuna के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2025 रक्षा बन्धन

रक्षा बन्धन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।

अपराह्न का समय रक्षा बन्धन के लिये अधिक उपयुक्त माना जाता है जो कि हिन्दु समय गणना के अनुसार दोपहर के बाद का समय है। यदि अपराह्न का समय भद्रा आदि की वजह से उपयुक्त नहीं है तो प्रदोष काल का समय भी रक्षा बन्धन के संस्कार के लिये उपयुक्त माना जाता है।

भद्रा का समय रक्षा बन्धन के लिये निषिद्ध माना जाता है। हिन्दु मान्यताओं के अनुसार सभी शुभ कार्यों के लिए भद्रा का त्याग किया जाना चाहिये। सभी हिन्दु ग्रन्थ और पुराण, विशेषतः व्रतराज, भद्रा समाप्त होने के पश्चात रक्षा बन्धन विधि करने की सलाह देते हैं।

भद्रा पूर्णिमा तिथि के पूर्व-अर्ध भाग में व्याप्त रहती है। अतः भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षा बन्धन किया जाना चाहिये। उत्तर भारत में ज्यादातर परिवारों में सुबह के समय रक्षा बन्धन किया जाता है जो कि भद्रा व्याप्त होने के कारण अशुभ समय भी हो सकता है। इसीलिये जब प्रातःकाल भद्रा व्याप्त हो तब भद्रा समाप्त होने तक रक्षा बन्धन नहीं किया जाना चाहिये। द्रिक पञ्चाङ्ग रक्षा बन्धन के लिये भद्रा-रहित शुभ मुहूर्त उपलब्ध कराता है।

कुछ लोगो का ऐसा मानना है कि प्रातःकाल में, भद्रा मुख को त्याग कर, भद्रा पूँछ के दौरान रक्षा बन्धन किया जा सकता है। द्रिक पञ्चाङ्ग की टीम को किसी भी हिन्दु ग्रन्थ और पुराण में इसका सन्दर्भ नहीं मिला और हम भद्रा के दौरान किसी भी रक्षा बन्धन मुहूर्त का समर्थन नहीं करते हैं।

अशुभ समय पर रक्षा बन्धन करने की भूल से बचने के लिये हम किसी अच्छे पञ्चाङ्ग, जैसे कि द्रिक पञ्चाङ्ग, देखने की सलाह देते हैं। द्रिक पञ्चाङ्ग विश्व के सभी शहरों के लिये रक्षा बन्धन का शुभ मुहूर्त उपलब्ध कराता है।

Kalash
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