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शुभ होरा | होरा टेबल Frankfurt am Main, Hesse, जर्मनी के लिए

DeepakDeepak

शुभ होरा

 वर्तमान होरा
Smothered Deepak
शनि - मन्द
08:40 पी एम से 09:50 पी एम
00:17:08 Countdown Sandbox
Frankfurt am Main, जर्मनी
27
अक्टूबर 2025
सोमवार

अक्टूबर 27, 2025, सोमवार

Day Sunदिन का होरा
Sunrise07:07 ए एम
चन्द्र - नम्र
07:07 ए एम से 07:57 ए एम
शनि - मन्द
07:57 ए एम से 08:48 ए एम
गुरु - फलदायक
08:48 ए एम से 09:38 ए एम
मंगल - आक्रामक
09:38 ए एम से 10:28 ए एम
सूर्य - बलवान
10:28 ए एम से 11:18 ए एम
शुक्र - लाभदायी
11:18 ए एम से 12:09 पी एम
बुध - तीव्र
12:09 पी एम से 12:59 पी एम
चन्द्र - नम्र
12:59 पी एम से 01:49 पी एम
शनि - मन्द
01:49 पी एम से 02:40 पी एम
गुरु - फलदायक
02:40 पी एम से 03:30 पी एम
मंगल - आक्रामक
03:30 पी एम से 04:20 पी एम
सूर्य - बलवान
04:20 पी एम से 05:10 पी एम
Night Starsरात्रि का होरा
Sunset05:10 पी एम
शुक्र - लाभदायी
05:10 पी एम से 06:20 पी एम
बुध - तीव्र
06:20 पी एम से 07:30 पी एम
चन्द्र - नम्र
07:30 पी एम से 08:40 पी एम
शनि - मन्दCountdown Sandbox
08:40 पी एम से 09:50 पी एम
गुरु - फलदायक
09:50 पी एम से 11:00 पी एम
मंगल - आक्रामक
11:00 पी एम से 12:10 ए एम, अक्टूबर 28
सूर्य - बलवान
12:10 ए एम से 01:19 ए एम, अक्टूबर 28
शुक्र - लाभदायी
01:19 ए एम से 02:29 ए एम, अक्टूबर 28
बुध - तीव्र
02:29 ए एम से 03:39 ए एम, अक्टूबर 28
चन्द्र - नम्र
03:39 ए एम से 04:49 ए एम, अक्टूबर 28
शनि - मन्द
04:49 ए एम से 05:59 ए एम, अक्टूबर 28
गुरु - फलदायक
05:59 ए एम से 07:09 ए एम, अक्टूबर 28

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Frankfurt am Main, जर्मनी के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

होरा चक्र के विषय में

अधिकांशतः शुभ मुहूर्त निकलवाने के लिये पण्डितजी से परामर्श किया जाता है तथा पण्डितजी पञ्चाङ्ग देखकर एक उपयुक्त मुहूर्त सुझाते हैं। प्रायः ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि किसी कारणवश पण्डितजी से परामर्श करना सम्भव नहीं हो पाता है। ऐसी स्थितियों के लिये ज्योतिष शास्त्र ने शुभ और अशुभ मुहूर्त की गणना के लिये होरा चक्र का निर्माण किया है। होरा चक्र के द्वारा कोई भी व्यक्ति बिना पण्डितजी से विचार-विमर्श किये अपने कार्य सम्पन्न करने हेतु आसानी से शुभ मुहूर्त ज्ञात कर सकता है।

होरा एक संस्कृत शब्द है। होरा शब्द की उत्पत्ति (अ)होरा(त्र) से हुयी है। दिन और रात्रि को मिलाकर एक चक्र की समयावधि को अहोरात्र कहा जाता है। वैदिक समय गणना में अहोरात्र सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक के मध्य की समयावधि को कहा जाता है। अहोरात्र के प्रथम व अन्तिम अक्षर को हटाने पर होरा शब्द की प्राप्ति होती है। एक रोचक तथ्य यह भी है कि स्पैनिश भाषा में होरा का मतलब समय होता है।

7 विभिन्न प्रकार की होरा होती हैं और एक दिन में कुल 24 होरा होती हैं। सभी 7 होरा आवर्तनशील होती हैं जो कि प्रत्येक दिन और रात एक निश्चित चक्र में घूमती रहती हैं।

तमिल नाडु राज्य में लोग नल्ला नेरम और गौरी नल्ला नेरम का पालन करते हैं। दिन की शुभ होरा के आधार पर नल्ला नेरम के समय निर्धारित किये जाते हैं। तमिल गौरी पञ्चाङ्गम में दिये गये नल्ला नेरम, गौरी नल्ला नेरम के नाम से प्रचलित हैं।

प्रत्येक सात होरा का महत्व

सूर्य होरा

सूर्य होरा रविवार के दिन प्रथम होरा होती है। सूर्य होरा ऊर्जावान, तेजपूर्ण, क्रियाशील और शक्ति से परिपूर्ण होती है। अतः यह होरा राजनीति से सम्बन्धित कार्यों, कोर्ट-कचहरी से सम्बन्धित कार्यों, राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने, टेन्डर जमा करने, कोई भी जिम्मेदारी सौंपने या लेने और सरकारी नौकरी शुरू करने के लिये उपयुक्त मानी गयी है। सूर्य की होरा रविवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन अधिक प्रभावशाली होती है और शुक्रवार व शनिवार के दिन यह अशुभफलदायक होती है।

सूर्य की होरा माणिक रत्न धारण करने के लिये शुभ होती है। माणिक रत्न सूर्य भगवान को प्रसन्न करने हेतु धारण किया जाता है।

शुक्र होरा

शुक्र होरा शुक्रवार के दिन प्रथम होरा होती है। शुक्र होरा लाभकारक, सौंदर्यात्मक और एकाकीकरण करने वाली होती है। अतः यह होरा प्रेम, प्रणय, विवाह और समागम क्रिया के लिये उपयुक्त मानी गयी है। मनोरंजक गतिविधियों जैसे संगीत, कला और नृत्य के लिये भी शुक्र की होरा उपयुक्त मानी गयी है। शुक्र की होरा बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को अधिक प्रभावशाली होती है तथा रविवार के दिन यह कम प्रभावशाली होती है।

शुक्र की होरा विशेषतः ओपल रत्न और कोई भी अन्य हीरा धारण करने के लिये शुभ होती है। ओपल रत्न शुक्र देव को प्रसन्न करने हेतु धारण किया जाता है।

बुध होरा

बुध होरा बुधवार के दिन प्रथम होरा होती है। बुध होरा त्वरित, परिवर्तनशील और अस्थिर होती है। अतः यह होरा शिक्षा, नया कौशल सीखने, स्थान परिवर्तन करने, लिखित अनुबन्ध को अन्तिम रूप देने और यात्रा सम्बन्धित गतिविधियों के लिये उपयुक्त मानी गयी है। बुध की होरा मीडिया और प्रकाशन उद्योग के लिये शुभ होती है। बुध की होरा बुधवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन अधिक प्रभावशाली होती है और मंगलवार के दिन कम प्रभावशाली होती है।

बुध की होरा पन्ना रत्न धारण करने के लिये शुभ होती है। पन्ना रत्न बुध ग्रह को प्रसन्न करने हेतु धारण किया जाता है।

चन्द्र होरा

चन्द्र होरा सोमवार के दिन प्रथम होरा होती है। चन्द्र होरा मृदु, सौम्य, कोमल और अस्थिर होती है। अतः यह होरा अधिकांश गतिविधियों के लिये उपयुक्त मानी गयी है। चन्द्र होरा विशेष तौर पर बागवानी, भोज्य पदार्थ के कार्य, समुद्र के व्यवसाय, मोती व शंख से सम्बन्धित कार्य, चाँदी से सम्बन्धित कार्य और नारी-सुलभ कार्य करने के लिये उपयुक्त होती है। चन्द्र की होरा सोमवार व गुरुवार के दिन अधिक प्रभावशाली होती है और शनिवार व रविवार के दिन कम प्रभावशाली होती है।

चन्द्र की होरा मोती धारण करने के लिये शुभ होती है।

शनि होरा

शनि होरा शनिवार के दिन प्रथम होरा होती है। शनि होरा सुस्त, निष्क्रिय और विलम्ब कराने वाली होती है। अतः शनि की होरा उस प्रत्येक कार्य के लिये वर्जित मानी गयी है जिसमें जातक त्वरित फल चाहता है। शनि की होरा तेल, लेड (सीसा), काँच और लोहे से सम्बन्धित गतिविधियों के लिये उपयुक्त मानी गयी है। शनि की होरा भूमि पूजन, बैंक में निश्चित खाता खुलवाने, गृह प्रवेश और कृषि सम्बन्धित कार्यों के लिये भी उपयुक्त होती है। शनि की होरा बुधवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन अधिक प्रभावशाली होती है। यह सोमवार, मंगलवार और रविवार के दिन अशुभफलदायक होती है।

शनि की होरा नीलम और गोमेद रत्न धारण करने के लिये शुभ होती है। नीलम रत्न शनि देव को तथा गोमेद रत्न राहु को प्रसन्न करने हेतु धारण किया जाता है।

गुरु होरा

गुरु होरा गुरुवार के दिन प्रथम होरा होती है। गुरु की होरा अनुकूल, शुभफलदायी और वृद्धिकारक होती है। अतः यह होरा अधिकांश शुभ कार्यों के लिये उपयुक्त मानी गयी है। गुरु की होरा यात्रा एवं परिवहन, मुद्रा विनियम तथा अन्य वित्तीय गतिविधियों के लिये, नये घर के निर्माण कार्य शुरू करने, गृह प्रवेश और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिये उपयुक्त होती है। गुरु की होरा मंगलवार, गुरुवार और रविवार के दिन अधिक प्रभावशाली होती है।

गुरु की होरा पुखराज रत्न धारण करने के लिये शुभ होती है। पुखराज रत्न बृहस्पति देव को प्रसन्न करने हेतु धारण किया जाता है।

मंगल होरा

मंगल होरा मंगलवार के दिन प्रथम होरा होती है। मंगल की होरा तीक्ष्ण (तीव्र), आक्रामक और परिवर्तनशील प्रकृति की होती है। अतः मंगल की होरा सभी शुभ कार्य और महत्वपूर्ण गतिविधियों को करने के लिये निषिद्ध मानी जाती है। मंगल की होरा में साहसिक कार्य, खेलकुद व प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियाँ, इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग के कार्य, अग्नि सम्बन्धित कार्य, मुकदमेबाजी और निर्माण कार्य सम्पन्न किये जा सकते हैं। मंगल की होरा मंगलवार, गुरुवार और रविवार के दिन अधिक प्रभावशाली होती है। बुधवार और शनिवार के दिन यह अशुभफलदायक होती है।

मंगल की होरा मूँगा रत्न और लहसुनियाँ रत्न धारण करने के लिये शुभ होती है। मूँगा रत्न मंगल देव को और लहसुनियाँ रत्न केतु को प्रसन्न करने हेतु धारण किया जाता है।

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