ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्नि मध्याय धीमहि।
तन्नो अग्निः प्रचोदयात्॥
ॐ, मैं उन महान ज्योति का ध्यान कर रहा हूँ, जो अग्नि के मध्य में निवास करते हैं। हे अग्नि देव! अपने अग्नि रूपी तेज से मेरी बुद्धि एवं मन को प्रकाशित करें तथा हमें सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें।