☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

-1668 अधिक भाद्रपद पूर्णिमा का दिन लँकेस्टर, California, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak

-1668 अधिक भाद्रपद पूर्णिमा

Location
लँकेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका
अधिक भाद्रपद पूर्णिमा
11वाँ
जुलाई -1668
Sunday / रविवार
पूर्णिमा के दिन चन्द्रदेव को अर्घ्य देती महिला
Women giving Purnima Arghya

भाद्रपद अधिक पूर्णिमा समय

भाद्रपद अधिक पूर्णिमा रविवार, जुलाई 11, -1668 को
Shukla Purnima भाद्रपद अधिक पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - 06:25 पी एम, जुलाई 10
भाद्रपद अधिक पूर्णिमा उपवास शनिवार, जुलाई 10, -1668 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - जुलाई 10, -1668 को 10:27 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - जुलाई 11, -1668 को 07:15 ए एम बजे

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में लँकेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

-1668 अधिक पूर्णिमा

हिन्दु पञ्चाङ्ग के अनुसार अधिक मास की पूर्णिमा प्रति ढाई वर्ष के अन्तराल में आती है। अधिक मास को मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। अधिक मास में आने के कारण यह तिथि अधिक पूर्णिमा के नाम से लोकप्रिय है। अधिक मास को हिन्दु धर्म में अत्यन्त पावन एवं महत्वपूर्ण माह माना गया है। इसी कारण से इस माह में आने वाली पूर्णिमा को सामान्य पूर्णिमा से भिन्न एवं विशिष्ट माना जाता है। स्कन्दपुराण, पद्मपुराण, नारदपुराण तथा भविष्यपुराण आदि धर्म ग्रन्थों में अधिक मास की पूर्णिमा को सर्व सिद्धिदायिनी पूर्णिमा के रूप में वर्णित किया गया है।

श्रीविष्णु सहस्रनाम के अनुसार भगवान विष्णु का एक नाम पुरुषोत्तम भी है, जिसका अर्थ है 'पुरुषों में उत्तम'। अतः विष्णु जी को समर्पित होने के कारण अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। अधिक मास की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का एक अत्यन्त स्वर्णिम अवसर है। इस दिन अनेक स्थानों पर भजन-कीर्तन, सत्संग, तथा धार्मिक आयोजन किये जाते हैं।

विभिन्न धर्मग्रन्थों में प्राप्त वर्णन के अनुसार अधिक मास की पावन पूर्णिमा तिथि पर दान, जप, व्रत एवं कथा श्रवण करने से सौ यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। अधिक माह की पूर्णिमा के शुभ अवसर पर यथाशक्ति गङ्गा, यमुना, नर्मदा आदि पवित्र नदियों के पावन तट पर तीर्थ स्नान तथा दान-पुण्य आदि अवश्य करना चाहिये।

अधिक मास की पूर्णिमा पर व्रत करने से अन्य व्रत की तुलना में अनेक गुना फल प्राप्त होता है। भक्तगण इस दिन पूरे दिन निर्जला अथवा फलाहारी उपवास करते हैं तथा भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। तदुपरान्त सायाह्नकाल में चन्द्रदेव को अर्घ्य अर्पण करने के उपरान्त व्रत का पारण करते हैं। शैव सम्प्रदाय के अनुयायी इस दिन भगवान शिव का विशेष पूजन करते हैं।

भगवान विष्णु का प्रिय माह होने के कारण पुरुषोत्तम माह में विष्णु जी सम्बन्धित पूजन, हवन तथा धार्मिक अनुष्ठान किये जाते हैं। अतः यह माह भगवान सत्यनारायण की आराधना हेतु भी अति श्रेष्ठ माना जाता है। भगवान विष्णु के ही विभिन्न रूपों में से एक भगवान सत्यनारायण भी हैं। पुरुषोत्तम माह में, विशेषतः पूर्णिमा तिथि के दिन सत्यनारायण कथा का पाठ एवं श्रवण करने से अनन्त प्रकार के पाप कर्मों का शमन होता है। यह व्रत पारिवारिक सुख-शान्ति, समृद्धि तथा मनोकामना पूर्ति हेतु अत्यन्त प्रभावी माना जाता है।

अधिक मास की पूर्णिमा को दान के लिये भी अत्यन्त फलदायी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कलियुग में दान को सर्वश्रेष्ठ कर्म माना गया है। अधिक मास की पूर्णिमा पर किये जाने वाले दान से मनुष्य को महान पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, गौ-दान आदि करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।

Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation