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भगवान गणेश गायत्री मन्त्र - मन्त्र एवं वीडियो

DeepakDeepak

गणेश गायत्री मन्त्र

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॥ गणपति गायत्री मन्त्र ॥

ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

मन्त्र का अनुवाद

हम एक दाँत वाले भगवान से प्रार्थना करते हैं, जो सर्वव्यापी हैं। हम घुमावदार हाथी के आकार की सूँड वाले भगवान का ध्यान करते हैं तथा उनसे अधिक बुद्धि की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करते हैं। हम अपने मन को ज्ञान से प्रकाशित करने के लिये एक हाथी दाँत वाले के समक्ष नतमस्तक होते हैं।

  • एकदन्ताय - एक हाथी दाँत वाले।
  • विद्धमहे - जो सर्वव्यापी हैं।
  • वक्रतुण्डाय - घुमावदार सूँड वाले।
  • धीमहि - हम महान बुद्धि की प्राप्ति हेतु उनका ध्यान एवं प्रार्थना करते हैं।
  • तन्नो दन्ति - हम एक हाथी दाँत वाले के समक्ष नतमस्तक होते हैं।
  • प्रचोदयात् - हमारे मन को ज्ञान से प्रकाशित करें।
Kalash
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