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कुण्डली मिलान की अष्टकूट विधि में वर्ण कूट

DeepakDeepak

वर्ण कूट

कुण्डली मिलान में वर्ण कूट

वर्ण अनुकूलता का महत्व

वर्ण कूट अनुकूलता यह सुनिश्चित करती है कि, वधु अपने पति की आज्ञाकारी होगी कि नहीं। यदि दम्पत्ति का वर्ण समान है, तो वैवाहिक जीवन में आपसी प्रेम एवं सुख-सुविधा की कमी होगी। मान्यताओं के अनुसार, लड़की का उच्च वर्ण अनुशंसित अर्थात उपयुक्त नहीं है।

वर्ण विवरण

वर्ण कूट, पारम्परिक जाति व्यवस्था के समतुल्य है। ज्योतिष में श्रेष्ठता के क्रम में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र चार वर्ण हैं। इस क्रम में ब्राह्मण सर्वोच्च वर्ण है तथा शूद्र सर्वाधिक निम्न वर्ण है।

यदि युवक का वर्ण युवती के वर्ण से श्रेष्ठ अथवा समान है, तो एक अङ्क दिया जाता है। यदि लड़के का वर्ण निम्न है, तो कोई अङ्क नहीं दिया जाता।

वर्ण गणना

जिन लोगों की जन्म राशि

  • कर्क, वृश्चिक तथा मीन है, वे ब्राह्मण हैं।
  • मेष, सिंह तथा धनु है, वे क्षत्रिय हैं।
  • वृष, कन्या तथा मकर है, वे वैश्य हैं।
  • मिथुन, तुला तथा कुम्भ है, वे शूद्र हैं।

वर्ण चक्र

अन्तिम उपाय / अन्य

यदि युवक का वर्ण निम्न है, किन्तु उसके जन्म राशि स्वामियों का वर्ण उच्च है, तो यह मिलान के लिये योग्य होता है। जन्म राशि स्वामियों का मिलान अन्तिम उपाय के रूप में किया जाना चाहिये। इस मत के अनुसार,

  • शुक्र एवं बृहस्पति ब्राह्मण हैं।
  • मंगल एवं सूर्य क्षत्रिय हैं।
  • चन्द्रमा वैश्य है।
  • बुध एवं शनि शूद्र हैं।
Kalash
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