॥ आज बिरज में होरी रे रसिया ॥
आज बिरज में होरी रे रसिया।
होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया॥
घर घर से ब्रज बनिता आई,
कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया।
आज बिरज में…॥
इत तें आये कुंवर कन्हाई,
उत तें आईं राधा गोरी रे रसिया।
आज बिरज में…॥
कोई लावे चोवा कोई लावे चंदन,
कोई मले मुख रोरी रे रसिया।
आज बिरज में…॥
उडत गुलाल लाल भये बदरा,
मारत भर भर झोरी रे रसिया
आज बिरज में…॥
चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण प्रभु,
चिर जीवो यह जोडी रे रसिया
आज बिरज में…॥
आज बिरज में होरी रे रसिया।
होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया॥
आज बिरज में…॥