
चित्रा नक्षत्र - चित्रा वैदिक ज्योतिष में चौदहवाँ नक्षत्र है, जिसका विस्तार 23°20' कन्या से 6°40' तुला तक है।
प्रतीक चिह्न - इस नक्षत्र का प्रतीक एक देदीप्यमान रत्न अथवा मोती है।
खगोलीय नाम - इस नक्षत्र का ज्योतिषीय नाम स्पिका (Spica) है।
नक्षत्र के देवता - त्वष्टार अथवा विश्वकर्मा नामक दैवीय वास्तुकार, चित्रा नक्षत्र के देवता हैं।
शासक ग्रह - चित्रा नक्षत्र पर मंगल (मंगल ग्रह) का शासन होता है।
अन्य - चित्रा शब्द का अर्थ है, देदीप्यमान अथवा तेजोमयी होता है, इसीलिये इसे सुन्दर नक्षत्र भी कहा जाता है। चित्रा नक्षत्र को मोती से दर्शाया जाता है तथा इसके देवता विश्वकर्मा हैं, जो देवताओं के महान रचनाकार और शिल्पकार हैं।
नक्षत्र अस्त उदय - चित्रा प्रति वर्ष लगभग 31 दिनों की अवधि के लिये अस्त हो जाता है। चित्रा नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - चित्रा अस्त उदय।
नक्षत्र गोचर - चित्रा को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु उत्तम माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, चन्द्रमा किस समय चित्रा नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - चित्रा नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि।