टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
भारत में अधिकांश लोग कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव, चन्द्र कैलेण्डर के अनुसार मनाते हैं, किन्तु कुछ दक्षिण भारतीय क्षेत्रों एवं मन्दिरों में कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव सौर कैलेण्डर के आधार पर मनाया जाता है। अधिकांश वर्षों में इन दोनों जन्माष्टमी के दिनों में एक या दो दिन से अधिक का अन्तर नहीं होता है, किन्तु कुछ वर्षों में चन्द्र कैलेण्डर आधारित जन्माष्टमी के दिन तथा सौर कैलेण्डर आधारित जन्माष्टमी के दिन में एक माह तक का अन्तर हो सकता है।
केरल, तमिल नाडु एवं कर्णाटक के कुछ क्षेत्रों में कृष्ण जन्माष्टमी सौर कैलेण्डर के अनुसार मनायी जाती है तथा इन क्षेत्रों में यह अष्टमी रोहिणी के नाम से लोकप्रिय है।
कर्णाटक स्थित उडुपी श्री कृष्ण मन्दिर तथा केरल स्थित गुरुवायुर गुरुवायुरप्पा मन्दिर भारत के दो प्रसिद्ध देव-स्थल हैं जहाँ कृष्ण जन्माष्टमी को सौर कैलेण्डर के अनुसार अष्टमी रोहिणी के रूप में मनाया जाता है।
अष्टमी रोहिणी को श्री जयन्ती तथा गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।