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अक्टूबर 01, 2025 निष्क्रमण का मुहूर्त लँकेस्टर, California, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak
जन्म विवरण
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Boyनाम?
लिङ्ग
पुरुषमहिला
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Dateजन्म दिनाँक?
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ओल्सन समय क्षेत्र डी.एस.टी. नियम के लिये?
समय क्षेत्र अन्तराल?

अयनांश?

अक्टूबर 1, 2025, बुधवार

निष्क्रमण मुहूर्त

Nishkramana

निष्क्रमण, वैदिक ग्रन्थों में वर्णित 16 महत्वपूर्ण संस्कारों में से छठवाँ विशेष संस्कार है। शिशु का घर से प्रथम बार बाहर निकलना, निष्क्रमण कहलाता है। पञ्चाङ्ग का अवलोकन करने के पश्चात् शुभ मुहूर्त में निष्क्रमण किया जाता है। यह संस्कार जन्म के 12वें दिन से लेकर चौथे माह तक विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। सामान्यतः प्रचलन के अनुसार नामकरण संस्कार के समय ही निष्क्रमण संस्कार भी किया जाता है। यदि नामकरण संस्कार के समय यह संस्कार नहीं किया जाता है, तो इसे जन्म के तृतीय अथवा चतुर्थ माह में किया जा सकता है।

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Chart
उत्तरदक्षिणपूर्वपश्चिम
  • 08:22 ए एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    08:22 ए एम, अक्टूबर 01
    समाप्त:
    09:09 ए एम, अक्टूबर 01
    00 घण्टे 47 मिनट्स
    👍
    तुला लग्न, शुक्ल दशमी, अनुराधा होरा
    👎
    उत्तराषाढा
    Uttara Ashadha
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 09:09 ए एम
  • 09:57 ए एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    09:57 ए एम, अक्टूबर 01
    समाप्त:
    10:44 ए एम, अक्टूबर 01
    00 घण्टे 47 मिनट्स
    👍
    तुला लग्न, वृश्चिक लग्न, शुक्ल दशमी, धनिष्ठा होरा
    👎
    उत्तराषाढा
    Uttara Ashadha
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 10:44 ए एम
  • 12:18 पी एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    12:18 पी एम, अक्टूबर 01
    समाप्त:
    12:42 पी एम, अक्टूबर 01
    00 घण्टे 24 मिनट्स
    👍
    वृश्चिक लग्न, शुक्ल दशमी, अभिजित होरा
    👎
    उत्तराषाढा
    Uttara Ashadha
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 12:42 पी एम
    Mixed Muhurat
    प्रारम्भ:
    12:42 पी एम, अक्टूबर 01
    समाप्त:
    01:05 पी एम, अक्टूबर 01
    00 घण्टे 24 मिनट्स
    👍
    वृश्चिक लग्न, धनु लग्न, शुक्ल दशमी, अभिजित होरा
    👎
    उत्तराषाढा
    Uttara Ashadha
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
    1 अन्य
    👎
    राहु काल
    Info
  • 01:05 पी एम
  • 08:43 पी एम
    Auspicious Muhurat
    प्रारम्भ:
    08:43 पी एम, अक्टूबर 01
    समाप्त:
    01:11 ए एम, अक्टूबर 02
    04 घण्टे 28 मिनट्स
    👍
    श्रवण
    Shravana
    , वृषभ लग्न, मिथुन लग्न, कर्क लग्न, शुक्ल दशमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 01:11 ए एम
  • 02:24 ए एम
    Auspicious Muhurat
    प्रारम्भ:
    02:24 ए एम, अक्टूबर 02
    समाप्त:
    06:16 ए एम, अक्टूबर 02
    03 घण्टे 52 मिनट्स
    👍
    श्रवण
    Shravana
    , कर्क लग्न, सिंह लग्न, कन्या लग्न, शुक्ल दशमी
    📊
    समय अन्तराल की कुण्डली
    डी 1
  • 06:16 ए एम

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में लँकेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

सभी समय अन्तरालों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है -

  • Auspicious Muhurat
    शुभ - कार्य करने के लिये बहुत अच्छा।
  • अशुभ - कार्य करना अच्छा नहीं।
  • Mixed Muhurat
    मिश्रित - अच्छे अन्तराल उपलब्ध लेकिन कुछ दोष होने के कारण इसे अति आवश्यक होने पर ही सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिये।

शिशु को पहली बार घर से बाहर ले जाते समय निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान रखना चाहिये -

नक्षत्र: चर नक्षत्र पुनर्वसु (7), श्रवण (22), धनिष्ठा (23), एवं सौम्य एवं अनुकूल नक्षत्र मृगशिरा (5), रेवती (27), अनुराधा (17) तथा सभी लघु नक्षत्र अर्थात हस्त (13), अश्विनी (1), पुष्य (8) निष्क्रमण के लिये शुभ माने जाते हैं।

तिथि: द्वितीया (2), तृतीया (3), पञ्चमी (5), सप्तमी (7), दशमी (10), शुक्ल तथा कृष्ण दोनों पक्षों की एकादशियाँ (11) निष्क्रमण के लिये शुभ मानी जाती हैं। इन तिथियों के अतिरिक्त, शुक्ल त्रयोदशी, पूर्णिमा तथा कृष्ण प्रतिपदा को भी निष्क्रमण संस्कार के लिये शुभ माना जाता है।

दिन: मंगलवार तथा शनिवार के अतिरिक्त, अन्य सभी सप्ताह निष्क्रमण के लिये उत्तम माने जाते हैं।

लग्न: कुम्भ (11) तथा मीन (12) लग्न के अतिरिक्त अन्य सभी लग्नों को निष्क्रमण के लिये उत्तम माना जाता है।

निष्क्रमण, शिशु की प्रथम यात्रा है, इसीलिये यात्रा मुहूर्त से सम्बन्धित सभी तथ्यों पर भी विचार करना चाहिये। निष्क्रमण के समय, शिशु को सूर्य, चन्द्र अथवा अग्नि आदि देदीप्यमान वस्तुओं तथा देवालय का दर्शन करना चाहिये।

आधुनिक समय में, प्रसव चिकित्सालय में किया जाता है। सामान्य प्रसव में, माँ तथा शिशु तृतीय अथवा चतुर्थ दिवस के पश्चात घर वापस आते हैं तथा शल्यक्रिया द्वारा प्रसव होने की स्थिति में, माँ एवं शिशु प्रसव के 10वें अथवा 11वें दिवस के पश्चात् घर लौटकर आते हैं। इसीलिये, चिकित्सालय से घर लौटते समय इस मुहूर्त पर विचार करना कुछ सीमा तक उचित माना जा सकता है। तदोपरान्त, शिशु के घर से पहली बार बाहर निकलने के समय एक विस्तृत निष्क्रमण संस्कार कर लेना चाहिये।

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