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राम नवमी पूजा विधि | राम नवमी के दौरान षोडशोपचार श्री राम पूजा

DeepakDeepak

भगवान राम पूजा विधि

भगवान राम पूजा विधि

यहाँ हम राम नवमी के अवसर पर की जाने वाली विस्तृत राम नवमी पूजा विधि का वर्णन कर रहे हैं। निम्नलिखित पूजा विधि में षोडशोपचार राम नवमी पूजा विधि के सभी सोलह चरणों को सम्मिलित किया गया है।

1. ध्यानम्

पूजा का शुभारम्भ, भगवान राम का ध्यान करते हुये करना चाहिये। अपने समक्ष पहले से स्थापित भगवान राम की प्रतिमा के समक्ष ध्यान किया जाना चाहिये। भगवान श्री राम का ध्यान करते समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिये।

Rama Navami Puja
राम नवमी के अवसर पर भगवान राम का अभिषेक
राम नवमी ध्यान मन्त्र

कोमलाक्षं विशालाक्षमिन्द्रनीलसमप्रभम्।
दक्षिणाङ्गे दशरथं पुत्रावेक्षणतत्परम्॥
पृष्ठतो लक्ष्मणं देवं सच्छत्रं कनकप्रभम्।
पार्श्वे भरतशत्रुघ्नौ तालवृन्तकरावुभौ।
अग्रे व्यग्रं हनूमन्तं रामानुग्रहकाङ्क्षिणं॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। ध्यानात् ध्यानं समर्पयामि॥

2. आवाहनम्

भगवान राम का ध्यान करने के पश्चात्, मूर्ति के समक्ष आवाहन मुद्रा प्रदर्शित करते हुये निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिये। दोनों हथेलियों को मिलाकर तथा अँगूठे को अन्दर की ओर मोड़कर आवाहन मुद्रा बनायी जाती है।

राम नवमी आवाहन मन्त्र

ॐ सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात्।
स भूमिं विश्वतो वृत्वा अत्यतिष्ठद्दशाङ्गुलम्॥
आवाहयामि विश्वेशं जानकीवल्लभं प्रभुम्।
कौशल्यातनयं विष्णुं श्रीरामं प्रकृतेः परम्॥

श्रीसीतासहित-श्रीरामचन्द्रं साङ्गं
सपरिवारं सायुधं सशक्तिकम् आवाहयामि॥

3. आसनम्

भगवान राम का आवाहन करने पश्चात्, श्री राम जी को आसन ग्रहण कराने हेतु, अञ्जलि में (दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर) पाँच पुष्प लें तथा निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, मूर्ति के समक्ष छोड़ दें।

राम नवमी आसन मन्त्र

पुरुष एवेदगं सर्वम् यद्भूतं यच्छ भव्यम्।
उतामृतत्वस्येशानः यदन्नेनातिरोहति॥
राजाधिराज राजेन्द्र रामचन्द्र महीपते।
रत्नसिंहासनं तुभ्यं दास्यामि स्वीकुरु प्रभो॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। आसनं समर्पयामि॥

4. पाद्यम्

भगवान राम को आसन अर्पण कराने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, उन्हें चरण प्रक्षालन हेतु जल अर्पित करें।

राम नवमी पाद्य मन्त्र

एतावानस्य महिमा अतो ज्यायागंश्च पूरुषः।
पादोऽस्य विश्वा भूतानि त्रिपादस्यामृतं दिवि॥
त्रैलोक्यपावनानन्त नमस्ते रघुनायक।
पाद्यं गृहाण राजर्षे नमो राजीवलोचन॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। पादयोः पाद्यं समर्पयामि॥

5. अर्घ्यम्

पाद्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को मस्तक के अभिषेक हेतु जल अर्पित करें।

राम नवमी अर्घ्य मन्त्र

त्रिपादूर्ध्व उदैत्पुरुषः पादोऽस्येहाभवात्पुनः।
ततो विश्वङ्व्यक्रामत् साशनानशने अभि॥
परिपूर्ण परानन्द नमो रामाय वेधसे।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं कृष्ण विष्णो जनार्दन॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। अर्घ्यं समर्पयामि॥

6. आचमनीयम्

अर्घ्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को आचमन हेतु जल अर्पित करें।

राम नवमी आचमनीय मन्त्र

तस्माद्विराडजायत विराजो अधि पूरुषः।
स जातो अत्यरिच्यत पश्चाद्भूमिमथो पुरः॥
नमः सत्याय शुद्धाय नित्याय ज्ञानरूपिणे।
गृहाणाचमनं राम सर्वलोकैकनायक॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। आचमनीयं समर्पयामि॥

7. मधुपर्कम्

आचमन अर्पण करें के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को मधु एवं दुग्ध अर्पित करें।

राम नवमी मधुपर्क मन्त्र

नमः श्रीवामदेवाय तत्त्वज्ञानस्वरूपिणे।
मधुपर्कं गृहाणेदं जानकीपतये नमः॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। मधुपर्कं समर्पयामि॥

8. स्नानम्

मधुपर्क अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को स्नान हेतु जल अर्पित करें।

राम नवमी स्नान मन्त्र

यत्पुरुषेण हविषा देवा यज्ञमतन्वत।
वसन्तो अस्यासीदाज्यम् ग्रीष्म इध्मश्शरद्धविः॥
ब्रह्माण्डोदरमध्यस्थैस्तीर्थैश्च रघुनन्दन।
स्नापयिष्याम्यहं भक्त्या त्वं प्रसीद जनार्दन॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। स्नानं समर्पयामि॥

9. पञ्चामृत-स्नानम्

स्नान के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान श्री राम को पञ्चामृत (दुग्ध, दही, मधु, घृत एवं शक्कर) से स्नान करायें।

राम नवमी पञ्चामृत-स्नान मन्त्र

पञ्चामृतं मयानीतं पयो दधि घृतं मधु।
शर्करा चेति तद्भक्त्या दत्तं ते प्रतिगृह्यताम्॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। पञ्चामृतस्नानं समर्पयामि॥

10. वस्त्रम्

तत् पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को नवीन वस्त्र के रूप में मोली अर्पित करें।

राम नवमी वस्त्र मन्त्र

तं यज्ञं बर्हिषि प्रौक्षन् पुरुषं जातमग्रतः।
तेन देवा अयजन्त साध्या ऋषयश्च ये॥
ॐ उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेस्मिन्कीर्तिमृद्धिं ददातु मे॥
तप्तकाञ्चनसंकाशं पीताम्बरम् इदं हरे।
त्वं गृहाण जगन्नाथ रामचन्द्र नमोऽस्तु ते॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। वस्त्रं समर्पयामि॥

11. यज्ञोपवीतम्

वस्त्र अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को यज्ञोपवीत अर्पित करें।

राम नवमी यज्ञोपवीत मन्त्र

तस्माद्यज्ञात्सर्वहुतः संभृतं पृषदाज्यम्।
पशूगँस्तागंश्चक्रे वायव्यान् आरण्यान् ग्राम्याश्च ये॥
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम्।
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद मे गृहात्॥
श्री रामाच्युत यज्ञेश श्रीधरानन्त राघव।
ब्रह्मसूत्रं सोत्तरीयं गृहाण रघुनन्दन॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। यज्ञोपवीतं समर्पयामि॥

12. गन्धः

यज्ञोपवीत अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को गन्ध अर्पित करें।

राम नवमी गन्ध मन्त्र

तस्माद्यज्ञात्सर्वहुतः ऋचः सामानि जज्ञिरे।
छन्दाँसि जज्ञिरे तस्मात् यजुस्तस्मादजायत॥
गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्।
ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम्॥
कुंकुमागुरु कस्तूरी कर्पूरोन्मिश्रचन्दनम्।
तुभ्यं दास्यामि राजेन्द्र श्रीराम स्वीकुरु प्रभो॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। गन्धं समर्पयामि॥

13. पुष्पाणि

गन्ध अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को पुष्प अर्पित करें।

राम नवमी पुष्पाणि मन्त्र

तस्मादश्वा अजायन्त ये के चोभयादतः।
गावो ह जज्ञिरे तस्मात् तस्माज्जाता अजावयः॥
तुलसीकुन्दमन्दारजातिपुन्नागचम्पकैः।
कदम्बकरवीरैश्च कुसुमैः शतपत्रकैः॥
नीलाम्बुजैर्बिल्वपत्रैः पुष्पमाल्यैश्च राघव।
पूजयिष्याम्यहं भक्त्या गृहाण त्वं जनार्दन॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। पुष्पाणि समर्पयामि॥

14. अथ अङ्गपूजा

तत् पश्चात् उन देवताओं की पूजा करें, जो स्वयं भगवान श्री राम की देह के अङ्ग हैं। पूजन हेतु बायें हाथ में गन्ध, अक्षत एवं पुष्प लें तथा निम्नलिखित मन्त्रों का उच्चारण करते हुये दाहिने हाथ से उन्हें श्री राम जी की मूर्ति के समक्ष अर्पित कर दें।

राम नवमी अङ्गपूजा मन्त्र

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। पादौ पूजयामि॥
ॐ राजीवलोचनाय नमः। गुल्फौ पूजयामि॥
ॐ रावणान्तकाय नमः। जानुनी पूजयामि॥
ॐ वाचस्पतये नमः। ऊरू पूजयामि॥
ॐ विश्वरूपाय नमः। जङ्घे पूजयामि॥
ॐ लक्ष्मणाग्रजाय नमः। कटी पूजयामि॥

ॐ विश्वमूर्तये नमः। मेढ्रं पूजयामि॥
ॐ विश्वामित्रप्रियाय नमः। नाभिं पूजयामि॥
ॐ परमात्मने नमः। हृदयं पूजयामि॥
ॐ श्रीकण्ठाय नमः। कण्ठं पूजयामि॥
ॐ सर्वास्त्रधारिणे नमः। बाहू पूजयामि॥
ॐ रघूद्वहाय नमः। मुखं पूजयामि॥

ॐ पद्मनाभाय नमः। जिह्वां पूजयामि॥
ॐ दामोदराय नमः। दन्तान् पूजयामि॥
ॐ सीतापतये नमः। ललाटं पूजयामि॥
ॐ ज्ञानगम्याय नमः। शिरः पूजयामि॥
ॐ सर्वात्मने नमः। सर्वाङ्गं पूजयामि॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। सर्वाङ्गाणि पूजयामि॥

15. धूपम्

अङ्गपूजा के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को धूप अर्पित करें।

राम नवमी धूप मन्त्र

वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तमः।
रामचन्द्र महिपालो धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्॥
यत्पुरुषं व्यदधुः कतिधा व्यकल्पयन्।
मुखं किमस्य कौ बाहू कावूरू पादावुच्येते॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। धूपं आघ्रापयामि॥

16. दीपः

धूप अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को दीप अर्पित करें।

राम नवमी दीप मन्त्र

साज्यं त्रिवर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया।
गृहाण मङ्गलं दीपं त्रैलोक्यतिमिरापहम्॥
ज्योतिषां पतये तुभ्यं नमो रामाय वेधसे।
गृहाण दीपकं चैव त्रैलोक्यतिमिरापहम्॥
ब्राह्मणोस्य मुखमासीत् बाहू राजन्यः कृतः।
ऊरू तदस्य यद्वैश्यः पद्भ्यां शूद्रोऽजायत॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। दीपं दर्शयामि॥

17. नैवेद्यम्

दीप अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को नैवेद्य अर्पित करें।

राम नवमी नैवेद्य मन्त्र

इदं दिव्यान्नममृतं रसैः षड्भिः समन्वितम्।
रामचन्द्रेश नैवेद्यं सीतेश प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ चन्द्रमा मनसो जातः चक्षोः सूर्यो अजायत।
मुखादिन्द्रश्चाग्निश्च प्राणाद्वायुरजायत॥
ॐ आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीं।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥

ॐ नमो रामचन्द्राय।
श्रीजानकी-सहित-रामचन्द्राय नमः। नैवेद्यं समर्पयामि॥
नैवेद्यान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि॥

18. फलम्

नैवेद्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को फल अर्पित करें।

राम नवमी फल मन्त्र

इदं फलं मया देव स्थापितं पुरतस्तव।
तेन मे सफलावाप्तिर्भवेत् जन्मनि जन्मनि॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। फलं समर्पयामि॥

19. ताम्बूलम्

फल अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को ताम्बूल (पान-सुपारी) अर्पित करें

राम नवमी ताम्बूल मन्त्र

नागवल्लीदलैर्युक्तं पूगीफलसमन्वितम्।
ताम्बूलं गृह्यतां राम कर्पूरादिसमन्वितम्॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। पूगीफलसमन्वितं ताम्बूलं समर्पयामि॥

20. दक्षिणा

ताम्बूल अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को दक्षिणा अर्पित करें।

राम नवमी दक्षिणा मन्त्र

हिरण्यगर्भगर्भस्थं हेमबीजं विभावसोः।
अनन्तपुण्यफलदमतः शान्तिं प्रयच्छ मे॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। दक्षिणां समर्पयामि॥

21. नीराजनम्

तत् पश्चात् निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को नीराजन (आरती) अर्पित करें। नीराजन मन्त्र का जप करने के उपरान्त श्री राम आरती का गायन करें।

राम नवमी नीराजन मन्त्र

नृत्यैर्गीतैश्च वाद्यैश्च पुराणपठनादिभिः।
पुजोपचारैरखिलैः सन्तुष्टो भव राघव॥
मङ्गलार्थं महीपाल नीराजनमिदं हरे।
संगृहाण जगन्नाथ रामचन्द्र नमोऽस्तु ते॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। नीराजनं समर्पयामि॥

22. पुष्पाञ्जलिः

तत् पश्चात् निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान श्री राम को पुष्पाञ्जलि अर्पित करें।

राम नवमी पुष्पाञ्जलि मन्त्र

यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्।
ते ह नाकम् महिमानः सचन्ते यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः॥
नमो देवाधिदेवाय रघुनाथाय शार्ङ्गिणे।
चिन्मयानन्तरूपाय सीतायाः पतये नमः॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। मन्त्रपुष्पाञ्जलिं समर्पयामि॥

23. प्रदक्षिणा

तत् पश्चात् निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, पुष्पों के साथ श्री राम जी की प्रतीकात्मक प्रदक्षिणा, अर्थात बायीं ओर से दायीं ओर परिक्रमा करें।

राम नवमी प्रदक्षिणा मन्त्र

नाभ्या आसीदन्तरिक्षम् शीर्ष्णो द्यौः समवर्तत।
पद्भ्यां भूमिर्दिशः श्रोत्रात् तथा लोकाँ अकल्पयन्॥
आर्द्रां यःकरिणीं पुष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
यानि कानि च पापानि ब्रह्महत्यासमानि च।
तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणे पदे पदे॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। प्रदक्षिणां समर्पयामि॥

24. क्षमार्पणम्

प्रदक्षिणा के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, पूजा के समय की गयीं ज्ञात-अज्ञात त्रुटियों के लिये भगवान श्री राम से क्षमा याचना करें।

राम नवमी क्षमार्पण मन्त्र

अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व पुरुषोत्तम॥
यान्तु देवगणाः सर्वे पूजाम् आदाय पार्थिवीम्।
इष्टकाम्यार्थसिद्ध्यर्थं पुनरागमनाय च॥

ॐ श्रीरामचन्द्राय नमः। क्षमार्पणं समर्पयामि॥

॥ इति राम नवमी पूजा विधिः सम्पूर्णः ॥

Kalash
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