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हरिद्रा गणपति मन्त्र - मन्त्र एवं वीडियो

DeepakDeepak

हरिद्रा गणपति मन्त्र

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॥ हरिद्रा गणपति मन्त्र ॥

ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपतये वर वरद
सर्व जन हृदयं स्तम्भय-स्तम्भय स्वाहा॥

हरिद्रा गणपति मन्त्र के विषय में

हरिद्रा गणपति मन्त्र, भगवान गणेश के हरिद्रा गणपति रूप को समर्पित दिव्य मन्त्र है। भगवान गणेश के मुख्य 32 रूपों में से एक हरिद्रा गणपति भी हैं। हरिद्रा गणपति को रात्रि गणपति के नाम से भी जाना जाता है। संस्कृत भाषा में हरिद्रा का अर्थ हल्दी होता है।

भगवान गणेश को इस स्वरूप में हल्दी के समान पीत वर्ण का दर्शाया जाता है। वे पीत वस्त्र एवं पीत आभूषण धारण करते हैं। हरिद्रा गणपति मन्त्र का पूर्ण विधि विधान से अनुष्ठान करने से शत्रु का हृदय भी द्रवित हो उठता है तथा वह साधक के वशीभूत हो जाता है।

Kalash
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